मेट्रो की ब्ल्यू लाइन यानी ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की नई डीपीआर फाइनल हो गई है। राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद एलएमआरसी नई डीपीआर को वित्तीय अनुमति के लिए केंद सरकार को भेजेगा। स्वीकृति मिलते ही चारबाग से बसंतकुंज तक ब्ल्यू लाइन मेट्रो का सिविल वर्क इसी साल शुरू हो जाएगा। ब्ल्यू लाइन का 70 फीसदी हिस्सा भूमिगत होगा।दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने ब्ल्यू लाइन के लिए नई डीपीआर एलएमआरसी को सौंप दी है। इसमें चारबाग सहित सात स्टेशन भूमिगत होंगे। बाकी पांच मेट्रो स्टेशन एलीवेटेड होंगे। 11 किमी के इस रूट में 12 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे।
7.5 किमी तक 7 स्टेशन भूमिगत : चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल कालेज चौराहा और नवाजगंज।
5 स्टेशन एलीवेटेड : ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग, बसंतकुंज।
ब्ल्यू लाइन पर खर्च (अनुमानित) कुल–2850 करोड़
भूमिगत लाइन पर–2500 करोड़
एलीवेटेड रूट पर–350 करोड़ (भूमिगत सेक्शन ज्यादा होने की वजह से बढ़ेगी लागत)
बसंतकुंज में बनेगा मेट्रो का डिपो
लखनऊ मेट्रो की ब्ल्यू लाइन के लिए डिपो बसंतकुंज में बनेगा। यहां ट्रेनों के खड़े होने से लेकर जांच व रखरखाव के लिए वर्कशॉप होगा। कंट्रोल रूम भी यहीं होगा।
चारबाग में भूमिगत स्टेशन भी
ब्ल्यू लाइन के लिए चारबाग में भूमिगत स्टेशन बनेगा। अभी तक रेड लाइन के लिए यहां एलीवेटेड स्टेशन ही बनाया गया है। ब्ल्यू लाइन से आने वालों को आगे की ट्रेन पकड़ने के लिए सीढ़ियों या एस्कलेटर्स से ऊपर पहुंचकर लाइन बदलनी होगी।
मार्च में शुरू हो सकता है जमीन अधिग्रहण
मेट्रो के एक अधिकारी के अनुसार ब्ल्यू लाइन के लिए टेंडर और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया मार्च में शुरू हो सकती है। इसके लिए प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होगी। इसमें करीब दो महीने का वक्त लग सकता है।
एलएमआरसी के एमडी केशव कुमार का कहना है कि हमारी टीम ब्ल्यू लाइन के लिए नई डीपीआर का अध्ययन कर रही है। अनुमोदन के लिए इसे इसी हफ्ते प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। वहां से केंद्र सरकार की वित्तीय अनुमति के लिए भेजा जाएगा। साथ ही अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट, कांप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान भी भेजा जाएगा।