लखनऊ : ST/SC एक्ट और आरक्षण को लेकर इन दिनों देश में जंग जारी है. वही पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की मांग एक बार फिर बलवती हो गई है. इसी क्रम में अब यूपी सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने का मसौदा तैयार कर लिया है. इसे दलित और पिछड़ो को रिझाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, मांझी, तुरहा, धीमर, निषाद, बिन्द, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर धीवर, बाथम, गौड़ आदि जातोयो को सरकार इसका लाभ देना चाहती है. वैसे भी अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करना का सही समय भाप कर बीजेपी सूबे में और केंद्र में इसका लाभ लेने के मूड में दिख रही है. इससे पहले भी इस तरह के प्रस्ताव आये थे मगर मौके की नजाकर को देखते हुए केंद्र सरकार और योगी सरकार से मंसूबा कर लिया है. वैसे भी मामला यूपी से जुड़ा है जहा विपक्ष भी इसी दांव को बीजेपी के खिलाफ आजमा रहा है और बसपा और सपा इसकी कीमत अचे से जानती है. बहरहाल तैयारी कर ली गई है और योजना को अमलीजामा पहनाया जाने की देर है. अब कब तक ये असलियत के धरातल पर होगी ये तो वक़्त ही बातयेगा.

यूपी: 17 अतिपिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने का फैसला

 ST/SC एक्ट और आरक्षण को लेकर इन दिनों देश में जंग जारी है. वही पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की मांग एक बार फिर बलवती हो गई है. इसी क्रम में अब यूपी सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने का मसौदा तैयार कर लिया है. इसे दलित और पिछड़ो को रिझाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा हैलखनऊ : ST/SC एक्ट और आरक्षण को लेकर इन दिनों देश में जंग जारी है. वही पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की मांग एक बार फिर बलवती हो गई है. इसी क्रम में अब यूपी सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने का मसौदा तैयार कर लिया है. इसे दलित और पिछड़ो को रिझाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है.   मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, मांझी, तुरहा, धीमर, निषाद, बिन्द, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर धीवर, बाथम, गौड़ आदि जातोयो को सरकार इसका लाभ देना चाहती है. वैसे भी अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करना का सही समय भाप कर बीजेपी सूबे में और केंद्र में इसका लाभ लेने के मूड में दिख रही है.  इससे पहले भी इस तरह के प्रस्ताव आये थे मगर मौके की नजाकर को देखते हुए केंद्र सरकार और योगी सरकार से मंसूबा कर लिया है. वैसे भी मामला यूपी से जुड़ा है जहा विपक्ष भी इसी दांव को बीजेपी के खिलाफ आजमा रहा है और बसपा और सपा इसकी कीमत अचे से जानती है. बहरहाल तैयारी कर ली गई है और योजना को अमलीजामा पहनाया जाने की देर है. अब कब तक ये असलियत के धरातल पर होगी ये तो वक़्त ही बातयेगा.

मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, मांझी, तुरहा, धीमर, निषाद, बिन्द, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर धीवर, बाथम, गौड़ आदि जातोयो को सरकार इसका लाभ देना चाहती है. वैसे भी अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करना का सही समय भाप कर बीजेपी सूबे में और केंद्र में इसका लाभ लेने के मूड में दिख रही है.

इससे पहले भी इस तरह के प्रस्ताव आये थे मगर मौके की नजाकर को देखते हुए केंद्र सरकार और योगी सरकार से मंसूबा कर लिया है. वैसे भी मामला यूपी से जुड़ा है जहा विपक्ष भी इसी दांव को बीजेपी के खिलाफ आजमा रहा है और बसपा और सपा इसकी कीमत अचे से जानती है. बहरहाल तैयारी कर ली गई है और योजना को अमलीजामा पहनाया जाने की देर है. अब कब तक ये असलियत के धरातल पर होगी ये तो वक़्त ही बातयेगा.

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