यूपी के 'एनकाउंटर राज' में कम हुई डकैती, लेकिन रेप-हत्या के केस बढ़े

यूपी के ‘एनकाउंटर राज’ में कम हुई डकैती, लेकिन रेप-हत्या के केस बढ़े

यूपी में लगातार हो रहे एनकाउंटर के बीच इस साल के शुरूआती डेढ महीने में फिरौती, अपहरण, झपटमारी और डकैती के मामलों में कमी आयी है, लेकिन रेप, हत्या, लूट और आगजनी के मामलों में बढोत्तरी हुई है. एक जनवरी 2018 से 15 फरवरी तक की अवधि में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में हत्या के 446, लूट के 447, आगजनी के 11, फिरौती के लिए अपहरण के चार, छीना झपटी के 14, डकैती के 22 और रेप के 397 मामले दर्ज हुए हैं.यूपी के 'एनकाउंटर राज' में कम हुई डकैती, लेकिन रेप-हत्या के केस बढ़े

यूपी विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पिछले साल एक जनवरी से 15 फरवरी 2017 के सापेक्ष एक जनवरी से 15 फरवरी 2018 तक की अवधि में फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 20 प्रतिशत, छीना झपटी के मामलों में 48 प्रतिशत से अधिक, डकैती के मामलों में 8.33 प्रतिशत तक की कमी आयी है. जबकि पिछले एक साल में 3000 बदमाश गिरफ्तार हुए हैं.

वहीं, हत्या के मामलों में 2.53 प्रतिशत, लूट के मामलों में 20.49 प्रतिशत, आगजनी के मामलों में 120 प्रतिशत और रेप के मामलों में 11.20 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुदृढ है. प्रभावी कार्ययोजना के कारण ही प्रदेश में आपराधिक घटनाओं डकैती, हत्या और फिरौती के लिए अपहरण आदि में कमी आयी है. उनका कहना था कि डकैती और हत्या के मामलों में कमी आई है.

उनके मुताबिक, सूबे में पिछले साल की तुलना में डकैती में 5.70 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 7.5 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 13.21 प्रतिशत की कमी आई है. लूट, डकैती एवं अपहरण के अपराधों में विगत 10 वर्षो में प्रकाश में आये अभियुक्तों की वर्तमान गतिविधियों की गहनता से जानकारी कर सक्रिय अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है. सीसीटीवी कैमरे, गश्त, चेकिंग और पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है.

उधर, एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 के दौरान हरियाणा में गैंगरेप के 191 मामले दर्ज किए गए, जो देश के सबसे बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश से कहीं ज्यादा हैं. वहीं तमिलनाडु में केवल तीन और केरल में गैंगरेप के 19 मामले दर्ज किए गए. पुलिस महानिरीक्षक (महिलाओं के खिलाफ अपराध) ममता सिंह भी पुलिस विभाग द्वारा जारी आंकड़ों की पुष्टि कर चुकी हैं, जिससे सूबे भर में सनसनी है. 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के 2016 के आंकड़ें अन्य राज्यों की अलग-अलग कहानी बयां करते हैं. साल 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 3,29,243 थी, जो 2016 में 2.9 फीसदी की वृद्धि के साथ बढ़कर 3,38,954 हो गई. इन मामलों में पति और रिश्तेदारों की क्रूरता के 1,10,378 मामले, महिलाओं पर जानबूझकर किए गए हमलों की संख्या 84,746, अपहरण के 64,519 और दुष्कर्म के 38,947 मामले दर्ज हुए हैं.

साल 2016 के दौरान कुल 3,29,243 दर्ज मामलों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 49,262, दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल में 32,513 मामले, तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश 21, 755 मामले , चौथे नंबर पर राजस्थान 13,811 मामले और पांचवे स्थान पर बिहार है, जहां 5,496 मामले दर्ज हुए. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अपराध की राष्ट्रीय औसत 55.2 फीसदी की तुलना में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उच्चतम अपराध दर 160.4 रही.

मेट्रो शहरों में महिलाओं के साथ अपराधों की सूची में दिल्ली शीर्ष पर है, जहां कुल 41,761 दर्ज हुए. इसमें 1.8 फीसदी की वृद्धि देखी गई. 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 41,001 थी. 2016 के दौरान पति और रिश्तेदारों की क्रूरता के 12,218 (दिल्ली 3,645 मामले), महिलाओं पर जानबूझकर किए गए हमलों की संख्या 10,458 (दिल्ली 3,746), अपहरण के 9,256 (दिल्ली 3,364) और रेप के 4,935 (दिल्ली 1,996) मामले दर्ज किए गए.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com