साओ पाउलो: महंगाई की मार क्या होती है ये दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में देखने को मिल रही है. यहां कैरेंसी की हालत बेहद खराब हो गई है. आलम यह है कि यहां के करोड़पति दो वक्त रोटी का भी इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं. यूं कहें कि यहां के नोटों की वैल्यू कागज की तरह हो गई है. एक किलो सब्जी खरीदने के लिए लाखों रुपए देने पड़ रहे हैं. आलम यह है कि बैग पर नोट लेकर भी आप यहां भरपेट पूरे परिवार को खाना नहीं खिला सकते हैं. इस देश के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोग वेनेजुएला को छोड़कर पड़ोसी देश कोलंबिया भागने को मजबूर हैं. वेनेजुएला में आलम यह है कि यहां एक ब्रेड की कीमत हजारों रुपए हो गए हैं. एक किलो मीट के लिए 3 लाख रुपए और एक लीटर दूध के लिए 80 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं. यहां की सरकार ने दुनिया भर के देशों से गुहार लगाई है कि वे यहां के हालात सुधारने में उनकी मदद करें. वहीं कोलंबिया का कहना है कि चंद दिनों में वेनेजुएला के करीब 10 लाख लोग उसके यहां आकर शरण ले चुके हैं, जिसके चलते उनपर दबाव बन रहा है. आइए एक नजर में डालते हैं यहां सामान की क्या कीमत चल रही है? एक कप कॉफी: 25 लाख एक किलो मीट: 95 लाख एक किलो आलू: 20 लाख एक किलो गाजर: 30 लाख एक किलो चावल: 25 लाख एक किलो पनीर: 75 लाख एक किलो टमाटर: 50 लाख एक प्लेट नॉनवेज थाली: 1 करोड़ इस वजह से बिगड़े वेनेजुएला के हालात जानकारों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आने के चलते वेनेजुएला में आर्थिक संकट आया है. यहां की सरकार ने जरूरत से ज्यादा कैरेंसी छपवा दिए हैं, जिसके चलते इसकी वैल्यू काफी कम हो गए हैं. सरकार की गलत नीतियों के चलते भूखमरी के हालात बने हैं. इस कठिन परिस्थिति से देश को निकालने के लिए वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस माडुरो राजधानी कराकस में लगातार बैठकें कर रहे हैं. वे दुनिया भर के बड़े देशों से आग्रह कर चुके हैं कि वे मदद को आगे आएं. व्‍यापारियों ने किया सरकार के कदम का विरोध वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने नई विनिमय दर के तहत बोलिवर का 96 प्रतिशत तक अवमूल्यन किया है. यह आसमान छू रही मुद्रास्फीति को रोकने के लिये राष्ट्रपति निकोलस मादुरो द्वारा किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है. हालांकि, कारोबारी दिग्गज इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने यूरो के मुकाबले बोलिवर की विनिमय दर 68.65 बोलिवर प्रति यूरो निर्धारित की. वहीं, अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले इसकी दर करीब 60 बोलिवर प्रति डॉलर के बराबर है. इससे पहले डॉलर कुछ 2.48 बोलिवर के बराबर था. मुद्रा समायोजन से निपटने के लिए कुछ व्यवसाय बंद रहे, जबकि अन्य व्यवसाय मादुरो की नीति का विरोध कर रहे तीनों विपक्षी पार्टियों की 24 घंटे के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने ड्रोन हमले के लिए विपक्षी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ATM के बाहर लगीं कतारें सुबह से एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं जबकि निकासी की सीमा 10 बोलिवर निर्धारित की गयी, जो देश में एक काफी खरीदने के लिये भी अपर्याप्त है. पेशे से अकाउंटेंट सेजर अगुइरे ने एएफपी को बताया कि बैंक काम कर रहे हैं और नकदी दे रहे हैं। इसके अलावा मनी ट्रांसफर और भुगतान भी हो रहा और सब कुछ सामान्य चल रहा है

यहां एक प्लेट खाने की कीमत है एक करोड़ रुपए, अरबपति नहीं भर पा रहे परिवार का पेट

साओ पाउलो: महंगाई की मार क्या होती है ये दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में देखने को मिल रही है. यहां कैरेंसी की हालत बेहद खराब हो गई है. आलम यह है कि यहां के करोड़पति दो वक्त रोटी का भी इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं. यूं कहें कि यहां के नोटों की वैल्यू कागज की तरह हो गई है. एक किलो सब्जी खरीदने के लिए लाखों रुपए देने पड़ रहे हैं. आलम यह है कि बैग पर नोट लेकर भी आप यहां भरपेट पूरे परिवार को खाना नहीं खिला सकते हैं. इस देश के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोग वेनेजुएला को छोड़कर पड़ोसी देश कोलंबिया भागने को मजबूर हैं. वेनेजुएला में आलम यह है कि यहां एक ब्रेड की कीमत हजारों रुपए हो गए हैं. एक किलो मीट के लिए 3 लाख रुपए और एक लीटर दूध के लिए 80 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं. यहां की सरकार ने दुनिया भर के देशों से गुहार लगाई है कि वे यहां के हालात सुधारने में उनकी मदद करें. वहीं कोलंबिया का कहना है कि चंद दिनों में वेनेजुएला के करीब 10 लाख लोग उसके यहां आकर शरण ले चुके हैं, जिसके चलते उनपर दबाव बन रहा है. साओ पाउलो: महंगाई की मार क्या होती है ये दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में देखने को मिल रही है. यहां कैरेंसी की हालत बेहद खराब हो गई है. आलम यह है कि यहां के करोड़पति दो वक्त रोटी का भी इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं. यूं कहें कि यहां के नोटों की वैल्यू कागज की तरह हो गई है. एक किलो सब्जी खरीदने के लिए लाखों रुपए देने पड़ रहे हैं. आलम यह है कि बैग पर नोट लेकर भी आप यहां भरपेट पूरे परिवार को खाना नहीं खिला सकते हैं. इस देश के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोग वेनेजुएला को छोड़कर पड़ोसी देश कोलंबिया भागने को मजबूर हैं. वेनेजुएला में आलम यह है कि यहां एक ब्रेड की कीमत हजारों रुपए हो गए हैं. एक किलो मीट के लिए 3 लाख रुपए और एक लीटर दूध के लिए 80 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं. यहां की सरकार ने दुनिया भर के देशों से गुहार लगाई है कि वे यहां के हालात सुधारने में उनकी मदद करें. वहीं कोलंबिया का कहना है कि चंद दिनों में वेनेजुएला के करीब 10 लाख लोग उसके यहां आकर शरण ले चुके हैं, जिसके चलते उनपर दबाव बन रहा है.  आइए एक नजर में डालते हैं यहां सामान की क्या कीमत चल रही है? एक कप कॉफी: 25 लाख एक किलो मीट: 95 लाख एक किलो आलू: 20 लाख एक किलो गाजर: 30 लाख एक किलो चावल: 25 लाख एक किलो पनीर: 75 लाख एक किलो टमाटर: 50 लाख एक प्लेट नॉनवेज थाली: 1 करोड़  इस वजह से बिगड़े वेनेजुएला के हालात जानकारों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आने के चलते वेनेजुएला में आर्थिक संकट आया है. यहां की सरकार ने जरूरत से ज्यादा कैरेंसी छपवा दिए हैं, जिसके चलते इसकी वैल्यू काफी कम हो गए हैं. सरकार की गलत नीतियों के चलते भूखमरी के हालात बने हैं. इस कठिन परिस्थिति से देश को निकालने के लिए वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस माडुरो राजधानी कराकस में लगातार बैठकें कर रहे हैं. वे दुनिया भर के बड़े देशों से आग्रह कर चुके हैं कि वे मदद को आगे आएं.   व्‍यापारियों ने किया सरकार के कदम का विरोध वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने नई विनिमय दर के तहत बोलिवर का 96 प्रतिशत तक अवमूल्यन किया है. यह आसमान छू रही मुद्रास्फीति को रोकने के लिये राष्ट्रपति निकोलस मादुरो द्वारा किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है. हालांकि, कारोबारी दिग्गज इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने यूरो के मुकाबले बोलिवर की विनिमय दर 68.65 बोलिवर प्रति यूरो निर्धारित की. वहीं, अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले इसकी दर करीब 60 बोलिवर प्रति डॉलर के बराबर है. इससे पहले डॉलर कुछ 2.48 बोलिवर के बराबर था. मुद्रा समायोजन से निपटने के लिए कुछ व्यवसाय बंद रहे, जबकि अन्य व्यवसाय मादुरो की नीति का विरोध कर रहे तीनों विपक्षी पार्टियों की 24 घंटे के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.   वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने ड्रोन हमले के लिए विपक्षी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो  ATM के बाहर लगीं कतारें सुबह से एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं जबकि निकासी की सीमा 10 बोलिवर निर्धारित की गयी, जो देश में एक काफी खरीदने के लिये भी अपर्याप्त है. पेशे से अकाउंटेंट सेजर अगुइरे ने एएफपी को बताया कि बैंक काम कर रहे हैं और नकदी दे रहे हैं। इसके अलावा मनी ट्रांसफर और भुगतान भी हो रहा और सब कुछ सामान्य चल रहा है

आइए एक नजर में डालते हैं यहां सामान की क्या कीमत चल रही है?
एक कप कॉफी: 25 लाख
एक किलो मीट: 95 लाख
एक किलो आलू: 20 लाख
एक किलो गाजर: 30 लाख
एक किलो चावल: 25 लाख
एक किलो पनीर: 75 लाख
एक किलो टमाटर: 50 लाख
एक प्लेट नॉनवेज थाली: 1 करोड़

इस वजह से बिगड़े वेनेजुएला के हालात
जानकारों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आने के चलते वेनेजुएला में आर्थिक संकट आया है. यहां की सरकार ने जरूरत से ज्यादा कैरेंसी छपवा दिए हैं, जिसके चलते इसकी वैल्यू काफी कम हो गए हैं. सरकार की गलत नीतियों के चलते भूखमरी के हालात बने हैं. इस कठिन परिस्थिति से देश को निकालने के लिए वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस माडुरो राजधानी कराकस में लगातार बैठकें कर रहे हैं. वे दुनिया भर के बड़े देशों से आग्रह कर चुके हैं कि वे मदद को आगे आएं.

व्‍यापारियों ने किया सरकार के कदम का विरोध
वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने नई विनिमय दर के तहत बोलिवर का 96 प्रतिशत तक अवमूल्यन किया है. यह आसमान छू रही मुद्रास्फीति को रोकने के लिये राष्ट्रपति निकोलस मादुरो द्वारा किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है. हालांकि, कारोबारी दिग्गज इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने यूरो के मुकाबले बोलिवर की विनिमय दर 68.65 बोलिवर प्रति यूरो निर्धारित की. वहीं, अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले इसकी दर करीब 60 बोलिवर प्रति डॉलर के बराबर है. इससे पहले डॉलर कुछ 2.48 बोलिवर के बराबर था. मुद्रा समायोजन से निपटने के लिए कुछ व्यवसाय बंद रहे, जबकि अन्य व्यवसाय मादुरो की नीति का विरोध कर रहे तीनों विपक्षी पार्टियों की 24 घंटे के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. 

ATM के बाहर लगीं कतारें
सुबह से एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं जबकि निकासी की सीमा 10 बोलिवर निर्धारित की गयी, जो देश में एक काफी खरीदने के लिये भी अपर्याप्त है. पेशे से अकाउंटेंट सेजर अगुइरे ने एएफपी को बताया कि बैंक काम कर रहे हैं और नकदी दे रहे हैं। इसके अलावा मनी ट्रांसफर और भुगतान भी हो रहा और सब कुछ सामान्य चल रहा है

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