सुलतानपुर में शहीद नीलेश सिंह को सभी ने दी अंतिम विदाई, मंत्री भी पहुंचे

सुलतानपुर। भारत के खूबसूरत राज्य में गिने जाने वाले जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकियों के खिलाफ जोरदार लड़ाई में शहीद सुलतानपुर के जांबाज लांसनायक नीलेश सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके गांव पहुंचा। पाकिस्तान मुर्दाबाद के जोरदार नारे के बीच गांव के बड़ों के साथ छोटे बच्चों की आंखें भले ही नम थीं लेकिन शहीद की अंतिम यात्रा के जोरदार तथा जानदार इस्तकबाल में लगे थे। शहीद की अंतिम यात्रा में जनसैलाव उमड़ा है। मंत्री भी उनको अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं।

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद नीलेश कुमार सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव कादीपुर तहसील के अखंडनगर लाया गया। इसके बाद भारत माता की जय ने गगनभेदी नारों के बीच अंतिम संस्कार के लिए यात्रा निकली। सेना के गारद ने दी सलामी। भारत माता के जयकारों के बीच निकली शव यात्रा। शवयात्रा में गूंज रहे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे। शहीद का बेटा बोला कि आप लोगों के पीएम सीएम के बुलाने से मेरे पापा वापस नहीं आ जाएंगे। उनका अंतिम संस्कार होने दें। उधर मंत्री के आश्वासन के बाद गांव के लोग अंतिम संस्कार को राजी हो गए।

मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि 25 लाख शहीद की पत्नी के खाते में ट्रांसफर होने के साथ ही गांव में शीघ्र ही उनकी मूर्ति लगेगी। पत्नी का भी सुलतानपुर तबादला होगा जबकि छोटे भाई मुकेश को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस दौरान गांव के लोगों को रक्षा मंत्री का संदेश पढ़कर सुनाया गया। प्रदेश के मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि शासन से 20 लाख रुपए की सहायता तथा पांच लाख रुपया अनुग्रह राशि प्रदान की गई है। ब्लाक प्रमुख ने दो लाख रुपया तथा विधायक राजेश गौतम ने एक लाख रुपया की सहायता प्रदान की। राज्यपाल राम नाईक की ओर से मंत्री ने पार्थिव शरीर पर पुष्प हार चढ़ाया।

इससे पहले गांव तक उनके पार्थिव शरीर की यात्रा में सड़क के दोनों तरफ खड़े लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद के साथ ही शहीद नीलेश जिंदाबाद के नारे लगातार लगा रहे थे। शहीद नीलेश के गांव में इस दौरान योगी आदित्यनाथ प्रशासन मुर्दाबाद के साथ डीएम व एसपी के विरोध में भी नारेबाजी हो रही थी। इन लोगों में प्रशासन की संवेदना हीनता से आक्रोश भी है। परिवार तथा घर के लोगों ने शहीद का पार्थिव शरीर घर के बाहर रखने के बाद मुख्यमंत्री को वहां बुलवाने की मांग की है। वीर सपूत नीलेश सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचते श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। उनके घर के साथ ही गांव में कोहराम मच गया।

उधर गांव में भारत माता के उद्घोष के साथ नौजवान तिरंगा झण्डा हाथ में नीलेश अमर रहें, भारतीय सेना जिंदाबाद ,जबतक सूरज चाँद रहेगा नीलेश तेरा नाम रहेगा के नारे लगा रहे हैं। गांव में तो तड़के चार बजे से ही ग्रामीण एकत्र हो रहे थे। इनको तो बस अपने लाडले के अंतिम दर्शन का इंतजार था। इनके लिए इंतजार की घडियां समाप्त होने का नाम नही ले रही थी। सुलतानपुर से सटे पड़ोसी जिले अम्बेडकरनगर के एक बाजार धवरुआ की दुकानें भी इस दौरान बंद रखी गई हैं।

परिवार के लोगों ने बताया कि आज दिन में ही शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके परिवारीजन को ढांढस बंधाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। घरवालों के चेहरे पर गम की छाया तो है लेकिन, उनको अपने बेटे पर गर्व है। नीलेश सिंह (34) वर्ष 2003 में सेना में भर्ती हुए थे। लांसनायक के पद पर जम्मू कश्मीर के शोपियां सेक्टर में तैनात थे। रविवार को आंतकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की संयुक्त कार्रवाई में लांसनायक नीलेश ने वीरता का परिचय दिया।

मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। शहीद लांसनायक के पिता रामप्रताप सिंह को सेना के अफसरों ने इसकी सूचना दी। गोंडा के प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका शहीद की पत्नी अर्चना सिंह भी दोनों बेटों के साथ गांव आ गईं। शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद के अंतिम संस्कार में प्रदेश के आबकारी एवं मद्य निषेध मंत्री जय प्रताप सिंह राज्य सरकार की ओर से शामिल होंगे। सांसद वरुण गांधी ने भी शहीद के पिता से शोक संवेदना जताई और शीघ्र आने का वादा किया। 

 
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