फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान की खरीद को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस लगातार पूछ रही है लेकिन सरकार अधिकृत तौर पर देश को कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं।UP निकाय चुनाव: BJP के लिए गुजरात में साबित हो सकती है ‘तुरुप का इक्का’
उन्होंने कहा कि राजग की सरकार ने यूपीए के सौदे से बढ़िया सौदा किया है तो यह क्यों नहीं बता रही कि विमान किस कीमत पर खरीदे गए हैं।
मनीष तिवारी का कहना है कि यूपीए सरकार ने 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए बातचीत कर कीमत तय की थी। उसे रद्द करके सरकार ने 36 विमान खरीदने का फैसला लिया है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या नए सौदे से पहले एयर चीफ मार्शल की राय ली गई थी। प्रधानमंत्री ने पेरिस में विमान खरीद की घोषणा के पहले क्या रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी से अनुमति ली थी या क्लीयरेंस से पहले घोषणा कर दी।
तिवारी ने एक न्यूज वेबसाइट के हवाले से बताया कि यूपीए सरकार ने राफेल सौदे के लिए जिन दो कंपनियों की छंटनी की थी, उसमें से एक ने अपने दूतावास के माध्यम से जुलाई में तत्कालीन रक्षा मंत्री को पत्र भेजकर एक विमान 138 मिलियन यूरो में आपूर्ति करने का प्रस्ताव भेजा था।
उन्होंने कहा कि सरकार अधिकृत तौर पर राफेल की कीमत नहीं बता रही है, लेकिन बाजार में जो सूचना है उसके मुताबिक 157 मिलियन यूरो में विमान खरीदा जा रहा है।
तिवारी ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि जब कोई कंपनी कम कीमत पर तैयार थी तो उसके प्रस्ताव को क्यों खारिज किया गया।