शुरूआत में तो सब सही लगता है लेकिन जैसे जैसे साथ रहने लगते हैं एक दूसरे की आदतों से वाकिफ होने लगते हैं। ऐसे में पति की अजीबोगरीब आदतें सामने आती हैं तो खुद पर सवाल करने का मन करता है कि क्या सोचकर की थी शादी।
इसके बाद नौकरीपेशा लड़कियां इस बात से परेशान हो जाती हैं कि अपना पैसा शेयर करें या फिर अपने पास ही रखें। शादी से पहले तो सारा पैसा खुद पर खर्च करती हैं लेकिन शादी के बाद उसी पैसे को पति के साथ शेयर करें और भविष्य के लिए सेव करें, ये सवाल मन में जरूर कौंधता है।
शादी के बाद जब एक ही बॉथरूम शेयर करना पड़ता है तो कई लड़कियों को ये नागवार गुजरता है। इसकी वजह लड़कों का बॉथरूम गंदा करने की आदत है।
पतियों का गंभीर स्वभाव भी कई बार बोर कर देता है। ऐसे में सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या मैने इसी लड़के को अपने लिए चुना था।
लड़ाई या बहस किसी भी बात से शुरू हो लेकिन वो पहुंच कहीं और जाती है। समस्या को सुलझाने के बजाए उसे और उलझा देने की आदत पत्नियों को बहुत अखरती है।
शादी के बाद ससुराल में जाकर साड़ी पहनना पड़ता है। कई लड़कियों को ये अखरता है। अपने माता पिता के साथ तो पहनने ओढ़ने के लिए कभी नहीं सुनना पड़ता। लेकिन अचानक इतना बदलाव करना थोड़ा मुश्किल लगता है।
घर में तो बोलने की पूरी आजादी मिलती है लेकिन शादी के बाद नए घर में बोलने से पहले बहुत सोचना पड़ता है की कहीं किसी को कोई बात बुरी ना लग जाए
जरूरत से ज्यादा रिश्तेदारी निभाना किसी को नही पसंद लेकिन सबका ख्याल रखना होता है तो इसलिए रिश्तेदारों के लिए जाना पड़ता है। तब लड़की सोचती है कि क्या किया जाए।