रूस के विदेश मंत्रालय ने संकल्प लिया है कि अमेरिका और कनाडा द्वारा उसके राजनयिकों के निष्कासन का वह जवाब देगा .गौरतलब है कि ब्रिटेन में पूर्व जासूस पर नर्व एजेंट के हमले में रूस की कथित संलिप्तता का आरोप लगने के बाद अमेरिका और कनाडा ने उसके राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. इसके अलावा यूरोपीय संघ के 14 देशों और यूक्रेन ने भी ऐसा करने के संकेत दिए हैं.रूस ने लिया संकल्प, राजनयिकों के निष्कासन का देगा जवाबकनाडा ने रूस के चार राजयनिकों के निष्कासन का आदेश दिया और तीन अन्य को परिचय पत्र देने से इनकार कर दिया. विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कहा कि उन्होंने यह कदम ब्रिटेन के साथ एकजुटता दिखने के लिए उठाया है. इससे पहले अमेरिका ने रूस के 60 राजनयिकों को खुफिया अधिकारी बताते हुए निष्कासित कर दिया. इसके साथ ही अमेरिका ने सिएटल स्थित रूस के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया है.

अमेरिका के इस फैसले ने शीत युद्ध की यादें ताजा कर दी हैं. निष्कासित राजनयिकों में से लगभग 12 संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी मिशन में पदस्थ हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सेंडर्स ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने अमेरिका से रूस के लगभग दर्जनभर खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करने का आदेश दिया. इसके अलावा सिएटल में रूसी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया क्योंकि यह हमारे पनडुब्बी और बोइंग के अड्डों के करीब है.

खुफिया एजेंसियों से जुड़े सभी रूसी राजनयिकों और उनके परिवार को देश छोड़ने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है. इधर, रूस के विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने के यूरोपीय संघ और नाटो के कुछ देशों के फैसले पर हम निर्णयात्मक विरोध जताते हैं.

मास्को ने इसे उकसावे वाला कदम बताया. मास्को ने संकल्प लिया है कि इस समूह के देशों के इस गैर मित्रवत कदम को यूं ही नहीं जाने दिया जाएगा, हम इसका जवाब देंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन देशों ने निष्कासन का फैसला लिया है उन्होंने ऐसा ब्रिटेन के अधिकारियों को खुश करने के लिए किया है और जो हुआ उसकी परिस्थितियों को देखने की जहमत नहीं उठाई.

मास्को ने कहा ब्रिटेन के अधिकारियों ने उस पर बेबुनियाद आरोप लगाए और‘ पूर्वाग्रही, पक्षपातपूर्ण तथा पाखंडी रूख अपनाया. जासूस को जहर देने के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले प्रतिक्रिया की ब्रिटेन ने प्रशंसा की. विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट किया कि हमारे सहयोगियों की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली. यह इतिहास में रूसी खुफिया अधिकारियों का अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक निष्कासन है. इससे हमारी साझा सुरक्षा का बचाव होगा.