यूपी में बाढ़ का कहर जारी, सीएम आज फिर करेंगे हवाई निरीक्षण

लखनऊ: यूपी में बाढ़ का सितम जारी है। बाढ़ से यूपी के करीब 16 जिले बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ के चलते दर्जनों लोगों की मौत हो गयी है और किसानों की फसल भी बर्बाद हुई है। गोरखपुर, बाराबंकी, मऊ, गोंडा की नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। घाघरा और सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ के हालात और भी भयावह होते जा रहे हैं। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर से कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।


मऊ-घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर आ गया है। 350 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं। एनडीआरएफ की टीमों ने अपना मोर्चा संभाल लिया है। इसके साथ ही अब प्रभावित इलाकों के बाजारों तक में पानी पहुंचने लगा है। बाढ़ के प्रकोप के कारण चार ब्लाकों के 1500 प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया गया है। गोरखपुर -बस्ती मण्डल में बाढ़ की स्थिति और गम्भीर हो गई है।

प्रशासन ने एहतियातन इंटर तक के सारे स्कूल-कालेज बन्द कर दिए हैं। बाढ़ का सर्वाधिक असर सिद्धार्थनगर, महराजगंज,कुशीनगर और गोरखपुर जिले में है लेकिन अब सन्तकबीरनगर और देवरिया में भी खतरा बढऩे लगा है। दोनों मण्डलों में 100 से अधिक गांव बाढ़ से घिर चुके हैं। महराजगंज में गुरुवार को तीन बच्चियां रोहिन की तेज़ धारा में बह गईं। सिद्धार्थनगर जिले की दो तहसीलों के सात गांवों के लोग बाढ़ में फंस गए हैं।

वहां के लोगों को एयरफोर्स के हेलीकाप्टरों से शाम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू हुआ। इस बीच गोरखपुर-सोनोली मार्ग पर बस सेवा ठप हो गई है। राप्ती नदी का बनदेइया जर्जर बांध ग्रामीणों की कड़ी मशक्कत के बाद भी शुक्रवार को टूट गया इससे क्षेत्र के सैकडों एकड फसल जलमग्न हो गई वहीं राप्ती के खतरे के निशान से ऊपर बहने से क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। बनदेइया बांध के टूटने से क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं।

गंडक नदी का जलस्तर कम होने से खड्डा रेता के गांवों से पानी निकला। छितौनी गाइड बांध टूटने से छितौनी, बुलहवा आदि गांवों में लगा पानी अब भी है। अमवा खास के पास बिहार के पिपरा बांध कटने से दुदही के कई गांवों में घुसा पानी धीरे धीरे निकल रहा है। नदी का जलस्तर कम होने से एपी तटबंध के बघाचौर व् कोन्हवालिया में नदी बैकरोलिंग कर बांध को काट रही है। पानी भले ही कम हो रहा है लेकिन बाढ़ पीडि़तों की मुश्किलें बनी हुई हैं।

आज़मगढ़ के सगड़ी तहसील के महराजगंज व हरैया ब्लॉक के 50 गांव घाघरा की बाढ़ की चपेट में है। दोनों विकास खंडों की 96 हज़ार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। अबतक प्रशासन ने 190 नाव लगाईं है। बदरहुआ गेज पर नदी का जल स्तर शुक्रवार सुबह आठ बजे 10 सेमी बढ़कर 72.76 मीटर दर्ज किया गया। इस गेज का खतरा बिंदु 71.68 मीटर है। देवरिया में रौद्र रूप धारण कर रही घाघरा ने गुरुवार रात बरहज क्षेत्र के परसिया देवार में मुख्य बंधे को करीब 10 मीटर तक काट दिया।

रात के समय तेज आवाज के साथ बंधा टूटा तो अगल-बगल के गांवो में अफरा- तफरी मच गई। रात से लेकर सुबह तक ग्रामीणों ने सैकड़ो बोरी मिट्टी डाल टूटे बंधे से बह रहे नदी के पानी को रोकने का प्रयास किया लेकिन असफलता हाथ लगी। शुक्रवार की सुबह एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने टूटे बंधे का निरीक्षण किया।

गुरूवार से तेज हुआ घाघरा और सरयू नदियों का कहर-गहरा गया है। रात से लेकर शुक्रवार सुबह तक दो तहसीलों के बीस गांव और चपेट में आ गए हैं। करनैलगंज के बाढ़ राहत केन्द्र पाल्हापुर तक बाढ़ के प्रवेश करने के बाद राहत केन्द्र बंद कर दिया गया है। वही प्रभावित इलाकों के लिए एनडीआरएफ किसी देवदूत से कम नही साबित हो रही है। पिछले 48 घंटों से एनडीआरएफ के जवान लगातार प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने और राहत पहुंचाने में जुटे हैं।

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