सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के 6 मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका देते हुए उन्हें सरकारी आवास खाली करने के आदेश दिए हैं। खबरों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला राज्य सरकार द्वारा लाए गए उस कानून को रद्द करते हुए सुनाया है जिसमें इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को स्थायी रूप से सरकारी आवास आवंटित करने की बात कही गई थी। इस फैसले का सीधा असर मुलायम सिंह यादव, मायावती, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, रामनरेश यादव और एन डी तिवारी पर पड़ेगा। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंस एंड मिसलेनीयस प्रोविजन एक्ट 2016 का सेक्शन 4(3) असंवैधानिक है। बता दें कि इससे पहले 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ ने 1997 में जारी सरकारी आदेश को चुनौती दी थी। इस याचिका में उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंस एंड अदर फैसिलिटीज एक्ट 1981 का हवाला दिया गया था। हालांकि, बाद में अखिलेश यादव सरकार ने 2016 में ही इस कानून में संशोधन कर इसे विधानसभा में पास करवा लिया था। इसके साथ ही अखिलेश सरकार ने यूपी के सभी मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास स्थायी रूप से आवंटित करने की सुविधा प्राप्त कर ली थी।

यूपी के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को SC से झटका, खाली करने होंगे बंगले

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के 6 मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका देते हुए उन्हें सरकारी आवास खाली करने के आदेश दिए हैं। खबरों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला राज्य सरकार द्वारा लाए गए उस कानून को रद्द करते हुए सुनाया है जिसमें इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को स्थायी रूप से सरकारी आवास आवंटित करने की बात कही गई थी। इस फैसले का सीधा असर मुलायम सिंह यादव, मायावती, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, रामनरेश यादव और एन डी तिवारी पर पड़ेगा।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के 6 मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका देते हुए उन्हें सरकारी आवास खाली करने के आदेश दिए हैं। खबरों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला राज्य सरकार द्वारा लाए गए उस कानून को रद्द करते हुए सुनाया है जिसमें इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को स्थायी रूप से सरकारी आवास आवंटित करने की बात कही गई थी। इस फैसले का सीधा असर मुलायम सिंह यादव, मायावती, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, रामनरेश यादव और एन डी तिवारी पर पड़ेगा।  अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंस एंड मिसलेनीयस प्रोविजन एक्ट 2016 का सेक्शन 4(3) असंवैधानिक है। बता दें कि इससे पहले 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ ने 1997 में जारी सरकारी आदेश को चुनौती दी थी। इस याचिका में उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंस एंड अदर फैसिलिटीज एक्ट 1981 का हवाला दिया गया था।  हालांकि, बाद में अखिलेश यादव सरकार ने 2016 में ही इस कानून में संशोधन कर इसे विधानसभा में पास करवा लिया था। इसके साथ ही अखिलेश सरकार ने यूपी के सभी मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास स्थायी रूप से आवंटित करने की सुविधा प्राप्त कर ली थी।

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंस एंड मिसलेनीयस प्रोविजन एक्ट 2016 का सेक्शन 4(3) असंवैधानिक है। बता दें कि इससे पहले 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ ने 1997 में जारी सरकारी आदेश को चुनौती दी थी। इस याचिका में उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंस एंड अदर फैसिलिटीज एक्ट 1981 का हवाला दिया गया था।

हालांकि, बाद में अखिलेश यादव सरकार ने 2016 में ही इस कानून में संशोधन कर इसे विधानसभा में पास करवा लिया था। इसके साथ ही अखिलेश सरकार ने यूपी के सभी मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास स्थायी रूप से आवंटित करने की सुविधा प्राप्त कर ली थी।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com