रिहाई के लिए ओम प्रकाश चौटाला पहुंचे दिल्ली हाई कोर्ट, AAP सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश

हरियाणा में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला द्वारा रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

अब इस मामले में अगले सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।

इससे पहलेअधिवक्ता अमित साहनी के माध्यम से याचिका दयार कर ओपी चौटाला ने कहा है कि उनकी रिहाई के संबंध में हाई कोर्ट ने नवंबर 2019 एवं फरवरी 2020 में दिल्ली सरकार को उचित फैसला लेना का निर्देश दिया था। हालांकि, अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है। ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी उम्र और दिव्यांगता के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की गई है।

इससे पहले दायर याचिका में ओम प्रकाश चौटाला ने केंद्र सरकार के 18 जुलाई 2018 की अधिसूचना का हवाला दिया था। अधिसूचना के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसदी वाले दिव्यांग व बच्चे अगर अपनी आधी सजा काट चुके हैं तो राज्य सरकार उसकी रिहाई पर विचार कर सकती है।

याचिका में ओम प्रकाश चौटाला ने कहा था कि उनकी उम्र 86 साल की हो गई है और भ्रष्टाचार के मामले में वे सात साल की सजा काट चुके हैं। उन्होंने यह भी दावा किया था कि वह अप्रैल 2013 में 60 फीसदी दिव्यांग हो चुके थे और जून 2013 में पेशमेकर लगाए जाने के बाद से वह 70 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग हो चुके हैं। इस तरह से वे केंद्र सरकार के जल्दी रिहाई की सभी शर्तों को पूरा कर रहे हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यह भ्रष्टाचार का मामला है और भारत सरकार की अधिसूचना इस पर लागू नहीं होती। वहीं, ओम प्रकाश चौटाला ने दलील दी थी कि उन्हें रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में उनकी सात साल की सजा पूरी हो चुकी है। वर्ष 2000 के 3206 शिक्षक भर्ती मामले में विशेष सीबीआइ अदालत ने वर्ष 2013 में ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 53 लोगों के खिलाफ सजा सुनाई थी। इसमें तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा के निदेशक आइएएस अधिकारी संजीव कुमार भी शामिल थे।

 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com