मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी व मारपीट का मामला दिल्ली सरकार के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के लिए भी गले की फांस बनता जा रहा है। पुलिस का कहना है कि उसने सभी 13 आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटा लिए हैं। केस की मजबूती के लिए उसने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात चार ऐसे आइएएस अफसरों के भी बयान दर्ज किए हैं, जिनसे मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों द्वारा पहले बदसलूकी की जा चुकी है। सचिव स्तर के इन आइएएस अधिकारियों के बयान को चार्जशीट में शामिल किया गया है। पुलिस ने इनके नाम को गोपनीय रखा है। पुलिस के लिए अहम साक्ष्य के रूप में अंशु प्रकाश और केजरीवाल के पूर्व सलाहकार रहे वीके जैन के मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान, दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल, अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट, उनके पीएसओ व चालक के बयान, केजरीवाल के आवास पर हुईं बैठकों की रिपोर्ट, चार आइएएस अफसरों के बयान आदि हैं। पुलिस का दावा है कि सभी आरोपितों को सजा दिलाने के लिए उसके पास पर्याप्त सुबूत हैं। EXCLUSIVE: मुख्य सचिव पिटाई केस में चार्जशीट तैयार, केजरीवाल भी बनाए जाएंगे आरोपी यह भी पढ़ें लैब से मिली रिपोर्ट, सीसीटीवी कैमरे की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे थी मुख्य सचिव की पिटाई के अगले दिन 20 फरवरी को पुलिस ने मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क कर जांच के लिए सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) देने की मांग की थी। कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर 23 फरवरी को पुलिस की टीम मुख्यमंत्री आवास पर उस कमरे की जांच करने पहुंची, जिसमें मुख्य सचिव की पिटाई की गई थी। वहां पता चला कि मुख्यमंत्री आवास में सीसीटीवी कैमरे तो लगे हैं, लेकिन उस कमरे में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है जिसमें मुख्य सचिव की पिटाई की गई थी। पुलिस को 21 कैमरों में सात खराब मिले। सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर को जब्त कर पुलिस ने उसे जांच के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में भेज दिया था। सवा चार महीने बाद सोमवार को पुलिस को फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे थी। इनके साथ छेड़छाड़ की गई या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। चार महीने के बाद अफसरों के साथ बैठे सीएम केजरीवाल, बिजली-पानी पर रोज बेंगलुरु से लेंगे रिपोर्ट यह भी पढ़ें यह है मामला 19 फरवरी की रात 8.45 बजे मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर कहा था कि दिल्ली सरकार के तीन साल पूरा होने पर टीवी विज्ञापन के प्रसारण से संबंधित दिक्कतों के मद्देनजर बातचीत के लिए उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचना है। वहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री उनसे विचार-विमर्श करेंगे। इससे पहले शाम 6.55 बजे भी वीके जैन ने मुख्य सचिव को सचिवालय में अपने पास बुलाकर कहा था कि यदि टीवी विज्ञापन प्रसारण संबंधी मुद्दा नहीं सुलझा तो उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर आना होगा। IAS अफसर अनिंदो मजूमदार के दिल्ली तबादले से AAP नेता बेचैन, कभी हुए थे 'बेइज्जत' यह भी पढ़ें 19 फरवरी की रात 11.20 बजे तीसरी बार वीके जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर पूछा था कि वह घर से निकल चुके हैं या नहीं। इसके बाद मुख्य सचिव कार से चालक और अपने पीएसओ के साथ आधी रात को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। वहां वह पहले वीके जैन से मिले। वीके जैन उन्हें एक कमरे में ले गए जहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 11 विधायक व अन्य लोग बैठे थे। वहां जाते ही मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि सारे विधायक उनसे सरकार के तीन वर्ष पूरा होने पर विज्ञापन कार्यक्रम के संबंध में पूछ रहे हैं। विधायकों के सवालों का वह जबाव दें। इसपर अंशु प्रकाश ने कहा था कि सभी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से बंधे हुए हैं। किसी भी विज्ञापन का प्रसारण कोर्ट के दिशा-निर्देश के तहत ही हो सकता है। मुख्य सचिव का आरोप है कि उनके ऐसा कहते ही कमरे में मौजूद विधायकों ने उनसे गालीगलौच शुरू कर दी और अमानतुल्लाह खां समेत अन्य ने उनके साथ मारपीट भी की। मुख्य सचिव से मारपीट के दौरान मौजूद थे ये विधायक AAP सरकार और नौकरशाही के बीच सबकुछ ठीक नहीं, 'सुरक्षा-सम्मान' पर अटक रही बात यह भी पढ़ें घटना वाली रात मुख्यमंत्री आवास पर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के अलावा जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि, वजीरपुर के विधायक राजेश गुप्ता, किराड़ी के विधायक ऋतुराज गोविंद, कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल, जंगपुरा के विधायक प्रवीण कुमार, संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया, बुराड़ी के संजीव झा, अंबेडकर नगर के विधायक अजय दत्त, लक्ष्मी नगर के विधायक नितिन त्यागी, ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खां व देवली के विधायक प्रकाश जारवाल मौजूद थे। इन सभी से पुलिस पूछताछ कर चुकी है।

मुख्य सचिव पिटाई केसः केजरीवाल के घर 40 मिनट क्यों पीछे थी CCTV कैमरे की टाइमिंग

मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी व मारपीट का मामला दिल्ली सरकार के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के लिए भी गले की फांस बनता जा रहा है। पुलिस का कहना है कि उसने सभी 13 आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटा लिए हैं। केस की मजबूती के लिए उसने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात चार ऐसे आइएएस अफसरों के भी बयान दर्ज किए हैं, जिनसे मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों द्वारा पहले बदसलूकी की जा चुकी है। सचिव स्तर के इन आइएएस अधिकारियों के बयान को चार्जशीट में शामिल किया गया है। पुलिस ने इनके नाम को गोपनीय रखा है।मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी व मारपीट का मामला दिल्ली सरकार के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के लिए भी गले की फांस बनता जा रहा है। पुलिस का कहना है कि उसने सभी 13 आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटा लिए हैं। केस की मजबूती के लिए उसने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात चार ऐसे आइएएस अफसरों के भी बयान दर्ज किए हैं, जिनसे मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों द्वारा पहले बदसलूकी की जा चुकी है। सचिव स्तर के इन आइएएस अधिकारियों के बयान को चार्जशीट में शामिल किया गया है। पुलिस ने इनके नाम को गोपनीय रखा है।  पुलिस के लिए अहम साक्ष्य के रूप में अंशु प्रकाश और केजरीवाल के पूर्व सलाहकार रहे वीके जैन के मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान, दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल, अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट, उनके पीएसओ व चालक के बयान, केजरीवाल के आवास पर हुईं बैठकों की रिपोर्ट, चार आइएएस अफसरों के बयान आदि हैं। पुलिस का दावा है कि सभी आरोपितों को सजा दिलाने के लिए उसके पास पर्याप्त सुबूत हैं।   EXCLUSIVE: मुख्य सचिव पिटाई केस में चार्जशीट तैयार, केजरीवाल भी बनाए जाएंगे आरोपी यह भी पढ़ें लैब से मिली रिपोर्ट, सीसीटीवी कैमरे की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे थी  मुख्य सचिव की पिटाई के अगले दिन 20 फरवरी को पुलिस ने मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क कर जांच के लिए सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) देने की मांग की थी। कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर 23 फरवरी को पुलिस की टीम मुख्यमंत्री आवास पर उस कमरे की जांच करने पहुंची, जिसमें मुख्य सचिव की पिटाई की गई थी। वहां पता चला कि मुख्यमंत्री आवास में सीसीटीवी कैमरे तो लगे हैं, लेकिन उस कमरे में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है जिसमें मुख्य सचिव की पिटाई की गई थी। पुलिस को 21 कैमरों में सात खराब मिले। सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर को जब्त कर पुलिस ने उसे जांच के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में भेज दिया था। सवा चार महीने बाद सोमवार को पुलिस को फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे थी। इनके साथ छेड़छाड़ की गई या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।   चार महीने के बाद अफसरों के साथ बैठे सीएम केजरीवाल, बिजली-पानी पर रोज बेंगलुरु से लेंगे रिपोर्ट यह भी पढ़ें यह है मामला  19 फरवरी की रात 8.45 बजे मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर कहा था कि दिल्ली सरकार के तीन साल पूरा होने पर टीवी विज्ञापन के प्रसारण से संबंधित दिक्कतों के मद्देनजर बातचीत के लिए उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचना है। वहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री उनसे विचार-विमर्श करेंगे। इससे पहले शाम 6.55 बजे भी वीके जैन ने मुख्य सचिव को सचिवालय में अपने पास बुलाकर कहा था कि यदि टीवी विज्ञापन प्रसारण संबंधी मुद्दा नहीं सुलझा तो उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर आना होगा।   IAS अफसर अनिंदो मजूमदार के दिल्ली तबादले से AAP नेता बेचैन, कभी हुए थे 'बेइज्जत' यह भी पढ़ें 19 फरवरी की रात 11.20 बजे तीसरी बार वीके जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर पूछा था कि वह घर से निकल चुके हैं या नहीं। इसके बाद मुख्य सचिव कार से चालक और अपने पीएसओ के साथ आधी रात को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। वहां वह पहले वीके जैन से मिले। वीके जैन उन्हें एक कमरे में ले गए जहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 11 विधायक व अन्य लोग बैठे थे। वहां जाते ही मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि सारे विधायक उनसे सरकार के तीन वर्ष पूरा होने पर विज्ञापन कार्यक्रम के संबंध में पूछ रहे हैं। विधायकों के सवालों का वह जबाव दें। इसपर अंशु प्रकाश ने कहा था कि सभी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से बंधे हुए हैं। किसी भी विज्ञापन का प्रसारण कोर्ट के दिशा-निर्देश के तहत ही हो सकता है। मुख्य सचिव का आरोप है कि उनके ऐसा कहते ही कमरे में मौजूद विधायकों ने उनसे गालीगलौच शुरू कर दी और अमानतुल्लाह खां समेत अन्य ने उनके साथ मारपीट भी की।  मुख्य सचिव से मारपीट के दौरान मौजूद थे ये विधायक   AAP सरकार और नौकरशाही के बीच सबकुछ ठीक नहीं, 'सुरक्षा-सम्मान' पर अटक रही बात यह भी पढ़ें घटना वाली रात मुख्यमंत्री आवास पर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के अलावा जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि, वजीरपुर के विधायक राजेश गुप्ता, किराड़ी के विधायक ऋतुराज गोविंद, कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल, जंगपुरा के विधायक प्रवीण कुमार, संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया, बुराड़ी के संजीव झा, अंबेडकर नगर के विधायक अजय दत्त, लक्ष्मी नगर के विधायक नितिन त्यागी, ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खां व देवली के विधायक प्रकाश जारवाल मौजूद थे। इन सभी से पुलिस पूछताछ कर चुकी है।

पुलिस के लिए अहम साक्ष्य के रूप में अंशु प्रकाश और केजरीवाल के पूर्व सलाहकार रहे वीके जैन के मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान, दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल, अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट, उनके पीएसओ व चालक के बयान, केजरीवाल के आवास पर हुईं बैठकों की रिपोर्ट, चार आइएएस अफसरों के बयान आदि हैं। पुलिस का दावा है कि सभी आरोपितों को सजा दिलाने के लिए उसके पास पर्याप्त सुबूत हैं।

लैब से मिली रिपोर्ट, सीसीटीवी कैमरे की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे थी

मुख्य सचिव की पिटाई के अगले दिन 20 फरवरी को पुलिस ने मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क कर जांच के लिए सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) देने की मांग की थी। कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर 23 फरवरी को पुलिस की टीम मुख्यमंत्री आवास पर उस कमरे की जांच करने पहुंची, जिसमें मुख्य सचिव की पिटाई की गई थी। वहां पता चला कि मुख्यमंत्री आवास में सीसीटीवी कैमरे तो लगे हैं, लेकिन उस कमरे में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है जिसमें मुख्य सचिव की पिटाई की गई थी। पुलिस को 21 कैमरों में सात खराब मिले। सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर को जब्त कर पुलिस ने उसे जांच के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में भेज दिया था। सवा चार महीने बाद सोमवार को पुलिस को फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे थी। इनके साथ छेड़छाड़ की गई या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

यह है मामला

19 फरवरी की रात 8.45 बजे मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर कहा था कि दिल्ली सरकार के तीन साल पूरा होने पर टीवी विज्ञापन के प्रसारण से संबंधित दिक्कतों के मद्देनजर बातचीत के लिए उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचना है। वहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री उनसे विचार-विमर्श करेंगे। इससे पहले शाम 6.55 बजे भी वीके जैन ने मुख्य सचिव को सचिवालय में अपने पास बुलाकर कहा था कि यदि टीवी विज्ञापन प्रसारण संबंधी मुद्दा नहीं सुलझा तो उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर आना होगा।

19 फरवरी की रात 11.20 बजे तीसरी बार वीके जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर पूछा था कि वह घर से निकल चुके हैं या नहीं। इसके बाद मुख्य सचिव कार से चालक और अपने पीएसओ के साथ आधी रात को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। वहां वह पहले वीके जैन से मिले। वीके जैन उन्हें एक कमरे में ले गए जहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 11 विधायक व अन्य लोग बैठे थे। वहां जाते ही मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि सारे विधायक उनसे सरकार के तीन वर्ष पूरा होने पर विज्ञापन कार्यक्रम के संबंध में पूछ रहे हैं। विधायकों के सवालों का वह जबाव दें। इसपर अंशु प्रकाश ने कहा था कि सभी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से बंधे हुए हैं। किसी भी विज्ञापन का प्रसारण कोर्ट के दिशा-निर्देश के तहत ही हो सकता है। मुख्य सचिव का आरोप है कि उनके ऐसा कहते ही कमरे में मौजूद विधायकों ने उनसे गालीगलौच शुरू कर दी और अमानतुल्लाह खां समेत अन्य ने उनके साथ मारपीट भी की।

मुख्य सचिव से मारपीट के दौरान मौजूद थे ये विधायक

घटना वाली रात मुख्यमंत्री आवास पर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के अलावा जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि, वजीरपुर के विधायक राजेश गुप्ता, किराड़ी के विधायक ऋतुराज गोविंद, कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल, जंगपुरा के विधायक प्रवीण कुमार, संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया, बुराड़ी के संजीव झा, अंबेडकर नगर के विधायक अजय दत्त, लक्ष्मी नगर के विधायक नितिन त्यागी, ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खां व देवली के विधायक प्रकाश जारवाल मौजूद थे। इन सभी से पुलिस पूछताछ कर चुकी है।
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