पश्चिम बंगाल में वामपंथ की पकड़ कमजोर होने के बाद से राज्य में मुकाबला दक्षिण पंथ और ममता सरकार के बीच ही रह गया। हिंदू उत्पीड़न को लेकर आरएसएस और वीएचपी दोनों ही टीएमसी के खिलाफ रहे हैं। वहीं राज्य में हो रहे सांप्रदायिक दंगों के लिए ममता सरकार वीएचपी और आरएसएस को दोषी ठहराती आई है। अभी अभी: यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने लिया बड़ा फैसला, निरस्त कर दिए 1501 पास…
विश्व हिंदू परिषद ने हिंदुओं और बौद्ध लोगों पर हो रहे हमलों को लेकर 1 जूलाई को बांग्लादेश हाई कमीशन के दफ्तर के आगे धरना दिया। बांग्लादेश सरकार ने वीएचपी के इस कदम का विरोध किया और कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों के कारण दोनों देशों के राजनयिक संबंध पर असर पड़ सकता है। जिसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर मामले पर कड़ा कदम उठाने की मांग की थी।
इस पूरे मामले पर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव ने मेल टूडे से बातचीत कही। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने कोई पत्र नहीं लिखा। बल्कि उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग की और केंद्र से इस मामले पर कार्रवाई करने की मांग की।
वहीं इस मामले पर विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि उन्हें इस मामले के कूदने क्या जरूरत थी, हम बांग्लादेश में हिंदुओं के हित और अधिकार के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इससे पता चलता है कि वह प्रो मुस्लिम तो हैं ही साथ ही वह एंटी हिंदू भी हैं।