सलमान खुर्शीद ने SC से कहा ‘ट्रिपल तलाक’ है घिनौना कृत्य, क्या ये शरीयत हो सकता है?

मुख्य न्यायधीश जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच ने ट्रिपल तलाक के मामले में सुनवाई शुरू कर दी है।  सलमान खुर्शीद ने इस पर बहस करना शुरू कर दिया है। खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस पर कदम उठाए कि ट्रिपल तलाक घिनौना कृत्य है लेकिन ये अब तक वैध्य है। ये विभत्स है, क्या ये शरीयत हो सकता है?

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बता दें 10 दिन तक चलने वाली इस सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि ट्रिपल तलाक धर्म का हिस्सा है या नहीं है। इस बीच कोर्ट ने तीन तलाक के खिलाफ याचिका डालने वालों और पक्ष में बोलने वालों को कथित तौर पर निर्देश दिए हैं।

कोर्ट ने कहा कि अगर ये धर्म का हिस्सा है तो इसमें दखल नहीं दिया जाएगा। लेकिन अगर धर्म का हिस्सा नहीं है, तो इस सुनवाई जारी रहेगी। साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों में इसका स्थान है या नहीं। इसलिए दोनों पक्षों को अपनी दलीलें देनी होंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने बहु विवाह का मुद्दा उठाए जाने कोर्ट ने इस सुनवाई करने से साफ मना कर दिया।

चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली इस संविधान पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, न्यायमूर्ति रोहिंग्टन एफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इस पीठ के पांचों सदस्य अलग-अलग धर्म के हैं।

सलमान खुर्शीद और मुकुल रोहतगी भी हैं शामिल

सुप्रीम कोर्टPC: ANI
गौरतलब है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए गर्मी की छुट्टियों में इस पर सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है। संविधान पीठ इस मसले के लेकर सात याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। साथ ही इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद भी संविधान पीठ की मदद करेंगे।

मालूम हो कि पिछले दिनों इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार ने कहा था कि तीन तलाक, बहुविवाह आदि प्रथाएं धर्म का हिस्सा नहीं हैं। साथ ही सरकार ने यह भी कहा था कि यह प्रचलन महिलाओं के सम्मान और प्रतिष्ठा के खिलाफ है। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि इस मामले में न्यायालय को दखल नहीं देना चाहिए।

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