सेहत विभाग कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक-दूसरे से शारीरिक दूरी रखने की दे रहा सलाह….

सेहत विभाग कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को एक-दूसरे से शारीरिक दूरी रखने की सलाह दे रहा है। मगर, खुद इस सलाह पर अमल नहीं कर रहा है। इसका उदाहरण सिविल अस्पताल में स्थित मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में देखने को मिल जाएगा। जच्चा-बच्चा के इस अस्पताल मे ओपीडी काउंटर पर मरीज एक-दूसरे के बिल्कुल साथ सटकर खड़े होते हैं और रजिस्ट्रेशन करवाते हैं।

इस दौरान रजिस्ट्रेशन करने वाले स्वास्थ्य कर्मी भी सब कुछ देखकर मूकदर्शक बने रहते हैं। वहीं रजिस्ट्रेशन काउंटर के समीप ही अस्पताल की एसएमओ का भी दफ्तर है। सीसीटीवी कैमरे में सबकुछ देखते हुए भी वह मरीजों और उनके तीमारदारों को शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए नहीं टोकती हैं। ऐसे में यहां कोरोना वायरस का खतरा अस्पताल में हर समय मंडराता रहता है। यदि वहां पर एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज कतार में खड़ा हुआ, तो वह सभी के लिए मुसीबत बन सकता है।

हम पर भी फूल बरसाओ

शहर में कोरोना वायरस से पीडि़त मरीज लगातार स्वस्थ हो रहे हैं। सेहत विभाग व जिला प्रशासन भी ठीक होने वालों को विजेता की तरह देख रहा है। जब ये स्वस्थ होकर अस्पताल से जाने लगते हैं, तो उन पर फूलों की वर्षा होती है। मंगलवार को भी मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में भर्ती 32 वर्षीय आरपीएफ जवानों ने कोरोना को मात दी। मगर, जब इन जवानों को डिस्चार्ज किया गया तो इन पर बाकियों की तरह फूलों की वर्षा नहीं की गई। फिर क्या था, आरपीएफ के कुछ जवान एसएमओ से बोल उठे कि बीते सप्ताह जब श्रद्धालुओं को अस्पताल से डिस्चार्ज किया था, तब तो डीसी, सीएमओ और आप सभी ने फूलों की वर्षा करवाई थी। मगर, जब हमने कोरोना को मात दी तो एक फूल तक नहीं दिया गया। जवानों की बात सुनकर एसएमओ डॉ. गीता हंस पड़ीं और बोलीं कि आप सभी के साथ हमारी दुआएं हैं।

कोरोना रोकने को ठीकरी पहरा

कोरोना और लॉकडाउन से पहले तक अलग-अलग इलाकों में चोरों से बचने के लिए लोग ठीकरी पहरा दे रहे थे। मगर, अब दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को रोकने के लिए ठीकरी पहरा दिया जाने लगा है। ऐसा ही कुछ प्रेम नगर इलाके देखने को मिला। इलाके के लोगों को सूचना मिली कि महाराष्ट्र से लौटे कुछ लोगों को बसों में बिठाकर देर रात उनके क्षेत्र की ही एक धर्मशाला में पहुंचाया जा रहा है। फिर क्या था, कुछ लोग इकट्ठा हुए और पुलिस के पास पहुंच गए। लोगों ने साफ कह दिया कि वे अपने इलाके की धर्मशाला में महाराष्ट्र से आए लोगों को कदम नहीं रखने देंगे। इनका तर्क था कि महाराष्ट्र में कोरोना बड़े स्तर पर फैला हुआ है। इस पर पुलिस ने उन्हें समझाने की लाख कोशिश की परंतु फिर भी वे नहीं माने। लोगों ने धर्मशाला को ताला जड़कर बाहर पहरा देना शुरू कर दिया।

कोरोना पीडि़तों का सहारा टिकटॉक

सिविल अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज सोशल मीडिया के जरिये अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। वे अस्पताल से वीडियो कॉल के जरिये अपने पारिवारिक सदस्यों से बात कर रहे हैं। इस दौरान वे सारा दिन नेट को खंगालते हैं और ज्यादातर मरीजों का टाइम टिकटॉक पर पास होता है। आइसोलेशन सेंटर में दाखिल एक मरीज का कहना था कि पहली मर्तबा है कि उन्हें अस्पताल में इस तरह से अपना समय व्यतीत करना पड़ रहा है। घर में लोग भले ही टीवी देखकर टाइम पास करते हैं परंतु यहां अपना सहारा मोबाइल फोन ही है। खासकर टिकटॉक के जरिये अच्छा टाइम पास हो जाता है। इतना ही नहीं आइसोलेशन सेंटर में कई बार वे मेडिकल स्टाफ से बातचीत करते हैं और इस दौरान उनका मनोरंजन भी कर देते हैं। मरीज ने कहा कि कुछ भी हो जाए, यहां पर बिताया समय जीवनभर याद रहेगा।

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