सचिन तेंदुलकर कभी रिटायर नहीं हो सकते, ये तस्वीरें हैं गवाह

सचिन तेंदुलकर को रिटायर हुए तीन साल हो चुके हैं. आज उनका 44वां जन्मदिन है. उन्होंने अपना ज़्यादातर जीवन तो क्रिकेट के मैदान पर ही बताया. लेकिन रिटायरमेंट के बाद और जब सचिन तेंदुलकर मैदान पर नहीं होते थे तो क्या करते थे. आइये जानते हैं तस्वीरों के ज़रिये:

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भारतीय क्रिकेट के कप्तान रहे सचिन को 2010 में जब इंडियन एयर फ़ोर्स ने ग्रुप कैप्टन रैंक से नवाजा था.

अप्रैल 2012 में कांग्रेस ने उन्हें राज्य सभा भेजा. सचिन पहले ऐसे एक्टिव स्पोर्ट्सपर्सन और क्रिकेटर हैं, जिन्हें राज्य सभा में सदस्य बनाया गया. इस निर्णय पर कई क्रिकेटरों ने आश्चर्य भी जताया था. सचिन को राज्य सभा में सीट नंबर 103 दी गयी है. हालाँकि सचिन को सांसद बनने के बाद जो बंगला मिला था, वो उन्होंने लेने से मन कर दिया था. उन्होंने कहा था कि ये घर अगर मैं ले लूँगा तो वो टैक्स पयेर्स के पैसों की बर्बादी होगी. जब सचिन हुए एक से दो. ये तस्वीर उनकी उनके शादी की बाद की है, जब उन्होंने 5 साल बड़ी अंजलि से शादी की थी. आज सचिन दो बच्चों के पिता भी हैं.

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ये तस्वीर सचिन और उनकी सबसे बुजुर्ग फैन की है. मैरी सेराव की इच्छा थी कि वो सचिन से मिलें. सचिन ने उनकी ये इच्छा पूरी भी की, जब वो मुंबई में महबूब स्टूडियो में शूटिंग कर रहे थे. वहीँ शूटिंग के दौरान ही सचिन ने उनसे मुलाकात की थी.

ये तस्वीर सचिन और उनके बेटे अर्जुन की हैं. यहाँ सचिन उन्हें क्रिकेट की ज़रूरी बातें समझाते हुए देखे जा सकते हैं.

ऐसा कहा जाता है कि सचिन अपने गुरु रमाकांत आचरेकर की बेहद इज्ज़त करते हैं. सचिन को इस मुकाम में पहुँचाने का सबसे बड़ा हाथ कोच आचरेकर का है. सचिन जब भी मुंबई आते थे, तो कोच से मिलना नहीं भूलते थे. ये तस्वीर उन्ही मुलाकातों में से एक है.

ये तस्वीर बेहद ख़ास है. ये 1987 वर्ल्ड कप की है, जिसे भारत ने कपिल देव की कप्तानी में जीता था. असल में सचिन इस वर्ल्ड कप में मैदान में ही थे, लेकिन खिलाड़ी के तौर पर नहीं बल्कि वो उस समय बॉल बॉय का काम करते थे. बॉल बॉय का काम बाउंड्री के बाहर गयी गेंद को वापस मैदान में देना होता है.

ये तस्वीर तब की है, जब सचिन ने पहला मैन ऑफ़ द मैच अवार्ड जीता था. उस समय उन्हें एक शम्पेन की बोतल दी गयी. लेकिन तब सचिन उसे खोल भी नहीं पाए क्योंकि तब सचिन 18 से कम उम्र के थे और ब्रिटेन में नियम था कि 18 से कम उम्र के लड़के अल्कोहल नहीं पी सकते. सचिन ने इस बोतल को 1998 में अपनी बेटी की जन्मदिन में खोला था.

ये तस्वीर उस समय की है, जब अनिल कुंबले ने एक इनिंग्स में ही 10 विकेट झटके थे. इस इनिंग्स में भी सचिन का रोल था. कैसे? अब इसे सचिन का अंधविश्वास में विश्वास ही कहिये कि कुंबले जब भी ओवर करने जा रहे थे, तो सचिन उनकी कैप और स्वेटर को अंपायर को थमा देते थे. जब-जब सचिन ने ऐसा किया तो उस ओवर में कुंबले विकेट जरूर लेते थे.

ये तस्वीर सचिन की हाल की पारी की है. सचिन अपनी करियर के संघर्षों से जुड़ी मूवी ला रहें हैं जिसका नाम है ‘सचिन आ बिलियनस ड्रीम.’ इस मूवी में सचिन ने खुद एक्टिंग भी की थी.

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