बीजेपी सरकार को लगभग आज चार साल पुरे होने को आ गए है. ऐसे में यह देखना होगा कि इन चार सालो में भारत के पड़ोसियों से रिश्तें कैसे रहे है. जब भाजपा सत्ता में आई थी, तो सरकार ने पड़ोसी प्रथम का नारा दिया था. सरकार की मंशा पड़ोसियों को अधिक तवज्जो देकर रिश्ते बेहतर करने की थी. लेकिन अब नज़र डालते है बीजेपी के इस कार्यकाल पर. आपको बता दें कि अब जब सरकार अपने कार्यकाल के चार साल पूरे करने जा रही है तो पलटकर देखने की जरूरत है कि भारत के पड़ोसियों ने भारत से दूरी क्यों बना ली. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया था, जिसमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को छोड़कर बाकी देशों के प्रमुखों ने शिरकत भी की थी. आज कि तारीख में पाकिस्तान के साथ नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान के साथ भी भारत के संबंधों में काफी तल्खी आ गई है. साथ ही चीन ने 'वन बेल्ट, वन रोड' के जरिए भारत को उसके पड़ोसी देशों से दूर करने की कूटनीतिक चाल चली और इन सभी देशों से चीन ने अपने रिश्तें सुधर कर भारत को इनसे दूर किया है

मोदी राज,चार साल, कैसे है पड़ोसियों से भारत के हाल-चाल

बीजेपी सरकार को लगभग आज चार साल पुरे होने को आ गए है. ऐसे में यह देखना होगा कि इन चार सालो में भारत के पड़ोसियों से रिश्तें कैसे रहे है. जब भाजपा सत्ता में आई थी, तो सरकार ने पड़ोसी प्रथम का नारा दिया था. सरकार की मंशा पड़ोसियों को अधिक तवज्जो देकर रिश्ते बेहतर करने की थी. लेकिन अब नज़र डालते है बीजेपी के इस कार्यकाल पर.बीजेपी सरकार को लगभग आज चार साल पुरे होने को आ गए है. ऐसे में यह देखना होगा कि इन चार सालो में भारत के पड़ोसियों से रिश्तें कैसे रहे है. जब भाजपा सत्ता में आई थी, तो सरकार ने पड़ोसी प्रथम का नारा दिया था. सरकार की मंशा पड़ोसियों को अधिक तवज्जो देकर रिश्ते बेहतर करने की थी. लेकिन अब नज़र डालते है बीजेपी के इस कार्यकाल पर.     आपको बता दें कि अब जब सरकार अपने कार्यकाल के चार साल पूरे करने जा रही है तो पलटकर देखने की जरूरत है कि भारत के पड़ोसियों ने भारत से दूरी क्यों बना ली. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया था, जिसमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को छोड़कर बाकी देशों के प्रमुखों ने शिरकत भी की थी.      आज कि तारीख में पाकिस्तान के साथ नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान के साथ भी भारत के संबंधों में काफी तल्खी आ गई है. साथ ही चीन ने  'वन बेल्ट, वन रोड' के जरिए भारत को उसके पड़ोसी देशों से दूर करने की कूटनीतिक चाल चली और इन सभी देशों से चीन ने अपने रिश्तें सुधर कर भारत को इनसे दूर किया है

आपको बता दें कि अब जब सरकार अपने कार्यकाल के चार साल पूरे करने जा रही है तो पलटकर देखने की जरूरत है कि भारत के पड़ोसियों ने भारत से दूरी क्यों बना ली. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया था, जिसमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को छोड़कर बाकी देशों के प्रमुखों ने शिरकत भी की थी. 

आज कि तारीख में पाकिस्तान के साथ नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान के साथ भी भारत के संबंधों में काफी तल्खी आ गई है. साथ ही चीन ने  ‘वन बेल्ट, वन रोड’ के जरिए भारत को उसके पड़ोसी देशों से दूर करने की कूटनीतिक चाल चली और इन सभी देशों से चीन ने अपने रिश्तें सुधर कर भारत को इनसे दूर किया है

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