योगी सरकार: के 50 दिन पूरे,सांप्रदायिक-जातीय तनाव का लेखा-जोखा है

योगी सरकार के 50 दिन पूरे हो चुके हैं इन 50 दिनों में योगी के काम करने के तरीके और फैसलों को लेकर जहां जबरदस्त चर्चा हुई वहीं पिछले कुछ दिनों से कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक और जातीय तनाव, योगी सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है.ये भी पढ़े: 4.4 अरब लोगों को बेवकूफ बनाया ऐसे अपने चंगुल में फंसा रहा ड्रैगन, भारत पर भी शिकंजा!

अब तक योगी सरकार ने 50 से ज्यादा सीनियर पुलिस अधिकारियों के तबादले किए हैं बावजूद इसके अब तक पूरे प्रदेश में करीब छोटे-बड़े करीब दर्जन भर सांप्रदायिक और जातीय तनाव सामने आ चुके हैं.

एक तरफ मुख्यमंत्री योगी कड़क और चुस्त प्रशासन के दावे लगातार कर रहे हैं वहीं सूबे के कई इलाकों से ऐसी घटनाओं की खबरें भी आईं जिसने लॉ एंड आर्डर पर गंभीर सवाल भी खड़े किए खासकर सांप्रदायिक और जातीय तनाव को लेकर.

लड़की भगाने और लव जेहाद के नाम पर बढ़ रहा सबसे ज्यादा तनाव
गुरुवार रात संभल में लड़की भागकर ले जाने को लेकर दो समुदाय के बीच इतना बवाल बढ़ा कि एक गांव के करीब 10 परिवारों को रातों-रात पलायन करना पड़ा. पुलिस की मौजूदगी में ही लड़की पक्ष के लोगों ने एक समुदाय विशेष के घरों में जमकर तोड़-फोड़ की और पुलिस खड़ी देखती रही. गांव में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात होने और मौके पर मुरादाबाद रेंज के डीआईजी के सामने ही समुदाय विशेष के ग्रामीण पलायन करते रहे लेकिन, अधिकारियों ने भी ग्रामीणों को रोकने का प्रयास नहीं किया.

बुलंदशहर में लव जेहाद पर बवाल
27 अप्रैल को बुलंदशहर के पहासू में एक हिंदू लड़की मुस्लिम युवक के साथ भागी तो बवाल मच गया. इस मामले से गुस्साए भगवा ब्रिगेड के लोगों ने मुस्लिम युवक के पड़ोसी पर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई. आरोप हिंदू युवा वाहिनी पर लगा. बाद में जब वह लड़की बरामद हुई तो उसने अपहरण और लव जेहाद का आरोप लगाया और बाकायदा 164 के बयान में इसकी तस्दीक की.

गौरतलब है कि पिछले 50 दिनों में अकेले बुलंदशहर में एक समुदाय विशेष की चार लड़कियों को भगाए जाने का मामला सामने आया है. जिसे लेकर एक बार फिर से इलाके में तथाकथित लव जेहाद फिर से सुर्खियों में है और इसे लेकर तनाव अब भी बरकरार है.

जातीय तनाव में जला सहारनपुर
सहारनपुर में सांप्रदायिक तनाव की शुरुआत 20 अप्रैल से हुई जब अल्पसंख्यकों के इलाके से अंबेडकर की शोभा यात्रा को लेकर तनाव हुआ. इस शोभायात्रा में पथराव के बाद बवाल बढ़ा हालांकि बाद में इसे कंट्रोल कर लिया गया.

लेकिन, 5 मई को सहारनपुर में ही दलित और ठाकुरों के बीच तनाव की शुरुआत हो गई. सहारनपुर सबसे ज्यादा चर्चा में रहा, वजह थी ठाकुरों और दलितों के बीच फैला तनाव.

20 अप्रैल 2017: सहारनपुर के सड़क दूधली में अंबेडकर जयंती की शोभा यात्रा को लेकर दो पक्षो में जबरदस्त टकराव. यात्रा निकाल रहे एक पक्ष पर दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा किया गया पथराव.

5 मई 2017: सहारनपुर के बड़गांव इलाके के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की शोभा यात्रा के दौरान दो पक्षों में (दलित और ठाकुरों में) जमकर बवाल हुआ. दोनों ओर से जमकर पथराव और फायरिंग भी हुई. जिसमें एक युवक की मौत भी हो गई. गुस्साए ठाकुरों ने दलितों के कई घरों में तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया. कई वाहनों के साथ-साथ पुलिस के वाहनों में भी जमकर तोड़फोड़ की गई. मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों को भी उपद्रवियों ने गांव में जाने से रोक दिया.

9 मई 2017: सहारनपुर के शब्बीरपुर प्रकरण में दलितों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ भीम आर्मी बिना परमिशन के धरना दे रही थी. पुलिस ने सभी को धरने से उठने के लिए कहा. इस पर भीम आर्मी ने पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर सबको वहां से भगा दिया. इसके बाद भीम आर्मी के लोगों ने शहर में चारों ओर पथराव व हंगामा शुरू कर दिया. चिलकाना रोड और मल्हीपुर रोड पर भीम आर्मी के लोगों ने पुलिस पर पथराव और हवाई फायरिंग की. कई वाहनों में आगजनी की. सहारनपुर में पिछले 25 दिनों में हिंसा की यह तीसरी घटना है. पुलिस की एक चौकी को भी दलितों की सेना ने आग के हवाले कर दिया.

हापुड़ में भी सांप्रदायिक तनाव बढ़ते-बढ़ते बचा था
29 मार्च की रात हापुड़ में दो पक्षों में मजाक-मजाक में विवाद बढ़ गया और यह सांप्रदायिक रूप लेते-लेते बचा. मामले को रातों-रात नियंत्रण में किया गया जिसमें दोनों तरफ के तकरीबन दर्जन भर लोग पकड़े गए थे. ये मामला भी लड़कियों की छेड़खानी को लेकर बढ़ा. मामला हापुड़ के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के उपेड़ा गांव का है.

सहारनपुर में तनाव के बाद योगी सरकार ने न सिर्फ वहां के एसपी बदल दिए बल्कि डीजीपी से लेकर तमाम बड़े अधिकारी कैंप भी करते रहे बावजूद इसके सूबे मे छोटी-छोटी बात सांप्रदायिक रंग ले रही है. ऐसे में सांप्रदायिक घटनाओं पर लगाम लगाना योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी.

बुलंदशहर में लव जेहाद पर बवाल
27 अप्रैल को बुलंदशहर के पहासू में एक हिंदू लड़की मुस्लिम युवक के साथ भागी तो बवाल मच गया. इस मामले से गुस्साए भगवा ब्रिगेड के लोगों ने मुस्लिम युवक के पड़ोसी पर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई. आरोप हिंदू युवा वाहिनी पर लगा. बाद में जब वह लड़की बरामद हुई तो उसने अपहरण और लव जेहाद का आरोप लगाया और बाकायदा 164 के बयान में इसकी तस्दीक की.

गौरतलब है कि पिछले 50 दिनों में अकेले बुलंदशहर में एक समुदाय विशेष की चार लड़कियों को भगाए जाने का मामला सामने आया है. जिसे लेकर एक बार फिर से इलाके में तथाकथित लव जेहाद फिर से सुर्खियों में है और इसे लेकर तनाव अब भी बरकरार है.

जातीय तनाव में जला सहारनपुर
सहारनपुर में सांप्रदायिक तनाव की शुरुआत 20 अप्रैल से हुई जब अल्पसंख्यकों के इलाके से अंबेडकर की शोभा यात्रा को लेकर तनाव हुआ. इस शोभायात्रा में पथराव के बाद बवाल बढ़ा हालांकि बाद में इसे कंट्रोल कर लिया गया.

लेकिन, 5 मई को सहारनपुर में ही दलित और ठाकुरों के बीच तनाव की शुरुआत हो गई. सहारनपुर सबसे ज्यादा चर्चा में रहा, वजह थी ठाकुरों और दलितों के बीच फैला तनाव.

20 अप्रैल 2017: सहारनपुर के सड़क दूधली में अंबेडकर जयंती की शोभा यात्रा को लेकर दो पक्षो में जबरदस्त टकराव. यात्रा निकाल रहे एक पक्ष पर दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा किया गया पथराव.

5 मई 2017: सहारनपुर के बड़गांव इलाके के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की शोभा यात्रा के दौरान दो पक्षों में (दलित और ठाकुरों में) जमकर बवाल हुआ. दोनों ओर से जमकर पथराव और फायरिंग भी हुई. जिसमें एक युवक की मौत भी हो गई. गुस्साए ठाकुरों ने दलितों के कई घरों में तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया. कई वाहनों के साथ-साथ पुलिस के वाहनों में भी जमकर तोड़फोड़ की गई. मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों को भी उपद्रवियों ने गांव में जाने से रोक दिया.

9 मई 2017: सहारनपुर के शब्बीरपुर प्रकरण में दलितों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ भीम आर्मी बिना परमिशन के धरना दे रही थी. पुलिस ने सभी को धरने से उठने के लिए कहा. इस पर भीम आर्मी ने पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर सबको वहां से भगा दिया. इसके बाद भीम आर्मी के लोगों ने शहर में चारों ओर पथराव व हंगामा शुरू कर दिया. चिलकाना रोड और मल्हीपुर रोड पर भीम आर्मी के लोगों ने पुलिस पर पथराव और हवाई फायरिंग की. कई वाहनों में आगजनी की. सहारनपुर में पिछले 25 दिनों में हिंसा की यह तीसरी घटना है. पुलिस की एक चौकी को भी दलितों की सेना ने आग के हवाले कर दिया.

हापुड़ में भी सांप्रदायिक तनाव बढ़ते-बढ़ते बचा था
29 मार्च की रात हापुड़ में दो पक्षों में मजाक-मजाक में विवाद बढ़ गया और यह सांप्रदायिक रूप लेते-लेते बचा. मामले को रातों-रात नियंत्रण में किया गया जिसमें दोनों तरफ के तकरीबन दर्जन भर लोग पकड़े गए थे. ये मामला भी लड़कियों की छेड़खानी को लेकर बढ़ा. मामला हापुड़ के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के उपेड़ा गांव का है.

सहारनपुर में तनाव के बाद योगी सरकार ने न सिर्फ वहां के एसपी बदल दिए बल्कि डीजीपी से लेकर तमाम बड़े अधिकारी कैंप भी करते रहे बावजूद इसके सूबे मे छोटी-छोटी बात सांप्रदायिक रंग ले रही है. ऐसे में सांप्रदायिक घटनाओं पर लगाम लगाना योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी.

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