विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से मुलाकात की. सुषमा रोहिंग्या समेत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर म्यांमार के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के लिए पहुंचीं हैं. सैन्य अभियान के बाद बड़े पैमाने पर हुई हिंसा की वजह से म्यांमार से करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर गए थे. इनमें से अधिकतर ने पड़ोसी बांग्लादेश में शरण ली जिससे वहां बड़ा संकट खड़ा हो गया है. रोहिंग्याओं के आने और शरण देने का मुद्दा भारत में भी काफी चर्चा में रहा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, "एक्ट ईस्ट पॉलिसी में एक अहम साझेदार म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने म्यांमार में अपने पहले कार्यक्रम के तहत मुलाकात की." म्यांमार भारत के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी देशों में शामिल है और हमसे 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के कई राज्य म्यामां की सीमा से लगे हैं. भारतीय राजदूत और म्यांमार के स्थायी विदेश सचिव यू मिंत थु ने राजधानी नेपिता पहुंचने पर सुषमा स्वराज की आगवानी की. कुमार ने ट्विटर पर लिखा, "विदेश मंत्री हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए म्यांमार के नेतृत्व के साथ चर्चाएं करेंगी.

म्यांमार के राष्ट्रपति से मिलीं सुषमा स्वराज, द्विपक्षीय बातचीत की

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से मुलाकात की. सुषमा रोहिंग्या समेत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर म्यांमार के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के लिए पहुंचीं हैं. सैन्य अभियान के बाद बड़े पैमाने पर हुई हिंसा की वजह से म्यांमार से करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर गए थे. इनमें से अधिकतर ने पड़ोसी बांग्लादेश में शरण ली जिससे वहां बड़ा संकट खड़ा हो गया है. रोहिंग्याओं के आने और शरण देने का मुद्दा भारत में भी काफी चर्चा में रहा.विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से मुलाकात की. सुषमा रोहिंग्या समेत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर म्यांमार के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के लिए पहुंचीं हैं. सैन्य अभियान के बाद बड़े पैमाने पर हुई हिंसा की वजह से म्यांमार से करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर गए थे. इनमें से अधिकतर ने पड़ोसी बांग्लादेश में शरण ली जिससे वहां बड़ा संकट खड़ा हो गया है. रोहिंग्याओं के आने और शरण देने का मुद्दा भारत में भी काफी चर्चा में रहा.  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, "एक्ट ईस्ट पॉलिसी में एक अहम साझेदार म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने म्यांमार में अपने पहले कार्यक्रम के तहत मुलाकात की."  म्यांमार भारत के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी देशों में शामिल है और हमसे 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के कई राज्य म्यामां की सीमा से लगे हैं.  भारतीय राजदूत और म्यांमार के स्थायी विदेश सचिव यू मिंत थु ने राजधानी नेपिता पहुंचने पर सुषमा स्वराज की आगवानी की. कुमार ने ट्विटर पर लिखा, "विदेश मंत्री हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए म्यांमार के नेतृत्व के साथ चर्चाएं करेंगी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, “एक्ट ईस्ट पॉलिसी में एक अहम साझेदार म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने म्यांमार में अपने पहले कार्यक्रम के तहत मुलाकात की.”

म्यांमार भारत के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी देशों में शामिल है और हमसे 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के कई राज्य म्यामां की सीमा से लगे हैं.

भारतीय राजदूत और म्यांमार के स्थायी विदेश सचिव यू मिंत थु ने राजधानी नेपिता पहुंचने पर सुषमा स्वराज की आगवानी की. कुमार ने ट्विटर पर लिखा, “विदेश मंत्री हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए म्यांमार के नेतृत्व के साथ चर्चाएं करेंगी.

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