हेमकुंड साहिब और पहाड़ों की रानी मसूरी आने-जाने वाले सैलानी अब हवा में सैर कर सकेंगे। इस कड़ी में राज्य मंत्रिमंडल ने मसूरी-देहरादून और हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाले गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे को मंजूरी दे दी है। मसूरी-दून रोपवे के बनने से जहा मसूरी में जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी, वहीं हेमकुंड आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों को भी सहूलियत मिलने के साथ ही फूलों की घाटी की सैर भी आसान हो सकेगी। देहरादून से महज 35 किलोमीटर के फासले पर स्थित मसूरी पहुंचने के लिए के लिए सैलानियों को पीक सीजन में जाम के चलते न सिर्फ दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं, बल्कि मसूरी में पार्किंग की समस्या से भी रूबरू होना पड़ता है। इससे निजात दिलाने के मद्देनजर देहरादून से मसूरी के लिए रोपवे का मसौदा तैयार किया गया, जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। पुरुकुल (देहरादून)-मसूरी टैक्सी स्टैंड तक साढ़े पांच किलोमीटर लंबे रोपवे पर करीब 350 करोड़ की लागत आएगी। यह पीपीपी मोड में तैयार किया जाएगा। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद पर्यटन विभाग इसके लिए निविदाएं आमंत्रित करेगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के नोडल अधिकारी (डीपीआर) सतीश बहुगुणा के अनुसार रोपवे बन जाने के बाद हवा में करीब 20 मिनट का सफर तय कर सैलानी देहरादून से मसूरी पहुंच जाएंगे। कुछ इस तरह खतरा उठाकर जर्जर पुलों से होकर गुजर रही जिंदगी यह भी पढ़ें कैबिनेट ने चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब के लिए दूसरे चरण के रोपवे को भी मंजूरी प्रदान की है। यह रोपवे गोविंदघाट से घांघरिया तक बनेगा, जबकि इससे आगे घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है और इसके इन दिनों सर्वे की कवायद चल रही है। अब गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे बनने पर गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक आने-जाने को रोपवे की सुविधा तीर्थयात्रियों को मिल सकेगी। अधिकतम राजस्व हिस्सेदारी से बनने वाले इस 7.8 किलोमीटर लंबे इस रोपवे के निर्माण पर करीब 311 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यहां से उठा सकेंगे केदारघाटी के विहंगम दृश्य का आनंद, जानिए यह भी पढ़ें गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे के निर्माण से विश्व धरोहर में शुमार फूलों की घाटी नेशनल पार्क की सैर भी आसान हो जाएगी। अभी तक गोविंदघाट से फूलों की घाटी पहुंचने को करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। घांघरिया तक रोपवे बनने के बाद पर्यटक वहां से महज तीन किमी की दूरी पैदल तय कर फूलों की घाटी पहुंच सकेंगे।

हवा पर सवार होकर कर जा सकेंगे हेमकुंड साहिब और मसूरी की सैर

हेमकुंड साहिब और पहाड़ों की रानी मसूरी आने-जाने वाले सैलानी अब हवा में सैर कर सकेंगे। इस कड़ी में राज्य मंत्रिमंडल ने मसूरी-देहरादून और हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाले गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे को मंजूरी दे दी है। मसूरी-दून रोपवे के बनने से जहा मसूरी में जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी, वहीं हेमकुंड आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों को भी सहूलियत मिलने के साथ ही फूलों की घाटी की सैर भी आसान हो सकेगी। हेमकुंड साहिब और पहाड़ों की रानी मसूरी आने-जाने वाले सैलानी अब हवा में सैर कर सकेंगे। इस कड़ी में राज्य मंत्रिमंडल ने मसूरी-देहरादून और हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाले गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे को मंजूरी दे दी है। मसूरी-दून रोपवे के बनने से जहा मसूरी में जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी, वहीं हेमकुंड आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों को भी सहूलियत मिलने के साथ ही फूलों की घाटी की सैर भी आसान हो सकेगी।    देहरादून से महज 35 किलोमीटर के फासले पर स्थित मसूरी पहुंचने के लिए के लिए सैलानियों को पीक सीजन में जाम के चलते न सिर्फ दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं, बल्कि मसूरी में पार्किंग की समस्या से भी रूबरू होना पड़ता है। इससे निजात दिलाने के मद्देनजर देहरादून से मसूरी के लिए रोपवे का मसौदा तैयार किया गया, जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी।    पुरुकुल (देहरादून)-मसूरी टैक्सी स्टैंड तक साढ़े पांच किलोमीटर लंबे रोपवे पर करीब 350 करोड़ की लागत आएगी। यह पीपीपी मोड में तैयार किया जाएगा। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद पर्यटन विभाग इसके लिए निविदाएं आमंत्रित करेगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के नोडल अधिकारी (डीपीआर) सतीश बहुगुणा के अनुसार रोपवे बन जाने के बाद हवा में करीब 20 मिनट का सफर तय कर सैलानी देहरादून से मसूरी पहुंच जाएंगे।    कुछ इस तरह खतरा उठाकर जर्जर पुलों से होकर गुजर रही जिंदगी यह भी पढ़ें कैबिनेट ने चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब के लिए दूसरे चरण के रोपवे को भी मंजूरी प्रदान की है। यह रोपवे गोविंदघाट से घांघरिया तक बनेगा, जबकि इससे आगे घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है और इसके इन दिनों सर्वे की कवायद चल रही है। अब गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे बनने पर गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक आने-जाने को रोपवे की सुविधा तीर्थयात्रियों को मिल सकेगी। अधिकतम राजस्व हिस्सेदारी से बनने वाले इस 7.8 किलोमीटर लंबे इस रोपवे के निर्माण पर करीब 311 करोड़ रुपये की लागत आएगी।      यहां से उठा सकेंगे केदारघाटी के विहंगम दृश्य का आनंद, जानिए यह भी पढ़ें गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे के निर्माण से विश्व धरोहर में शुमार फूलों की घाटी नेशनल पार्क की सैर भी आसान हो जाएगी। अभी तक गोविंदघाट से फूलों की घाटी पहुंचने को करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। घांघरिया तक रोपवे बनने के बाद पर्यटक वहां से महज तीन किमी की दूरी पैदल तय कर फूलों की घाटी पहुंच सकेंगे।

देहरादून से महज 35 किलोमीटर के फासले पर स्थित मसूरी पहुंचने के लिए के लिए सैलानियों को पीक सीजन में जाम के चलते न सिर्फ दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं, बल्कि मसूरी में पार्किंग की समस्या से भी रूबरू होना पड़ता है। इससे निजात दिलाने के मद्देनजर देहरादून से मसूरी के लिए रोपवे का मसौदा तैयार किया गया, जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी।

पुरुकुल (देहरादून)-मसूरी टैक्सी स्टैंड तक साढ़े पांच किलोमीटर लंबे रोपवे पर करीब 350 करोड़ की लागत आएगी। यह पीपीपी मोड में तैयार किया जाएगा। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद पर्यटन विभाग इसके लिए निविदाएं आमंत्रित करेगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के नोडल अधिकारी (डीपीआर) सतीश बहुगुणा के अनुसार रोपवे बन जाने के बाद हवा में करीब 20 मिनट का सफर तय कर सैलानी देहरादून से मसूरी पहुंच जाएंगे। 

कैबिनेट ने चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब के लिए दूसरे चरण के रोपवे को भी मंजूरी प्रदान की है। यह रोपवे गोविंदघाट से घांघरिया तक बनेगा, जबकि इससे आगे घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है और इसके इन दिनों सर्वे की कवायद चल रही है। अब गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे बनने पर गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक आने-जाने को रोपवे की सुविधा तीर्थयात्रियों को मिल सकेगी। अधिकतम राजस्व हिस्सेदारी से बनने वाले इस 7.8 किलोमीटर लंबे इस रोपवे के निर्माण पर करीब 311 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 

गोविंदघाट-घांघरिया रोपवे के निर्माण से विश्व धरोहर में शुमार फूलों की घाटी नेशनल पार्क की सैर भी आसान हो जाएगी। अभी तक गोविंदघाट से फूलों की घाटी पहुंचने को करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। घांघरिया तक रोपवे बनने के बाद पर्यटक वहां से महज तीन किमी की दूरी पैदल तय कर फूलों की घाटी पहुंच सकेंगे।

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