मध्य प्रदेश में चुनावी रण का बिगुल बज चुका है और इस साल के आखिर में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने कमर कस ली है. सत्ताधारी बीजेपी अपनी 15 साल के कामकाज के आधार पर जनता के बीच जाएगी, वहीं विपक्षी दलकांग्रेस भी वोटरों को रिझाने के लिए नए-नए वादे कर रही है.
दमोह के अंतर्गत आने वाली हटा विधानसभा सीट को साल 2008 के परिसीमन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था. इस सीट पर कुल 2.01 लाख मतदाता हैं. बीजेपी की उमा देवी खटीक यहां से लगातार दो बार विधायक रही हैं. इस बार के चुनाव में वह अपनी हैट्रिक बनाने को इरादे से चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं.
2013 चुनाव के नतीजे
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की उमा देवी खटीक और कांग्रेस के हरिशंकर चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला था. नतीजों में उमा देवी को 59231 वोट जबिक हरिशंकर को 56379 वोट हासिल हुए. उमा देवी को करीब 900 वोट से जीत मिली और वो लगातार दूसरी बार इस सीट से विधायक चुनी गईं थीं. इसके अलावा बीएसपी और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ने भी चुनाव में 2-2 फीसद वोट हासिल किए थे.
2008 चुनाव के नतीजे
साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की उमादेवी को बड़ी जीत मिली थी. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के खुशबूचंद से था. नतीजों में उमादेवी ने करीब 11 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. बीएसपी को इस चुनाव में करीब 15 फीसदी वोट हासिए हुए और वह तीसरे पायदान की पार्टी थी.
हटा विधायक ने क्यों माफी मांगी?
इसी सीट से विधायक उमा देवी के बेटे लालचंद खटीक ने हाल ही में कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को फेसबुक पोस्ट लिखकर जान से मारने की धमकी दी थी. इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया. कांग्रेस ने इसे बीजेपी की मानसिकता का सबूत बताया और विधायक पुत्र को जेल की हवा खानी पड़ी. विवाद बढ़ता देख अपने बेटे की हरकत पर विधायक उमा देवी को माफी मांगनी पड़ी थी.