श्रावण मास शुरू हो चुके हैं और हर कोई शिवभक्ति में रमने लगा है. इस महीने को शिवजी का महीना भी कहते हैं क्योंकि इसमें खास तौर पर शिवजी की पूजा की जाती है और भोलेनाथ से मनचाहा वरदान प्राप्त करते हैं. शिवजी के इस महीने में भक्त लोग उन्हें प्रसन्न करने एक लिए अलग अलग तरीके अपनाते हैं. कोई पूरे महीने शिवजी का अभिषेक करता है तो कोई सोमवार या फिर किसी विशेष मुहूर्त में करते हैं जिससे उसका फल भी विशेष मिलता है. आप भी कुछ ऐसा ही कर रहे होंगे. लेकिन आज हम आपको एक और खास बात बताने जा रहे हैं जिसे आपको सावन के महीने में करनी चाहिए. क्यों पहनी जाती है सावन में हरी चूड़ियां ये बात कम ही लोग जानते हैं कि सावन के महीने में शिवजी की आराधना करने के साथ श्रीकृष्ण की आराधना भी की जाती है. जी हाँ, सावन के महीने में श्रीकृष्ण आराधना का भी महत्व है जिसके बारे में हम बता रहे हैं. श्रावण मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी से भादौ कृष्ण पक्ष अष्टमी यानी कृष्ण जन्माष्टमी तक जो भी भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस मास में कृष्ण जी प्रसन्न अवस्था में रहते हैं और मनचाहे वर देते हैं. इसके लिए आपको कुछ मंत्र जाप करने होंगे जो राशि के अनुसार हम बता देते हैं. सावन में भगवान शिव का त्रिशूल करेगा बुरी शक्तियों को दूर मेष : ॐ विश्वरूपाय नम: का जाप करें। वृषभ : ॐ उपेन्द्र नम: का जाप करें। मिथुन : ॐ अनंताय नम: का जाप करें। कर्क : ॐ दयानिधि नम: का जाप करें। सिंह : ॐ ज्योतिरादित्याय नम: का जाप करें। कन्या : ॐ अनिरुद्धाय नम: का जाप करें। तुला : ॐ हिरण्यगर्भाय नम: का जाप करें। वृश्चिक : ॐ अच्युताय नम: का जाप करें। धनु : ॐ जगतगुरवे नम: का जाप करें। मकर : ॐ अजयाय नम: का जाप करें कुंभ : ॐ अनादिय नम: का जाप करें। मीन : जगन्नाथाय नम: का जाप करें।

सावन में शिवजी के साथ श्रीकृष्ण की भक्ति भी है अहम

श्रावण मास शुरू हो चुके हैं और हर कोई शिवभक्ति में रमने लगा है. इस महीने को शिवजी का महीना भी कहते हैं क्योंकि इसमें खास तौर पर शिवजी की पूजा की जाती है और भोलेनाथ से मनचाहा वरदान प्राप्त करते हैं. शिवजी के इस महीने में भक्त लोग उन्हें प्रसन्न करने एक लिए अलग अलग तरीके अपनाते हैं. कोई पूरे महीने शिवजी का अभिषेक करता है तो कोई सोमवार या फिर किसी विशेष मुहूर्त में करते हैं जिससे उसका फल भी विशेष मिलता है. आप भी कुछ ऐसा ही कर रहे होंगे. लेकिन आज हम आपको एक और खास बात बताने जा रहे हैं जिसे आपको सावन के महीने में करनी चाहिए.श्रावण मास शुरू हो चुके हैं और हर कोई शिवभक्ति में रमने लगा है. इस महीने को शिवजी का महीना भी कहते हैं क्योंकि इसमें खास तौर पर शिवजी की पूजा की जाती है और भोलेनाथ से मनचाहा वरदान प्राप्त करते हैं. शिवजी के इस महीने में भक्त लोग उन्हें प्रसन्न करने एक लिए अलग अलग तरीके अपनाते हैं. कोई पूरे महीने शिवजी का अभिषेक करता है तो कोई सोमवार या फिर किसी विशेष मुहूर्त में करते हैं जिससे उसका फल भी विशेष मिलता है. आप भी कुछ ऐसा ही कर रहे होंगे. लेकिन आज हम आपको एक और खास बात बताने जा रहे हैं जिसे आपको सावन के महीने में करनी चाहिए.  क्यों पहनी जाती है सावन में हरी चूड़ियां  ये बात कम ही लोग जानते हैं कि सावन के महीने में शिवजी की आराधना करने के साथ श्रीकृष्ण की आराधना भी की जाती है. जी हाँ, सावन के महीने में श्रीकृष्ण आराधना का भी महत्व है जिसके बारे में हम बता रहे हैं. श्रावण मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी से भादौ कृष्ण पक्ष अष्टमी यानी कृष्ण जन्माष्टमी तक जो भी भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस मास में कृष्ण जी प्रसन्न अवस्था में रहते हैं और मनचाहे वर देते हैं. इसके लिए आपको कुछ मंत्र जाप करने होंगे जो राशि के अनुसार हम बता देते हैं.  सावन में भगवान शिव का त्रिशूल करेगा बुरी शक्तियों को दूर    मेष : ॐ विश्वरूपाय नम: का जाप करें।  वृषभ : ॐ उपेन्द्र नम: का जाप करें।  मिथुन : ॐ अनंताय नम: का जाप करें।  कर्क : ॐ दयानिधि नम: का जाप करें।  सिंह : ॐ ज्योतिरादित्याय नम: का जाप करें।  कन्या : ॐ अनिरुद्धाय नम: का जाप करें।  तुला : ॐ हिरण्यगर्भाय नम: का जाप करें।  वृश्चिक : ॐ अच्युताय नम: का जाप करें।  धनु : ॐ जगतगुरवे नम: का जाप करें।  मकर : ॐ अजयाय नम: का जाप करें  कुंभ : ॐ अनादिय नम: का जाप करें।  मीन : जगन्नाथाय नम: का जाप करें।

ये बात कम ही लोग जानते हैं कि सावन के महीने में शिवजी की आराधना करने के साथ श्रीकृष्ण की आराधना भी की जाती है. जी हाँ, सावन के महीने में श्रीकृष्ण आराधना का भी महत्व है जिसके बारे में हम बता रहे हैं. श्रावण मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी से भादौ कृष्ण पक्ष अष्टमी यानी कृष्ण जन्माष्टमी तक जो भी भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस मास में कृष्ण जी प्रसन्न अवस्था में रहते हैं और मनचाहे वर देते हैं. इसके लिए आपको कुछ मंत्र जाप करने होंगे जो राशि के अनुसार हम बता देते हैं.

मेष : ॐ विश्वरूपाय नम: का जाप करें।

वृषभ : ॐ उपेन्द्र नम: का जाप करें।

मिथुन : ॐ अनंताय नम: का जाप करें।

कर्क : ॐ दयानिधि नम: का जाप करें।

सिंह : ॐ ज्योतिरादित्याय नम: का जाप करें।

कन्या : ॐ अनिरुद्धाय नम: का जाप करें।

तुला : ॐ हिरण्यगर्भाय नम: का जाप करें।

वृश्चिक : ॐ अच्युताय नम: का जाप करें।

धनु : ॐ जगतगुरवे नम: का जाप करें।

मकर : ॐ अजयाय नम: का जाप करें

कुंभ : ॐ अनादिय नम: का जाप करें।

मीन : जगन्नाथाय नम: का जाप करें।

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