श्रावण का महीना आने में है और सभी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं. इस महीने से सभी व्रत, तीज और त्यौहार शुरू हहो जाते हैं. ये तो आप जानते हैं भोलेनाथ को प्रसन्न करना काफी आसान है. कहते है भगवान शिव सिर्फ एक बिल्व पत्र से ही खुश हो जाते हैं. अगर पूरे महीने आप भगवान शिव को बिल्व पत्र अर्पित करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है. सावन का महीना 27 जुलाई से शुरू हो रहा है लेकिन इसे 28 जुलाई से माना जायेगा. वहीं बता दें 30 जुलाई को इसका पहला सोमवार होगा जो शिवभक्तों के लिए बेहद ही खास होता है. अविवाहित लडकियां खासकर अपने मनचाहे वर के लिए ये व्रत करती हैं और भगवान से वरदान प्राप्त करती हैं. इसी के साथ कई लोग सावन में ही सोलह सोमवार का आरम्भ भी करते हैं. इसमें आपको कैसे पूजा पाठ करना है ये हम आपको बताने जा रहे हैं. एक मंदिर जहां हैं 30 हज़ार नाग करते हैं मनोरथ पूरे अगर आप सोहलाह सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सबसे पहले - सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें और साथ ही पूजा स्थान की सफाई करें. घर के पास कोई शिवमंदिर हो तो वहां जा कर भगवान शिव को दूध और बिल्व पत्र अर्पित करें और साथ ही मन ही मन व्रत का संकल्प लें. इतना ही भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना सुबह और शाम करने से मनवांछित फल मिलता है. यहां है भगवान शिव का ससुराल जहां सावन में करते हैं वास भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया जलना चाहिए और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. पूजा करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं. जब भी पूजा करने बैठे भगवान सोमवार व्रत कथा का पाठ करें इसी के बाद प्रसाद वितरण करें और शाम को पूजा कर व्रत खोलें. इस विधि से आप भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं और उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं.

सावन 16 सोमवार में भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न

श्रावण का महीना आने में है और सभी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं. इस महीने से सभी व्रत, तीज और त्यौहार शुरू हहो जाते हैं. ये तो आप जानते हैं भोलेनाथ को प्रसन्न करना काफी आसान है. कहते है भगवान शिव सिर्फ एक बिल्व पत्र से ही खुश हो जाते हैं. अगर पूरे महीने आप भगवान शिव को बिल्व पत्र अर्पित करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है. सावन का महीना 27 जुलाई से शुरू हो रहा है लेकिन इसे 28 जुलाई से माना जायेगा. वहीं बता दें 30 जुलाई को इसका पहला सोमवार होगा जो शिवभक्तों के लिए बेहद ही खास होता है. अविवाहित लडकियां खासकर अपने मनचाहे वर के लिए ये व्रत करती हैं और भगवान से वरदान प्राप्त करती हैं. इसी के साथ कई लोग सावन में ही सोलह सोमवार का आरम्भ भी करते हैं. इसमें आपको कैसे पूजा पाठ करना है ये हम आपको बताने जा रहे हैं.श्रावण का महीना आने में है और सभी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं. इस महीने से सभी व्रत, तीज और त्यौहार शुरू हहो जाते हैं. ये तो आप जानते हैं भोलेनाथ को प्रसन्न करना काफी आसान है. कहते है भगवान शिव सिर्फ एक बिल्व पत्र से ही खुश हो जाते हैं. अगर पूरे महीने आप भगवान शिव को बिल्व पत्र अर्पित करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है. सावन का महीना 27 जुलाई से शुरू हो रहा है लेकिन इसे 28 जुलाई से माना जायेगा. वहीं बता दें 30 जुलाई को इसका पहला सोमवार होगा जो शिवभक्तों के लिए बेहद ही खास होता है. अविवाहित लडकियां खासकर अपने मनचाहे वर के लिए ये व्रत करती हैं और भगवान से वरदान प्राप्त करती हैं. इसी के साथ कई लोग सावन में ही सोलह सोमवार का आरम्भ भी करते हैं. इसमें आपको कैसे पूजा पाठ करना है ये हम आपको बताने जा रहे हैं.  एक मंदिर जहां हैं 30 हज़ार नाग करते हैं मनोरथ पूरे  अगर आप सोहलाह सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सबसे पहले -  सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें और साथ ही पूजा स्थान की सफाई करें.  घर के पास कोई शिवमंदिर हो तो वहां जा कर भगवान शिव को दूध और बिल्व पत्र अर्पित करें और साथ ही मन ही मन व्रत का संकल्प लें.  इतना ही भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना सुबह और शाम करने से मनवांछित फल मिलता है.  यहां है भगवान शिव का ससुराल जहां सावन में करते हैं वास  भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया जलना चाहिए और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.  पूजा करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं.  जब भी पूजा करने बैठे भगवान सोमवार व्रत कथा का पाठ करें इसी के बाद प्रसाद वितरण करें और शाम को पूजा कर व्रत खोलें.  इस विधि से आप भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं और उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं.

अगर आप सोहलाह सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सबसे पहले –

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें और साथ ही पूजा स्थान की सफाई करें.

घर के पास कोई शिवमंदिर हो तो वहां जा कर भगवान शिव को दूध और बिल्व पत्र अर्पित करें और साथ ही मन ही मन व्रत का संकल्प लें.

इतना ही भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना सुबह और शाम करने से मनवांछित फल मिलता है.

भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया जलना चाहिए और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.

पूजा करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं.

जब भी पूजा करने बैठे भगवान सोमवार व्रत कथा का पाठ करें इसी के बाद प्रसाद वितरण करें और शाम को पूजा कर व्रत खोलें.

इस विधि से आप भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं और उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं. 

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