स्वाइन फ्लू से एक व्यक्ति की मौत के बाद प्रदेश सरकार ने हिमाचल में अलर्ट जारी कर दिया है। अकेले कांगड़ा जनपद में तीन मामलों की पुष्टि हुई है जबकि प्रदेश के सभी अस्पतालों में एच-1, एन-1 के 27 संदिग्ध मामले पंजीकृत हुए हैं।
कांगड़ा में स्वाइन फ्लू का नया मामला दौलतपुर से आया है, जिसके बाद रविवार को धर्मशाला से चिकित्सकों की एक टीम ने क्षेत्र का दौरा किया। 3 सदस्यीय टीम ने मरीज के संपर्क में आए लोगों को जांचने के बाद दवाइयां वितरित कीं।
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बीमारी से निपटने के लिए अस्पतालों में दवाओं की खेप भेज दी है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में स्वाइन फ्लू का एक मामला आने से लोग सहमे हुए हैं। हल्का जुकाम और बुखार होने पर लोग अस्पताल की ओपीडी में आकर इलाज करवा रहे हैं। डॉक्टर इस तरह की बीमारी से तुरंत बचाव की सलाह दे रहे हैं।
आईजीएमसी में मरीज के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि अस्पतालों में दवाइयों की कमी नहीं है। स्वाइन फ्लू की आशंका के चलते लोगों के टेस्ट कराए जा रहे हैं। अस्पताल प्रशासन को बीमारी से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में विशेष वार्ड बना दिए गए हैं।
यहां जानिए क्या हैं लक्षण, ये बरतें सावधानी
स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य जुकाम की तरह पाए जाते हैं। लेकिन रोग की चपेट में आने के बाद व्यक्ति को 100 डिग्री बुखार हो जाता है। इसमें भूख कम हो जाती है और नाक से पानी बहता है। कुछ लोगों को गले में जलन, उल्टी और डायरिया भी हो जाता है।
फ्लू और सामान्य सर्दी में अंतर
जब सामान्य सर्दी लगती है तो वह जल्द ही ठीक भी हो जाती है। लेकिन फ्लू होने पर वह जल्दी ठीक नहीं होता और उसका प्रभाव अधिक घातक होता है। शरीर में कमजोरी आती है। बुखार आता-जाता रहता है। गले में जलन भी रहती है।
ये बरतें सावधानी
-छींकते समय टिश्यू पेपर से नाक को ढकें और फि र उस पेपर को सावधानी से नष्ट करें और कचरे में फेंक दें।
-अपने हाथों को साबुन से धोते रहें। अपने घर, कार्यालय के दरवाजों के हेंडल, कीबोर्ड मेज इत्यादि साफ करें।
-यदि जुकाम के लक्षण हैं तो घर से बाहर और दूसरों के नजदीक न जाएं।