सावन का महीना शुरू हो गया है और 28 जुलाई को सावन का दूसरा दिन है. सभी जगह शिव भक्ति की धूम मचने लगी है और हर कोई शिव भक्ति कर रहा है. ऐसे में कल यानी 30 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है और कई लोग सावन के सोमवार में व्रत करते हैं और विशेष फल की प्राप्ति करते हैं. सोमवार को भगवान शिव का खास अभिषेक या पूजन किया जाता है तो आज हम आपको वही बताने जा रहे हैं कि व्रत के दिन शिवजी का पूजन कैसे करें. जानिए सावन में क्यों की जाती हैं भगवान शिव की पूजा जैसा कि आप जानते हैं भगवान शिव को बिल्व पत्र काफी पसंद हैं और हम उन्हें धतूरे के साथ बिल्व पत्र भी चढ़ाते हैं. इसके अलावा भगवान शिव को शमी के पत्ते पसंद होते हैं इसलिए हर रोज़ शमी के पत्ते अर्पित आकर उनका पूजन करें. लेकिन पूजन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि शिव जो पर जो वस्तु नहीं चढ़ती उन्हें गलती से भी ना चढ़ाएं. अगर आपको नहीं पता तो चलिए बता देते हैं कौनसी हैं वो वस्तु. सावन में झूले का महत्व * हल्दी भगवान शिव को नहीं चढ़ती क्योंकि ये भगवान विष्णु और सौभाग्य का प्रतीक है. * तुलसी का पत्ता भगवान शिव पर कभी नहीं चढ़ाना चाइये क्योंकि भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जलंघर का वध किया था. * तिल भगवान विष्णु के मैल उतपन्न हुआ है इसलिए भगवान शिव को तिल नहीं चढ़ाई जाती. * टूटे हुए चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है जिसके कारण भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए. जब भी चढ़ाएं पूर्ण अक्षत ही चढ़ाएं. * कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक होता है और भगवान शिव बैरागी हैं जिसके चलते उन्हें कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता.

सावन के पहले सोमवार में भूल कर भी ना चढ़ाएं ये चीज़ें

सावन का महीना शुरू हो गया है और 28 जुलाई को सावन का दूसरा दिन है. सभी जगह शिव भक्ति की धूम मचने लगी है और हर कोई शिव भक्ति कर रहा है. ऐसे में कल यानी 30 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है और कई लोग सावन के सोमवार में व्रत करते हैं और विशेष फल की प्राप्ति करते हैं. सोमवार को भगवान शिव का खास अभिषेक या पूजन किया जाता है तो आज हम आपको वही बताने जा रहे हैं कि व्रत के दिन शिवजी का पूजन कैसे करें.सावन का महीना शुरू हो गया है और 28 जुलाई को सावन का दूसरा दिन है. सभी जगह शिव भक्ति की धूम मचने लगी है और हर कोई शिव भक्ति कर रहा है. ऐसे में कल यानी 30 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है और कई लोग सावन के सोमवार में व्रत करते हैं और विशेष फल की प्राप्ति करते हैं. सोमवार को भगवान शिव का खास अभिषेक या पूजन किया जाता है तो आज हम आपको वही बताने जा रहे हैं कि व्रत के दिन शिवजी का पूजन कैसे करें.  जानिए सावन में क्यों की जाती हैं भगवान शिव की पूजा  जैसा कि आप जानते हैं भगवान शिव को बिल्व पत्र काफी पसंद हैं और हम उन्हें धतूरे के साथ बिल्व पत्र भी चढ़ाते हैं. इसके अलावा भगवान शिव को शमी के पत्ते पसंद होते हैं इसलिए हर रोज़ शमी के पत्ते अर्पित आकर उनका पूजन करें.  लेकिन पूजन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि शिव जो पर जो वस्तु नहीं चढ़ती उन्हें गलती से भी ना चढ़ाएं. अगर आपको नहीं पता तो चलिए बता देते हैं कौनसी हैं वो वस्तु.   सावन में झूले का महत्व  * हल्दी भगवान शिव को नहीं चढ़ती क्योंकि ये भगवान विष्णु और सौभाग्य का प्रतीक है.  * तुलसी का पत्ता भगवान शिव पर कभी नहीं चढ़ाना चाइये क्योंकि भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जलंघर का वध किया था.     * तिल भगवान विष्णु के मैल उतपन्न हुआ है इसलिए भगवान शिव को तिल नहीं चढ़ाई जाती.  * टूटे हुए चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है जिसके कारण भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए. जब भी चढ़ाएं पूर्ण अक्षत ही चढ़ाएं.  * कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक होता है और भगवान शिव बैरागी हैं जिसके चलते उन्हें कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता.

जैसा कि आप जानते हैं भगवान शिव को बिल्व पत्र काफी पसंद हैं और हम उन्हें धतूरे के साथ बिल्व पत्र भी चढ़ाते हैं. इसके अलावा भगवान शिव को शमी के पत्ते पसंद होते हैं इसलिए हर रोज़ शमी के पत्ते अर्पित आकर उनका पूजन करें.

लेकिन पूजन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि शिव जो पर जो वस्तु नहीं चढ़ती उन्हें गलती से भी ना चढ़ाएं. अगर आपको नहीं पता तो चलिए बता देते हैं कौनसी हैं वो वस्तु.

हल्दी भगवान शिव को नहीं चढ़ती क्योंकि ये भगवान विष्णु और सौभाग्य का प्रतीक है.

तुलसी का पत्ता भगवान शिव पर कभी नहीं चढ़ाना चाइये क्योंकि भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जलंघर का वध किया था.

तिल भगवान विष्णु के मैल उतपन्न हुआ है इसलिए भगवान शिव को तिल नहीं चढ़ाई जाती.

टूटे हुए चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है जिसके कारण भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए. जब भी चढ़ाएं पूर्ण अक्षत ही चढ़ाएं.

कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक होता है और भगवान शिव बैरागी हैं जिसके चलते उन्हें कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता.

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