हवन कर दी श्रद्घांजलि दी: सिर मुंडवाने के पहले प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले अपने साथी शिक्षामित्रों की आत्मा की शांति के लिए हवन कर उन्हें श्रद्घांजलि दी। साथ ही सरकार से मृतकों के परिवारीजनों के लिए आर्थिक सहायकता की भी मांग की। मूल विद्यालयों में वापस लौटेंगे एक लाख शिक्षामित्र, शासनादेश शीघ्र यह भी पढ़ें ये हैं मांगे - 10 हजार रुपए मासिक मानदेय मिले। - लगभग 30 हजार टीईटी पास शिक्षामित्रों को सीधे शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए। - आंदोलन के दौरान शहीद शिक्षामित्रों के परिवार को मृतक आश्रित के तहत नौकरी व मुआवजा दिया जाए। जगुआर प्लेन हादसे में लखनऊ के बेटे की मौत, कर्नल पिता को शहादत पर गर्व यह भी पढ़ें - शिक्षक पद पर समायोजित नहीं हो पाए हैं, उनको सामान वेतन सामान काम के हिसाब से 38, 878 रूपए दिया जाए। गौरतलब हो कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। जिसके बाद से ही शिक्षामित्र आंदोलनरत हैं। उनकी मांग है कि शिक्षामित्रों को पैरा टीचर बनाया जाए और जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें बिना परीक्षा दिए ही नियुक्ति दी जाए। हालांकि, सरकार से शिक्षामित्रों की कई दौर में बातचीत हुई, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।

लखनऊ में सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्रों ने किया प्रर्दशन, महिलाओं ने भी कराया मुंडन

सहायक अध्यापक पद का समायोजन रद होने के बाद प्रदेश भर से आए सैकड़ों शिक्षामित्रों ने राजधानी स्थित ईको गार्डेन में बुधवार को सरकार के खिलाफ अपनी अावाज बुलंद की। इस दौरान उमा देवी, संगीता, सुमन, सरोज देवी समेत कई महिला शिक्षामित्रों ने सिर मुंडवाकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य व केंद्र की सरकार पर अपनी अनदेखी करने का आरोप लगाए। उनका कहना है कि शिक्षामित्र पिछले 38 दिनों से अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।हवन कर दी श्रद्घांजलि दी: सिर मुंडवाने के पहले प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले अपने साथी शिक्षामित्रों की आत्मा की शांति के लिए हवन कर उन्हें श्रद्घांजलि दी। साथ ही सरकार से मृतकों के परिवारीजनों के लिए आर्थिक सहायकता की भी मांग की।     मूल विद्यालयों में वापस लौटेंगे एक लाख शिक्षामित्र, शासनादेश शीघ्र यह भी पढ़ें  ये हैं मांगे  - 10 हजार रुपए मासिक मानदेय मिले।   - लगभग 30 हजार टीईटी पास शिक्षामित्रों को सीधे शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए।  - आंदोलन के दौरान शहीद शिक्षामित्रों के परिवार को मृतक आश्रित के तहत नौकरी व मुआवजा दिया जाए।    जगुआर प्लेन हादसे में लखनऊ के बेटे की मौत, कर्नल पिता को शहादत पर गर्व यह भी पढ़ें - शिक्षक पद पर समायोजित नहीं हो पाए हैं, उनको सामान वेतन सामान काम के हिसाब से 38, 878 रूपए दिया जाए।   गौरतलब हो कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। जिसके बाद से ही शिक्षामित्र आंदोलनरत हैं। उनकी मांग है कि शिक्षामित्रों को पैरा टीचर बनाया जाए और जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें बिना परीक्षा दिए ही नियुक्ति दी जाए। हालांकि, सरकार से शिक्षामित्रों की कई दौर में बातचीत हुई, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।

हवन कर दी श्रद्घांजलि दी: सिर मुंडवाने के पहले प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले अपने साथी शिक्षामित्रों की आत्मा की शांति के लिए हवन कर उन्हें श्रद्घांजलि दी। साथ ही सरकार से मृतकों के परिवारीजनों के लिए आर्थिक सहायकता की भी मांग की।

ये हैं मांगे 

– 10 हजार रुपए मासिक मानदेय मिले। 

– लगभग 30 हजार टीईटी पास शिक्षामित्रों को सीधे शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए। 
– आंदोलन के दौरान शहीद शिक्षामित्रों के परिवार को मृतक आश्रित के तहत नौकरी व मुआवजा दिया जाए। 

– शिक्षक पद पर समायोजित नहीं हो पाए हैं, उनको सामान वेतन सामान काम के हिसाब से 38, 878 रूपए दिया जाए। 

गौरतलब हो कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। जिसके बाद से ही शिक्षामित्र आंदोलनरत हैं। उनकी मांग है कि शिक्षामित्रों को पैरा टीचर बनाया जाए और जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें बिना परीक्षा दिए ही नियुक्ति दी जाए। हालांकि, सरकार से शिक्षामित्रों की कई दौर में बातचीत हुई, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।

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