केजीएमयू में प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त है। लचर पेशेंट केयर के साथ-साथ पढ़ाई कर रहीं छात्रओं की अस्मिता पर भी खतरा है। स्थिति यह है कि लारी में प्रशिक्षण के वक्त कई छात्राओं से अश्लीलता की गई। वहीं जिम्मेदार नजरंदाज करते रहे। ऐसे में सभी ने लिखित रूप से शिकायत की है। दरअसल, केजीएमयू में इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल संचालित है। इसमें करीब 14 कोर्स का संचालन होता है। वहीं ईसीजी टेक्नीशियन का कोर्स कर रहीं छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए लारी कार्डियोलॉजी भेजा जाता है। यहा ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षक टेक्नीशियन छात्राओं को माह भर से परेशान कर रहा है। आरोप हैं कि वह प्रशिक्षण के वक्त अश्लीलता, गंदे कमेंट व इशारे करता है। छात्राओं ने विभागीय अधिकारियों से मौखिक शिकायत की। मगर कर्मी की शिकायत को नजरंदाज कर दिया गया। शोषण बया करते 21 छात्राओं के खत: सिप्स की प्रिंसिपल पर छात्रा के कपड़े फाड़ने का आरोप, बवाल यह भी पढ़ें पैरामेडिकल विंग में मौखिक सुनवाई नजरंदाज होने पर छात्रओं ने प्रॉक्टर को 14 अगस्त को लिखित शिकायत की। 21 छात्रओं ने पत्र पर खुद के साथ हो रहे शोषण की एक-एक कहानी बया की। इसमें से सात छात्रओं ने अलग-अलग पत्र लिखा है। प्रशिक्षक टेक्नीशियन की एक-एक करतूत का खुले शब्दों में बया किया है। बावजूद, कर्मी पर केजीएमयू प्रशासन मेहरबान है।1मानसिक रूप से टूटीं छात्राएं, असुरक्षा का भय: प्रशिक्षक टेक्नीशियन की करतूतों से छात्राओं में असुरक्षा का भय है। कई मानसिक रूप से टूट गई हैं। कई ने कुछ दिन से लारी में ट्रेनिंग करना बंद कर दिया है। छात्रओं का कहना है कि कर्मी दबंग किस्म का है। उसकी अफसरों व विभाग के डॉक्टरों में काफी पहुंच है। ऐसे में वह प्रशिक्षण के दौरान उसकी अश्लीलता का विरोध करने पर अक्सर सबक सिखाने की धमकी देता है। विशाखा कमेटी करेगी जाच: प्रॉक्टर कार्यालय से मामले की जाच के लिए विशाखा कमेटी को पत्र भेजा गया है। वहीं कुलसचिव से संबंधित कर्मी पर कार्रवाई के लिए लिखा गया है। क्या कर रहा 30 सदस्यों का प्रॉक्टोरियल बोर्ड? पाच दिन तक बंधक बना किया सामूहिक दुष्कर्म, जान बचाकर घर पहुंची युवती ने बताई आपबीती यह भी पढ़ें केजीएमयू में छात्र-छात्राओं के हित के लिए डीन स्टूडेंट वेलफेयर की तैनाती है। वहीं 30 सदस्यों का चीफ प्रॉक्टोरियल बोर्ड है। इसमें शामिल सभी डॉक्टर वेतन के साथ-साथ पदों का अतिरिक्त भत्ते का लाभ ले रहे हैं। वहीं छात्राओं के शोषण पर सब शात हैं। क्या कहते हैं अफसर? - केजीएमयू चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक, पैरामेडिकल छात्रओं का पत्र आया था। इसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कुलसचिव को कर्मी के खिलाफ कार्रवाई के लिए व विशाखा कमेटी को प्रकरण की जाच के लिए लेटर लिखा है। - केजीएमयू पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के डीन डॉ. विनोद जैन का कहना है कि मुझे घटना के बारे में जानकारी नहीं है। मेरे पास कोई छात्र शिकायत के लिए नहीं आई है। - नोडल ऑफीसर डॉ. प्रवेश विश्वकर्मा ने बताया कि मेरे पास छात्रओं को परेशान करने संबंधी सूचना आई थी। अश्लीलता व छेड़खानी का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है।

लारी में छात्राओं से प्रशिक्षण के दौरान अश्लीलता, शिकायत के बाद भी अफसर साधे रहे मौन

केजीएमयू में प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त है। लचर पेशेंट केयर के साथ-साथ पढ़ाई कर रहीं छात्रओं की अस्मिता पर भी खतरा है। स्थिति यह है कि लारी में प्रशिक्षण के वक्त कई छात्राओं से अश्लीलता की गई। वहीं जिम्मेदार नजरंदाज करते रहे। ऐसे में सभी ने लिखित रूप से शिकायत की है। दरअसल, केजीएमयू में इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल संचालित है। इसमें करीब 14 कोर्स का संचालन होता है। वहीं ईसीजी टेक्नीशियन का कोर्स कर रहीं छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए लारी कार्डियोलॉजी भेजा जाता है। यहा ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षक टेक्नीशियन छात्राओं को माह भर से परेशान कर रहा है। आरोप हैं कि वह प्रशिक्षण के वक्त अश्लीलता, गंदे कमेंट व इशारे करता है। छात्राओं ने विभागीय अधिकारियों से मौखिक शिकायत की। मगर कर्मी की शिकायत को नजरंदाज कर दिया गया। शोषण बया करते 21 छात्राओं के खत:केजीएमयू में प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त है। लचर पेशेंट केयर के साथ-साथ पढ़ाई कर रहीं छात्रओं की अस्मिता पर भी खतरा है। स्थिति यह है कि लारी में प्रशिक्षण के वक्त कई छात्राओं से अश्लीलता की गई। वहीं जिम्मेदार नजरंदाज करते रहे। ऐसे में सभी ने लिखित रूप से शिकायत की है। दरअसल, केजीएमयू में इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल संचालित है। इसमें करीब 14 कोर्स का संचालन होता है। वहीं ईसीजी टेक्नीशियन का कोर्स कर रहीं छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए लारी कार्डियोलॉजी भेजा जाता है। यहा ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षक टेक्नीशियन छात्राओं को माह भर से परेशान कर रहा है। आरोप हैं कि वह प्रशिक्षण के वक्त अश्लीलता, गंदे कमेंट व इशारे करता है। छात्राओं ने विभागीय अधिकारियों से मौखिक शिकायत की। मगर कर्मी की शिकायत को नजरंदाज कर दिया गया। शोषण बया करते 21 छात्राओं के खत:    सिप्स की प्रिंसिपल पर छात्रा के कपड़े फाड़ने का आरोप, बवाल यह भी पढ़ें पैरामेडिकल विंग में मौखिक सुनवाई नजरंदाज होने पर छात्रओं ने प्रॉक्टर को 14 अगस्त को लिखित शिकायत की। 21 छात्रओं ने पत्र पर खुद के साथ हो रहे शोषण की एक-एक कहानी बया की। इसमें से सात छात्रओं ने अलग-अलग पत्र लिखा है। प्रशिक्षक टेक्नीशियन की एक-एक करतूत का खुले शब्दों में बया किया है। बावजूद, कर्मी पर केजीएमयू प्रशासन मेहरबान है।1मानसिक रूप से टूटीं छात्राएं, असुरक्षा का भय: प्रशिक्षक टेक्नीशियन की करतूतों से छात्राओं में असुरक्षा का भय है। कई मानसिक रूप से टूट गई हैं। कई ने कुछ दिन से लारी में ट्रेनिंग करना बंद कर दिया है। छात्रओं का कहना है कि कर्मी दबंग किस्म का है। उसकी अफसरों व विभाग के डॉक्टरों में काफी पहुंच है। ऐसे में वह प्रशिक्षण के दौरान उसकी अश्लीलता का विरोध करने पर अक्सर सबक सिखाने की धमकी देता है।  विशाखा कमेटी करेगी जाच:  प्रॉक्टर कार्यालय से मामले की जाच के लिए विशाखा कमेटी को पत्र भेजा गया है। वहीं कुलसचिव से संबंधित कर्मी पर कार्रवाई के लिए लिखा गया है। क्या कर रहा 30 सदस्यों का प्रॉक्टोरियल बोर्ड?   पाच दिन तक बंधक बना किया सामूहिक दुष्कर्म, जान बचाकर घर पहुंची युवती ने बताई आपबीती यह भी पढ़ें केजीएमयू में छात्र-छात्राओं के हित के लिए डीन स्टूडेंट वेलफेयर की तैनाती है। वहीं 30 सदस्यों का चीफ प्रॉक्टोरियल बोर्ड है। इसमें शामिल सभी डॉक्टर वेतन के साथ-साथ पदों का अतिरिक्त भत्ते का लाभ ले रहे हैं। वहीं छात्राओं के शोषण पर सब शात हैं।  क्या कहते हैं अफसर? - केजीएमयू चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक, पैरामेडिकल छात्रओं का पत्र आया था। इसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कुलसचिव को कर्मी के खिलाफ कार्रवाई के लिए व विशाखा कमेटी को प्रकरण की जाच के लिए लेटर लिखा है। - केजीएमयू पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के डीन डॉ. विनोद जैन का कहना है कि मुझे घटना के बारे में जानकारी नहीं है। मेरे पास कोई छात्र शिकायत के लिए नहीं आई है। - नोडल ऑफीसर डॉ. प्रवेश विश्वकर्मा ने बताया कि मेरे पास छात्रओं को परेशान करने संबंधी सूचना आई थी। अश्लीलता व छेड़खानी का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है।

पैरामेडिकल विंग में मौखिक सुनवाई नजरंदाज होने पर छात्रओं ने प्रॉक्टर को 14 अगस्त को लिखित शिकायत की। 21 छात्रओं ने पत्र पर खुद के साथ हो रहे शोषण की एक-एक कहानी बया की। इसमें से सात छात्रओं ने अलग-अलग पत्र लिखा है। प्रशिक्षक टेक्नीशियन की एक-एक करतूत का खुले शब्दों में बया किया है। बावजूद, कर्मी पर केजीएमयू प्रशासन मेहरबान है।1मानसिक रूप से टूटीं छात्राएं, असुरक्षा का भय: प्रशिक्षक टेक्नीशियन की करतूतों से छात्राओं में असुरक्षा का भय है। कई मानसिक रूप से टूट गई हैं। कई ने कुछ दिन से लारी में ट्रेनिंग करना बंद कर दिया है। छात्रओं का कहना है कि कर्मी दबंग किस्म का है। उसकी अफसरों व विभाग के डॉक्टरों में काफी पहुंच है। ऐसे में वह प्रशिक्षण के दौरान उसकी अश्लीलता का विरोध करने पर अक्सर सबक सिखाने की धमकी देता है।

विशाखा कमेटी करेगी जाच:

प्रॉक्टर कार्यालय से मामले की जाच के लिए विशाखा कमेटी को पत्र भेजा गया है। वहीं कुलसचिव से संबंधित कर्मी पर कार्रवाई के लिए लिखा गया है। क्या कर रहा 30 सदस्यों का प्रॉक्टोरियल बोर्ड?

केजीएमयू में छात्र-छात्राओं के हित के लिए डीन स्टूडेंट वेलफेयर की तैनाती है। वहीं 30 सदस्यों का चीफ प्रॉक्टोरियल बोर्ड है। इसमें शामिल सभी डॉक्टर वेतन के साथ-साथ पदों का अतिरिक्त भत्ते का लाभ ले रहे हैं। वहीं छात्राओं के शोषण पर सब शात हैं।

क्या कहते हैं अफसर? – केजीएमयू चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक, पैरामेडिकल छात्रओं का पत्र आया था। इसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कुलसचिव को कर्मी के खिलाफ कार्रवाई के लिए व विशाखा कमेटी को प्रकरण की जाच के लिए लेटर लिखा है। – केजीएमयू पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के डीन डॉ. विनोद जैन का कहना है कि मुझे घटना के बारे में जानकारी नहीं है। मेरे पास कोई छात्र शिकायत के लिए नहीं आई है। – नोडल ऑफीसर डॉ. प्रवेश विश्वकर्मा ने बताया कि मेरे पास छात्रओं को परेशान करने संबंधी सूचना आई थी। अश्लीलता व छेड़खानी का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है।

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