लव या जिहादः हदिया बोली, जबरन नहीं कुबूला इस्लाम

लव या जिहादः हदिया बोली, जबरन नहीं कुबूला इस्लाम

केरल के कथित लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने पेशी के लिए रवाना होने से पहले हदिया बन चुकी अखिला अशोकन ने कहा कि किसी ने भी उसे इस्लाम में धर्मांतरण के लिए मजबूर नहीं किया था. वो अपने पति शफीन जहां के पास जाना चाहती है. हदिया को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होना है. आज उन्होंने अपने पिता और सुरक्षाकर्मियों के साथ कोच्ची एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी.

लव या जिहादः हदिया बोली, जबरन नहीं कुबूला इस्लामसुप्रीम कोर्ट कर रहा मामले की सुनवाई

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को हदिया के पिता को अपनी बेटी को अगली सुनवाई के वक्त यानी 27 दिसंबर को पेश करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट हदिया के पिता की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें वो अपनी बेटी की मुस्लिम युवक से शादी का विरोध करते हुए इसे लव जिहाद का मामला बता रहे हैं. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के वक्त कहा था कि इस मामले की सुनवाई से पहले अदालत संबंधित महिला से उसका पक्ष जानना चाहेगी कि क्या उसने अपनी सहमति से धर्म परिवर्तन और निकाह किया था.

RSS पर दबाव डालने का आरोप

उधर एक अन्य घटनाक्रम में हदिया के पति शाफीन जहां ने कोट्टायम पुलिस को शिकायत दी है कि उसकी पत्नी हदिया के परिवार वाले और आरएसएस के लोग उसे फिर से हिंदू धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इसके लिए हदिया को हिंदू धर्मगुरुओं द्वारा तीन घंटे की काउंसिलिंग भी कराई गई.  हदिया उर्फ अखिला पर केरल की राजनीति काफी गरम है.

पिता की इकलौटी बेटी है हदिया

आर्मी परिवार से ताल्लुक रखने वाली अखिला अपने पिता केएम अशोकन की इकलौती बेटी है. 12वीं पास करते ही उसने अगस्त 2010 में तमिलनाडु के सेलम में सिवराज होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया. अखिला के बैच में 26 बच्चे थे. सभी से उसकी अच्छी दोस्ती हो गई. उसी दौरान उसकी मुलाकात जसीला अबुबकर से हुई. 

इंस्टीट्यूट में दाखिले के बाद बढ़ी दिलचस्पी

जसीला की बहन फसीना भी इसी इंस्टीट्यूट में दूसरा कोर्स कर रही थी. उसी दौरान अखिला रूम मेट जसीला और फसीना के करीब आ गई. वहां अखिला का इस्लाम की तरफ आकर्षण बढ़ने लगा. इस्लाम धर्म की तरफ इतना झुकाव देखते हुए जसीला ने अखिला की मुलाकात अपने पिता परायिल अबुबकर से करवाई. अखिला ने उनसे इस्लाम को लेकर काफी बातें की थीं.

इस्लाम धर्म के प्रति बढ़ा आकर्षण

इसी दौरान सोशल मीडिया पर अखिला की जान पहचान एक महिला शेरिन शहाना और उसके पति फजल मुस्तफा से हुई. वह दोनों पति-पत्नी से काफी मिलने लगी. उसी बीच अखिला ने इस्लाम धर्म में जाने की मांग रखी. दोनों ने अखिला को एक इस्लामी शहादत कलमा पढ़वा दिया. कुछ दिनों बाद अखिला के परिवार को इस बात की खबर हुई.

ऐसे हुआ धर्म परिवर्तन का खुलासा

एक दिन अखिला के दादा की मौत के बाद घर में पूजा की जा रही थी. अखिला ने वहां बैठने से इंकार कर दिया. घरवालों के पूछने उसने बताया कि वह इस्लाम धर्म अपना चुकी है. कुछ समय बाद वह अपने सेलम स्थित कॉलेज जाने के बहाने घर से चली गई. कॉलेज न जाकर जसीला के घर पहुंची. उसने जसीला से इस्लामिक पढ़ाई करने की इच्छा जताई.

अखिला से बदलकर हदिया रखा नाम

जसीला के पिता अबुबकर ने उसका एडमिशन एक इस्लाम सभा में करवाया. वहां उसका नाम अखिला से बदलकर हदिया रखा गया. अखिला एक मरकजुल हिदया सत्या सारणी नामक मुस्लिम संस्था से मिली. यह संस्था केरल के मलप्पुरम जिले में है. सत्य सारणी के जरिए अखिला एक सैनबा नामक महिला से मिली. सैनबा पीएफआई पार्टी की महिला अध्यक्ष थी.

बेटी को बहकाने का लगाया था आरोप

सैनबा ने अखिला से हदिया के नाम पर बने एक प्रमाणपत्र पर साइन कराए. जनवरी 2016 में अखिला ने अपने पिता को पत्र लिखकर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करने की बात बताई. इसके बाद उसके पिता ने कोर्ट में याचिका दायर करके अबुबकर पर उनकी बेटी को बहकाने का आरोप लगाया. कोर्ट ने अखिला को सत्य शरणी से इस्लाम पढ़ने की इजाजत दी.

SC ने NIA को दिए जांच के आदेश

दिसंबर 2016 में उसकी शादी शैफीन जहां नामक शख्स से हो गई. वह मस्कट की एक कंपनी में मैनेजर था. 21 दिसंबर, 2016 को हादिया पति के साथ हाईकोर्ट के सामने आई. लेकिन कोर्ट ने उसे हॉस्टल भेज दिया. 24 मई, 2017 को हाईकोर्ट ने शादी खारिज कर दी. उसके पति ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच के आदेश दिए.

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