नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों का बाजार बंद नहीं हुआ और मार्केट में धड़ल्ले से नकली नोट चलाए जा रहे है. हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए आरबीआई एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) असली व नकली नोट की पहचान करने के लिए एक एप्लीकेशन तैयार कर रहा है. इसमें सभी नोटों के आम से लेकर खास फीचर शामिल होंगे. लगातार बढ़ रहे नकली नोटों के कारोबार पर नकेल कसने के लिए आरबीआई आम आदमी तक नोट स्कैनर पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए आरबीआई एंड्रायड आधारित एक स्कैनर एप्लीकेशन तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है. इस ऐप के जरिये यूजर असली व नकली नोटों में आसानी से अंतर कर पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल इस ऐप का ट्रायल किया जा रहा है जो कि 95 फीसद से अधिक एक्यूरेसी लेवल तक पहुँच चुका है. बताया जा रहा है कि इस ऐप में दस रुपए से लेकर 2000 रुपए तक के सभी नोटों (नए व पुराने) के फीचर शामिल होंगे. इस स्कैनर ऐप में ऐसे सिक्योरिटी फीचर भी शामिल होंगे, जो बिना किसी उपकरण के सहारे डिस्क्लोज नहीं किये जा सकेंगे. एक बैंक अधिकारी का कहना है कि इस एप्लीकेशन के आने के बाद आम आदमी भी अपने नोट की पहचान आसानी से कर लेगा.

ये ऐप बताता है असली नकली नोटों में सटीक अंतर

नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों का बाजार बंद नहीं हुआ और मार्केट में धड़ल्ले से नकली नोट चलाए जा रहे है. हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए आरबीआई एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) असली व नकली नोट की पहचान करने के लिए एक एप्लीकेशन तैयार कर रहा है. इसमें सभी नोटों के आम से लेकर खास फीचर शामिल होंगे. लगातार बढ़ रहे नकली नोटों के कारोबार पर नकेल कसने के लिए आरबीआई आम आदमी तक नोट स्कैनर पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों का बाजार बंद नहीं हुआ और मार्केट में धड़ल्ले से नकली नोट चलाए जा रहे है. हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए आरबीआई एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) असली व नकली नोट की पहचान करने के लिए एक एप्लीकेशन तैयार कर रहा है. इसमें सभी नोटों के आम से लेकर खास फीचर शामिल होंगे. लगातार बढ़ रहे नकली नोटों के कारोबार पर नकेल कसने के लिए आरबीआई आम आदमी तक नोट स्कैनर पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.  इसके लिए आरबीआई एंड्रायड आधारित एक स्कैनर एप्लीकेशन तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है. इस ऐप के जरिये यूजर असली व नकली नोटों में आसानी से अंतर कर पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल इस ऐप का ट्रायल किया जा रहा है जो कि 95 फीसद से अधिक एक्यूरेसी लेवल तक पहुँच चुका है.  बताया जा रहा है कि इस ऐप में दस रुपए से लेकर 2000 रुपए तक के सभी नोटों (नए व पुराने) के फीचर शामिल होंगे. इस स्कैनर ऐप में ऐसे सिक्योरिटी फीचर भी शामिल होंगे, जो बिना किसी उपकरण के सहारे डिस्क्लोज नहीं किये जा सकेंगे. एक बैंक अधिकारी का कहना है कि इस एप्लीकेशन के आने के बाद आम आदमी भी अपने नोट की पहचान आसानी से कर लेगा.

इसके लिए आरबीआई एंड्रायड आधारित एक स्कैनर एप्लीकेशन तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है. इस ऐप के जरिये यूजर असली व नकली नोटों में आसानी से अंतर कर पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल इस ऐप का ट्रायल किया जा रहा है जो कि 95 फीसद से अधिक एक्यूरेसी लेवल तक पहुँच चुका है.

बताया जा रहा है कि इस ऐप में दस रुपए से लेकर 2000 रुपए तक के सभी नोटों (नए व पुराने) के फीचर शामिल होंगे. इस स्कैनर ऐप में ऐसे सिक्योरिटी फीचर भी शामिल होंगे, जो बिना किसी उपकरण के सहारे डिस्क्लोज नहीं किये जा सकेंगे. एक बैंक अधिकारी का कहना है कि इस एप्लीकेशन के आने के बाद आम आदमी भी अपने नोट की पहचान आसानी से कर लेगा.

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