काले धन पर लगाम कसने के लिए बनाए गए विशेष जांच दल (SIT) ने नकद रखने की सीमा को 1 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है. इस सबंध में टीम ने केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है. इससे पहले समिति ने इस लिमिट को 15 लाख और 20 लाख रुपये रखने का सुझाव दिया था. एसआईटी की अगुवाई कर रहे जस्टिस (रिटायर्ड) एमबी शाह ने बताया कि अगर छापेमारी में इस लिमिट से ज्यादा कोई रकम मिलती है, तो उसे सरकारी खजाने में जमा किए जाने का सुझाव भी सरकार को दिया गया है. इससे पहले एसआईटी ने 15 लाख और 20 लाख रुपये की सीमा सुझाई थी. हालांकि बाद में यह लिमिट काफी कम लगने की वजह से समिति ने ये नया सुझाव दिया. छापेमारी में पकड़ी गई बड़ी नकद राश‍ि को लेकर मौजूदा जो नियम हैं, उसके मुताबिक आरोपी को 40 फीसदी आय कर और पेनल्टी चुकानी होती है. इसके बाद ही वह अपना पैसा वापस हासिल कर सकता है. बता दें कि प‍िछले दिनों से आय कर विभाग ने बड़े स्तर पर नकदी बरामद की है. हाल ही में तमिलनाडु में आय कर विभाग ने एक कंपनी के 20 परिसरों से 160 करोड़ रुपये की नकदी और 100 किलोग्राम सोना जब्त किया था. जस्ट‍िस शाह ने कहा, ''मुझे लगता है कि 20 लाख रुपये की अध‍िकतम सीमा काफी कम होगी.'' बता दें इस एसआईटी का गठन 2014 में किया गया था. इसका गठन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया था. यह समिति काले धन पर लगाम कसने को लेकर लगातार सरकार को सुझाव देता रहता है.

मोदी सरकार ने माना ये सुझाव तो आप रख सकेंगे 1 करोड़ तक कैश

काले धन पर लगाम कसने के लिए बनाए गए विशेष जांच दल (SIT) ने नकद रखने की सीमा को 1 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है. इस सबंध में टीम ने केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है. इससे पहले समिति ने इस लिमिट को 15 लाख और 20 लाख रुपये रखने का सुझाव दिया था.काले धन पर लगाम कसने के लिए बनाए गए विशेष जांच दल (SIT) ने नकद रखने की सीमा को 1 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है. इस सबंध में टीम ने केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है. इससे पहले समिति ने इस लिमिट को 15 लाख और 20 लाख रुपये रखने का सुझाव दिया था.  एसआईटी की अगुवाई कर रहे जस्टिस (रिटायर्ड) एमबी शाह ने बताया कि अगर छापेमारी में इस लिमिट से ज्यादा कोई रकम मिलती है, तो उसे सरकारी खजाने में जमा किए जाने का सुझाव भी सरकार को दिया गया है.  इससे पहले एसआईटी ने 15 लाख और 20 लाख रुपये की सीमा सुझाई थी. हालांकि बाद में यह लिमिट काफी कम लगने की वजह से समिति ने ये नया सुझाव दिया.  छापेमारी में पकड़ी गई बड़ी नकद राश‍ि को लेकर मौजूदा जो नियम हैं, उसके मुताबिक आरोपी को 40 फीसदी आय कर और पेनल्टी चुकानी होती है. इसके बाद ही वह अपना पैसा वापस हासिल कर सकता है.  बता दें कि प‍िछले दिनों से आय कर विभाग ने बड़े स्तर पर नकदी बरामद की है. हाल ही में तमिलनाडु में आय कर विभाग ने एक कंपनी के 20 परिसरों से 160 करोड़ रुपये की नकदी और 100 किलोग्राम सोना जब्त किया था.  जस्ट‍िस शाह ने कहा, ''मुझे लगता है कि 20 लाख रुपये की अध‍िकतम सीमा काफी कम होगी.'' बता दें इस एसआईटी का गठन 2014 में किया गया था.  इसका गठन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया था. यह समिति काले धन पर लगाम कसने को लेकर लगातार सरकार को सुझाव देता रहता है.

एसआईटी की अगुवाई कर रहे जस्टिस (रिटायर्ड) एमबी शाह ने बताया कि अगर छापेमारी में इस लिमिट से ज्यादा कोई रकम मिलती है, तो उसे सरकारी खजाने में जमा किए जाने का सुझाव भी सरकार को दिया गया है.

इससे पहले एसआईटी ने 15 लाख और 20 लाख रुपये की सीमा सुझाई थी. हालांकि बाद में यह लिमिट काफी कम लगने की वजह से समिति ने ये नया सुझाव दिया.

छापेमारी में पकड़ी गई बड़ी नकद राश‍ि को लेकर मौजूदा जो नियम हैं, उसके मुताबिक आरोपी को 40 फीसदी आय कर और पेनल्टी चुकानी होती है. इसके बाद ही वह अपना पैसा वापस हासिल कर सकता है.

बता दें कि प‍िछले दिनों सेआय कर विभागने बड़े स्तर पर नकदी बरामद की है. हाल ही में तमिलनाडु में आय कर विभाग ने एक कंपनी के 20 परिसरों से 160 करोड़ रुपये की नकदी और 100 किलोग्राम सोना जब्त किया था.

जस्ट‍िस शाह ने कहा, ”मुझे लगता है कि 20 लाख रुपये की अध‍िकतम सीमा काफी कम होगी.” बता दें इस एसआईटी का गठन 2014 में किया गया था.

इसका गठन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया था. यह समिति काले धन पर लगाम कसने को लेकर लगातार सरकार को सुझाव देता रहता है.

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