लखनऊ में कोरोना संकट से पूरी तरह हालात बिगड़ते जा रहे, गंभीर मरीजों की भर्ती पूरी तरह बंद

कोरोना संक्रमण से लखनऊ के हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। हालत ये है कि गंभीर कोरोना मरीजों की सरकारी व निजी कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती होना पूरी तरह से बंद हो गई है। मरीज तीन-तीन दिनों से कोविड कंट्रोल रूम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन कर रहे हैं। मगर वह भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। बेड नहीं होने से उनके पास एंबुलेंस भी नहीं भेजी जा रही है। वहीं पिछले तीन दिनों से स्वास्थ्य विभाग ने सच्चाई को छुपाने के लिए कोविड अस्पतालों में रोजाना भर्ती कराए जाने वाले मरीजों का आंकड़ा भी जारी करना बंद कर दिया है। इससे हालात को समझा जा सकता है।

केजीएमयू एसजीपीजीआइ, लोहिया संस्थान, लोकबंधु अस्पताल, आरएसएम अस्पताल, मेदांता अस्पताल, एरा अस्पताल, चंदन अस्पताल समेत लखनऊ में बनाए गए सभी 22 कोविड-19 अस्पतालों केआइसीयू व एचडीयू पूरी तरह से फुल हो गए हैं। एक भी मरीज को किसी भी अस्पताल में भर्ती करने के लिए एक जगह नहीं बची है। लिहाजा पिछले तीन दिनों से स्वास्थ्य विभाग भर्ती मरीजों के आंकड़े भी जारी नहीं कर रहा है।

लेवल-3 में भर्ती नहीं हो पाने से तोड़ रहे दम: कोविड-19 अस्पतालों में हालात या हो गए हैं कि लेवल-2 में भर्ती मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर भी उन्हें केजीएमयू, लोहिया, संस्थान या एसजीपीजीआइ जैसे अस्पताल अपने यहां शिफ्ट करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में यह मरीज भी दम तोड़ रहे हैं। एक ऐसे ही मरीज की लोकबंधु में गुरुवार की मौत हो गई। जबकि पांच अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। इन्हें तत्काल लेवल-3 में शिफ्ट कराए जाने की जरूरत है। मगर स्वास्थ्य विभाग इन मरीजों को शिफ्ट नहीं करवा पा रहा।

मरीजों को नहीं मिल रही एंबुलेंस व बेड: कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद घर पर पड़े मरीजों की हालत खराब हो रही है। वह लगातार कंट्रोल रूम और सीएमओ कार्यालय के अधिकारियों को फोन कर रहे हैं। मगर उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है। ना तो उन्हें कहीं बेड अलॉट किया जा रहा है और ना ही उनके घर एंबुलेंस भेजी जा रही है। सीतापुर निवासी कपिलदेव मिश्र के तीमारदार सुजीत मिश्रा ने बताया कि उनके मरीज की कोविड रिपोर्ट विलंब से बुधवार की शाम आई। तब तक उनकी स्थिति गंभीर हो चुकी थी। पूरी रात एम्बुलेंस को फोन करते रहे। वहीं अपोलो अस्पताल में भर्ती कोविड पॉजिटिव कमलाक्ष तिवारी को 48 घन्टे बाद भी एम्बुलेंस नहीं मिल सकी है। बेटी नेहा मिश्रा ने बताया कि वह अपने पिता को कोविड अस्पताल में शिफ्ट कराने के लिए दो दिन से फोन कर रही हैं। आज सुबह 10.30 बजे कंट्रोल रूम से फोन आया कि किस अस्पताल में जाना चाहते हैं। उसके बाद से अभी तक उन लोगों ने दोबारा फोन नहीं किया। दरअसल अभी यहां कोविड सुविधाएं शुरू नहीं की जा सकी हैं।

कुल कोविड अस्पताल: 22

कुल बेड 2225 बेड

आइसीयू वेंटिलेटरयुक्त 475 बेड

एचडीयू के 629 बेड

आइसोलेशन बेड: 1121

गंभीर मरीज: 2000 से अधिक

एसीएमओ डॉ एमके सिंह ने बताया कि मरीजों को भर्ती कराने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि एक भी गंभीर मरीज भर्ती नहीं हो पा रहे। मगर पॉजिटिव ज्यादा संख्या में होने से हालात चिंताजनक जरूर हैं।

 

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