सरकार से वार्ता शुरू, अगर आज बनी बात तो काम पर लौट सकते हैं डॉक्टर्स

सरकार से वार्ता शुरू, अगर आज बनी बात तो काम पर लौट सकते हैं डॉक्टर्स

राजस्थान में 7 दिन से जारी सरकारी अस्पतालों में सेवारत डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त हो सकती है। सचिवालय में राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार के बीच बातचीत शुरू हो गई है। सरकार से वार्ता शुरू, अगर आज बनी बात तो काम पर लौट सकते हैं डॉक्टर्सएक बार फिर निशाने पर RSS कार्यकर्ता, उतारा मौत के घाट…

इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ और चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी मौजूद है। उधर, राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अजय चौधरी समेत पांच पदाधिकारी मौजूद है। 

इससे पहले शनिवार को मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में राजस्थान के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ और राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ.अजय चौधरी ने इस वार्ता के संकेत दे दिए थे। बातचीत के लिए सरकार की ओर से बुलाए जाने के पर डॉ.चौधरी ने रविवार दोपहर दो बजे अपना प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए भेजने का भरोसा दिलाया ।  

धरपकड़ के लिए दबिश

गौरतलब है कि सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल को आज 7वां दिन है। इस हड़ताल के कारण अस्पतालों की व्यवस्थाएं बुरी तरह चरामरा गई और अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत होने की बात सामने आ रही है। सरकार ने भी हड़ताली डॉक्टरों पर शिकंजा कसते हुए रेस्मा लागू किया है और ड्यूटी पर नहीं आने वाले डॉक्टरों की धरपकड़ के लिए दबिश दे रही हैं। इसके तहत बीकानेर में एक साथ 265 ​हड़ताली डॉक्टरों के विरुद्ध नामजद मामले दर्ज किए गए हैं। अजमेर, कोटा, जयपुर समेत अनेक स्थानों पर डॉक्टर अपने घर छोड़कर भूमिगत हो गए हैं।  

इन विकल्पों के जरिए मरीजों को राहत देने की कोशिश

सेवारत चिकित्सकों की अनुपस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्थायें की गई है। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि सेवारत चिकित्सकों के अनुपस्थित रहने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए राजकीय चिकित्सा संस्थानों में आमजन को उपलब्ध कराई जाने वाली चिकित्सा व्यवस्थाओं को नियमित बनाये रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं जारी है।

सेवारत चिकित्सकों की अनुपस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए सेना, रेलवे, बीएसएफ, सीजीएचएस एवं भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सूचीबद्ध निजी चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सा सुविधाएं सुलभ कराने के साथ ही आयुष चिकित्सकों की राजकीय चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाएं ली जा रही है। 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि शनिवार को कई जिलों में सेवारत चिकित्सकों ने कार्यभार ग्रहण कर नियमित सेवायें प्रदान की है। इनके साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, शहरी स्वास्थ्य मिषन, एनसीडी तथा अर्जेन्ट टेम्परेरी बेसिस पर कार्यरत चिकित्सकों ने राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जाकर कार्यभार संभाला। 

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