विजय माल्या यूबी ग्रुप के सभी पदों से देगा इस्तीफा, चयन किया अपना उत्तराधिकारी

विजय माल्या यूबी ग्रुप के सभी पदों से देगा इस्तीफा, चयन किया अपना उत्तराधिकारी

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या अपने कंपनी यूबी ग्रुप के सभी पदों से इस्तीफा देने जा रहा है। इसके साथ ही माल्या ने अपने उत्तराधिकारी का चयन भी कर लिया है। इसके साथ ही माल्या के खुद से देश वापसी की उम्मीदों पर भी लगाम लग गया है। विलफुल डिफॉल्टर घोषित होने के बाद माल्या लंदन में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहा है। विजय माल्या यूबी ग्रुप के सभी पदों से देगा इस्तीफा, चयन किया अपना उत्तराधिकारीबड़ी खबर: BJP सांसद ने गांधी-नेहरू को बताया ‘कचरा’, कांग्रेस ने दर्ज कराई शिकायत
सेबी के इस फैसले से लगी मुहर
बाजार नियामक सेबी ने माल्या को शेयर मार्केट में लिस्टेड किसी भी कंपनी का निदेशक होने पर रोक लगा दी थी। सेबी ने अपना फैसला तब लिया था जब एसबीआई द्वारा बनाए गए बैंकों के कंशोर्सियम ने माल्या को सभी लिस्टेड कंपनियों के निदेशक, चेयरमैन आदि पद से हटाने का आग्रह किया था। 

सीवाई पाल को बनाया एक्टिंग चेयरमैन

यूबी ग्रुप ने माल्या की जगह सी वाई पाल को कंपनी का एक्टिंग चेयरमैन बनाया है। फिलहाल पाल कंपनी में निदेशक हैं। 
17 बैंकों पर है नौ हजार करोड़ रुपये बकाया
भारत के 17 भारतीय बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ रुपये लेकर विदेश भागने वाले विजय माल्या से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आई है। सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) ने पाया है कि किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड ने एयरबस का A319-100 कोर्पोरेट जेट खरीदा था जिसका इस्तेमाल पैसेंजर्स की जगह माल्या ने पर्सनल यूज के लिए किया। इतना ही नहीं उस जेट में माल्या के परिवार के लोग और माल्या के जानकार राजनेता भी सफर किया करते थे।

SFIO ने यह भी पाया है कि जेट उस वक्त खरीदा गया था जब कंपनी की हालत ठीक नहीं थी लेकिन जेट यह कहकर खरीदा गया कि इससे होने वाली कमाई से कंपनी के दिन सुधर सकते हैं।

SFIO की रिपोर्ट से पता लगा है कि किंगफिशर कंपनी (KFAL) ने फरवरी 2006 में इस जेट के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय में अप्लाई किया था। कंपनी को जेट को इंपोर्ट करने के लिए NOC चाहिए थी।

इसी के साथ एक और NOC मांगी गई थी जिसमें लिखा था कि इस जेट का यूज माल्या, कंपनी के वीवीआईपी टूरिज्म के लिए होना है, इसमें विश्व की विभिन्न जगहों के लिए उड़ान भरने की इजाजत मांगी गई थी। सर्टिफिकेट मिलने के बाद जेट को VT-VJM से रजिस्टर करवा लिया गया था।

जब्त है जेट, नहीं मिल रहा खरीददार
उस वक्त जेट की यह डील 293 करोड़ रुपए में हुई थी जिसके लिए ब्रिटेन की एक कंपनी के जरिए लीज एंग्रीमेंट तैयार करवाया गया था। जांच में सामने आया है कि VT-VJM को पैसेंजर सर्विस के लिए कभी इस्तेमाल ही नहीं किया बल्कि वह सिर्फ माल्या का पर्सनल प्लेन बनकर रह गया था।

SFIO ने बाकी कई मामलों की भी छानबीन की, जिसके बाद माल्या, UBHL और किंगफिशर पर सेक्शन 542 के तहत बिजनेस में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। VT-VJM को फिलहाल सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने जब्त किया हुआ है।

400 करोड़ के टैक्स बकाया मामले में दिसंबर 2013 में जेट को जब्त किया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसको नीलाम करने के लिए कहा था लेकिन किसी ने सही बोली नहीं लगाई। 

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