लैविश लाइफ जीती थीं जयलिलता, तभी करना चाहती थीं आत्महत्या…

जयललिता के जीवन का सबसे कमजोर क्षण वो था जब उनकी मां की मौत हुई और उस वक्त अकेलेपन से वे इतनी टूट गई थीं कि आत्महत्या करना चाहती थीं। बाद में उन्होंने खुद को इससे उबारा, इसी समय एमजी रामाचंद्रन उनके जीवन में आए उनकी मां की जगह ले ली। जयललिता के दिए एक इंटरव्यू के मुताबिक एमजीउनके लिए सबकुछ थे, ‘मां, पिता, दोस्त, गाइड और फिलॉसफर’, हालांकि वे ये भी मानती हैं कि उनकी मां के बाद एमजीआर ही वे शख्स थे जो पूरी तरह से उनके जीवन पर हावी रहे। तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की आज 69वीं बर्थ एनिवर्सरी है।उनका जन्म 24 फरवरी, 1948 को मांडया जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में हुआ था। उनका निधन 5 दिसंबर, 2016 को हुआ था। भले ही जयलिलता आज हमारे बीच नहीं है लेकिन वे हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगीं। जयललिता को तमिलनाडू के की जनता अम्मा बुलाती थी क्योंकि एक मां के जैसे ही वे अपनी जनता को प्यार करती थी। जयललिता के जीने का अंदाज एकदम अलग रहा है। वे बिना किसी की परवाह किए अपने स्टाइल में रॉयल लाइफ जीती थी। उनकी शानो-शौकत देखकर लोग दंग रह जाते थे। कहा जाता है कि उनके पास 10 हजार से ज्यादा साड़ियां और तकरीबन 750 जोड़ी चप्पले थीं।

जयललिता के बारे में कुछ दिलचस्प बातें
-जयललिता के परिवार का संबंध मैसूर के राजसी खानदान से है। उनके दादाजी शाही चिकित्सक थे। उन्होंने अपने परिवारजनो के नाम के प्रारंभ में जय शब्द लगाना प्रचलित किया ताकि लोगों को यह ज्ञात हो कि उनका सामाजिक संबंध मैसूर के राजा जयचमारराजेंद्र वोडेयार से है।

-जयललिता जब मात्र दो वर्ष की थीं तब उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद वह अपनी माता और नाना-नानी के साथ रहने बेंगलूर आ गईं।

-बेंगलूरु में कुछ साल तक बिशप कॉटन गर्ल्स स्कूल में पढाई की और फिर उनकी माता फिल्मों में नसीब आजमाने चेन्नई चली गईं।

-चेन्नई आने के बाद उन्होंने चर्च पार्क प्रैजेंटेशन कान्वैंट और स्टेला मारिस कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की।

-बचपन से ही जयललिता तेजस्वी विद्यार्थी थीं और वह कानून की पढ़ाई करना चाहती थी लेकिन नसीब में कुछ और ही लिखा था।

-परिवार की आर्थिक परेशानियों के कारण उनकी माताजी ने उन्हें फिल्मों में काम करने का सुझाव दिया।

-महज 15 साल की आयु में जयललिता ने अपने आप को प्रमुख अभिनेत्री के रूप में स्थापित कर लिया।

-जयललिता जयराम ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (अन्ना द्रमुक) की महासचिव हैं।

-वह उन कुछ खास भूतपूर्व प्रतिष्ठित सुपरस्टार्स में से हैं जिन्होंने न सिर्फ सिनेमा के क्षेत्र में नाम कमाया बल्कि राजनीति में भी उतने ही पापुलर रहे।

-राजनीति में प्रवेश से पहले वह एक लोकप्रिय अभिनेत्री थीं और उन्होंने तमिल, तेलगू, कन्नड़ फिल्मों के साथ-साथ एक हिंदी और एक अंग्रेजी फिल्म में भी काम किया है।

-सन् 1989 में तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष की नेता बनने वाली वह प्रथम महिला थीं।

-सन् 1991 में वे पहली बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं।

-फिल्मी करियर में उन्होंने 1965 से 1972 के दौरान ज्यादातर फिल्में सुपर स्टार एम.जी. रामचंद्रन के साथ कीं।

-एमजीआर उनके राजनीतिक गुरु भी रहे और 1982 में उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरूआत की।

-1987 में एम.जी. रामचंद्रन के निधन के बाद जयललिता ने खुद को एम.जी. रामचंद्रन का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।

-अपने राजनीतिक जीवन में जयललिता भ्रष्टाचार के मामलों में विवादों में भी रहीं। भ्रष्टाचार के मामलों में उन्हें कोर्ट से सजा भी हो चुकी है।

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