योगी के बजट पर अब अपना काम शुरू करेगी भाजपा, एक पदाधिकारी को दो जिलों की जिम्मेदारी

योगी के बजट पर अब अपना काम शुरू करेगी भाजपा, एक पदाधिकारी को दो जिलों की जिम्मेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बजट पर अब भाजपा अपना काम शुरू करने जा रही है। उसने बजट के सरोकारों के साथ मिशन 2019 की तैयारी का खाका खींचना शुरू कर दिया है। योजना बजट के कामों को लोगों तक पहुंचाने के लिए हर घर तक जाने की है। एक पदाधिकारी को दो जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बजट की बारीकियां तथा एजेंडे के हिस्से पर फोकस की बात लोगों के दिमाग में बैठे, इसके लिए पार्टी के प्रमुख लोगों की टीम मॉनिटरिंग भी करेगी।योगी के बजट पर अब अपना काम शुरू करेगी भाजपा, एक पदाधिकारी को दो जिलों की जिम्मेदारीबड़ी खबर: PNB घोटाले की जांच के लिए JPC पर विपक्षी एकता तय करेगी मोदी सरकार की सांसत
18, 19 और 20 फरवरी को सभी जिलों में पार्टी पदाधिकारी उस जिले के ब्लॉक स्तर तक प्रमुख कार्यकर्ताओं को जिला मुख्यालय पर बुलाकर उन्हें मोदी और योगी सरकार के बजट की खूबियां बताएंगे। इसके बाद जिलों के पदाधिकारियों और प्रमुख कार्यकर्ताओं को अलग-अलग मंडल की जिम्मेदारी सौंपकर वहां के प्रमुख कार्यकर्ताओं को इस अभियान में जुटाया जाएगा। वे लोगों को बजट से होने वाले लाभ समझाएंगे। बताएंगे कि मोदी व योगी के बजट का मकसद गांवों के विकास के साथ किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान तलाशना व रोजगार के अवसर पैदा करना है।

किसे कहां की जिम्मेदारी
दयाशंकर सिंह को कुशीनगर व बस्ती, अशोक कटारिया को बरेली, विजय बहादुर पाठक को सीतापुर व हमीरपुर, पंकज सिंह को बाराबंकी व बुलंदशहर, धर्मवीर प्रजापति को हाथरस, विद्यासागर सोनकर को सुल्तानपुर व प्रतापगढ़, कौशल किशोर को शाहजहांपुर, बीएल वर्मा को पीलीभीत व आगरा, शिवनाथ यादव को जौनपुर, रंजना उपाध्याय को जालौन, संतोष सिंह को उन्नाव तथा सलिल विश्नोई को इटावा व झांसी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

यह वजह तो नहीं

अर्थशास्त्री प्रो. एपी तिवारी दुनिया के मशहूर अर्थशास्त्री ब्रिटेन के एच. डाल्टन का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि जो स्टेट्समैन हैं, वे वर्तमान के लाभ पर कम और दीर्घकालिक लाभ पर अपने बजट में ज्यादा फोकस करते हैं, क्योंकि लोकवित्त अर्थात किसी राज्य का बजट अर्थशास्त्र व राजनीति शास्त्र की सीमा पर आता है। उस लिहाज से यह बजट वोट बटोरने की क्षमता रखता है। प्रश्न केवल इस उद्देश्य पर लोगों में भरोसा पैदा करने का है।

ऐसा लगता है कि भाजपा भी इसे समझती है, इसलिए प्रदेश सरकार का बजट आने के तुरंत बाद लोगों को इसके लाभ समझाने का अभियान शुरू करने का फैसला ले लिया गया। भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक तर्क देते हैं कि सत्तारूढ़ दल ही नहीं, बल्कि राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते भी हमारी जिम्मेदारी है कि सरकार के लोककल्याणकारी कामों की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाए।

रही चुनावी उद्देश्य की बात तो राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हर दल व कार्यकर्ता का मकसद लोगों का भरोसा जीतकर लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता संचालन की बागडोर अपने हाथ में लेना होता है जिससे अपनी नीति के आधार पर समाज के कल्याण के काम किए जा सकें। भाजपा कुछ अलग नहीं कर रही है।

कोशिश इस तरह

बजट में जिला और क्षेत्रवार की गई व्यवस्थाओं का उस क्षेत्र विशेष में कार्यकर्ताओं के जरिये लोगों तक पहुंचाने पर यह अभियान फोकस करेगा। उदाहरण के लिए सरयू नहर परियोजना को बहराइच से गोरखपुर व महराजगंज तक के जिलों में फोकस किया जाएगा तो एक्सप्रेस-वे के सहारे संबंधित इलाकों में दस्तक दी जाएगी।

वनटंगिया, मुसहर और थारू जातियों के लिए किए गए फैसलों को लेकर तराई इलाकों में तो बाढ़ से बचाव के लिए की गई व्यवस्थाओं पर बाढ़ग्र्रस्त जिलों में फोकस किया जाएगा।

धार्मिक स्थलों, गायों की रक्षा और उनके संवर्धन के लिए उठाए जाने वाले कदमों को सभी जगह बताने की योजना है तो स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी फैसलों पर हर जिले में फोकस किया जाएगा। इसी तरह अन्य कामों का वर्गीकरण कर उन पर फोकस करने की तैयारी है। 

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