मुंबई पुलिस ने रेल मंत्री के कोटे से भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से पैसे ऐंठने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर इसकी जांच शुरू की गई थी। पुलिस उपायुक्त अभिषेक त्रिमुखे ने बताया कि यह गिरोह कई राज्यों में फैला हो सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने वसई के रहने वाले रुफुस डाबरे और वलाड निवासी मंजीत सिंह चिलोत्रे को गुरुवार को गिरफ्तार किया। रेलवे नियुक्ति बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में 'सी' व 'डी' ग्रेड के पदों पर रेलवे डिफेंस कैंडिडेट की नियुक्ति का विज्ञापन दिया था। आरोपितों ने लोगों से पैसे लेकर रेल मंत्री के कोटे से भर्ती का लालच दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रेल मंत्रालय को कुछ दिन पहले ईमेल से इस तरह की ठगी की शिकायत मिली थी। इसके बाद रेल मंत्री के निर्देश पर उनके निजी सचिव प्रवीण गेदम ने 20 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक, इस गैंग ने नौकरी के नाम पर लोगों से 93 लाख रुपये की ठगी की है।

रेल मंत्री के कोटे पर भर्ती के नाम से ठगी का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने रेल मंत्री के कोटे से भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से पैसे ऐंठने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर इसकी जांच शुरू की गई थी।मुंबई पुलिस ने रेल मंत्री के कोटे से भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से पैसे ऐंठने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर इसकी जांच शुरू की गई थी।   पुलिस उपायुक्त अभिषेक त्रिमुखे ने बताया कि यह गिरोह कई राज्यों में फैला हो सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने वसई के रहने वाले रुफुस डाबरे और वलाड निवासी मंजीत सिंह चिलोत्रे को गुरुवार को गिरफ्तार किया। रेलवे नियुक्ति बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में 'सी' व 'डी' ग्रेड के पदों पर रेलवे डिफेंस कैंडिडेट की नियुक्ति का विज्ञापन दिया था।  आरोपितों ने लोगों से पैसे लेकर रेल मंत्री के कोटे से भर्ती का लालच दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रेल मंत्रालय को कुछ दिन पहले ईमेल से इस तरह की ठगी की शिकायत मिली थी। इसके बाद रेल मंत्री के निर्देश पर उनके निजी सचिव प्रवीण गेदम ने 20 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक, इस गैंग ने नौकरी के नाम पर लोगों से 93 लाख रुपये की ठगी की है।

पुलिस उपायुक्त अभिषेक त्रिमुखे ने बताया कि यह गिरोह कई राज्यों में फैला हो सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने वसई के रहने वाले रुफुस डाबरे और वलाड निवासी मंजीत सिंह चिलोत्रे को गुरुवार को गिरफ्तार किया। रेलवे नियुक्ति बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में ‘सी’ व ‘डी’ ग्रेड के पदों पर रेलवे डिफेंस कैंडिडेट की नियुक्ति का विज्ञापन दिया था।

आरोपितों ने लोगों से पैसे लेकर रेल मंत्री के कोटे से भर्ती का लालच दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रेल मंत्रालय को कुछ दिन पहले ईमेल से इस तरह की ठगी की शिकायत मिली थी। इसके बाद रेल मंत्री के निर्देश पर उनके निजी सचिव प्रवीण गेदम ने 20 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक, इस गैंग ने नौकरी के नाम पर लोगों से 93 लाख रुपये की ठगी की है।

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