यूपी में की गई अब तक की सर्वाधिक मांग 23,867 MW की आपूर्ति : श्रीकान्त शर्मा

-तीन साल पहले तक की गई अधिकतम आपूर्ति से करीब 7 हजार मेगावाट अधिक आपूर्ति

– भाजपा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में दी 54 फीसदी बिजली ज्यादा

लखनऊ: ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पंडित श्रीकान्त शर्मा ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की अब तक की अधिकतम मांग 23,867 MW की आपूर्ति बुधवार को सफलता पूर्वक की गई। यह साढ़े तीन साल पहले तक की गई अधिकतम आपूर्ति से करीब 7 हजार मेगावाट अधिक है। यह अपने में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने यह कीर्तिमान स्थापित होने पर ऊर्जा परिवार के सभी इंजीनियर्स और कर्मचारियों का अभिनंदन किया।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की दिशा में आत्मनिर्भर यूपी में सबको बिजली-पर्याप्त बिजली-निर्बाध बिजली सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।

योगी सरकार में सिर्फ आपूर्ति ही नहीं बढ़ी सस्ती बिजली भी सुनिश्चित की गई। पूर्व सरकारों में 5.14 रुपये से 11.09 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद के पीपीए किये गये थे। हमारी सरकार ने 2.98 रुपये से 4.19 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी। किसानों को 1.24 रुपये प्रति यूनिट पर सिंचाई के लिए बिजली दी जा रही है।

प्रदेश के 2045 फ़ीडर्स से एग्रीकल्चर फीडर सेपरेशन का काम अंतिम चरण में है। सिंचाई के लिए किसान को रातभर जागना नहीं पड़ता। दिन में 10 घंटे बिजली दी जा रही है।

लगातार सर्वाधिक मांग की सफल आपूर्ति के बारे में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इसके पहले 17 जुलाई को 23,419 मेगावाट, 12 सितंबर को 23,661 मेगावाट की अधिकतम आपूर्ति की गई। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2016-17 तक 16110 मेगावाट की अधिकतम आपूर्ति ही की गई थी। भाजपा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 54 फीसदी बिजली ज्यादा दी है।

अधिकतम आपूर्ति में हुये इजाफे से फीडर तक ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील में 21 घंटे 30 मिनट, जिले में 24 घंटे, बुंदेलखंड में 20 घंटे और उद्योगों को 24 घंटे बिजली दी गई। ग्रिड से 479.50 MU बिजली की उपलब्धता रही।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में प्रदेश में तीन साल में 1 करोड़ 24 लाख से अधिक घरों का अंधेरा दूर हुआ है और 1 लाख 30 हजार मजरों तक रोशनी पहुंची है। आज प्रदेश में 2 करोड़ 89 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। जबकि पूर्व सरकारों के 10 सालों में हर साल औसतन 6.5 लाख कनेक्शन ही दिये गये और सालाना 14 हजार मजरे ही रोशन हुये।

तीन साल में प्रदेश में ट्रांसमिशन क्षमता (टीसी) 16,500 से 8000 मेगावाट बढ़कर 24,500 मेगावाट हो गई है। आयात क्षमता (टीटीसी) भी 8700 मेगावाट से बढ़कर तीन साल में 13,500 मेगावाट हो गई है।

तीन साल में 92 नए ट्रांसमिशन उपकेंद्र और बेहतर वितरण व्यवस्था के लिए 33/11 KV के 587 नए उपकेंद्र बने और 1091 उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि की गई है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य गांवों को स्वावलंबी बनाना भी है। उन्हें 24 घंटे बिजली दिये जाने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी फ़ीडर्स के लाइन लॉस को 15 फीसदी से कम करने का अभियान जनसहयोग से चलाया जा रहा है।

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