हेली सेवा से गोविंदघाट से घांघरिया पहुंचने में महज दस मिनट लगते हैं। इसमें एक श्रद्धालु या पर्यटक को एक तरफ के 3130 रुपये भुगतान करने पड़ते हैं। जबकि, आने-जाने के लिए 6260 रुपये किराया निर्धारित है।

हेमकुंड साहिब के लिए अस्थायी हेली सेवा शुरू, सफर है महज इतने मिनट का

गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब व फूलों की घाटी के बेस कैंप घांघरिया तक अस्थायी हेली सेवा रविवार से फिर शुरू हो गई। पहले दिन डेक्कन कंपनी की हेली सेवा से 50 से अधिक पर्यटकों व श्रद्धालुओं ने घांघरिया तक का सफर किया।हेली सेवा से गोविंदघाट से घांघरिया पहुंचने में महज दस मिनट लगते हैं। इसमें एक श्रद्धालु या पर्यटक को एक तरफ के 3130 रुपये भुगतान करने पड़ते हैं। जबकि, आने-जाने के लिए 6260 रुपये किराया निर्धारित है।

हेमकुंड साहिब व  फूलों की घाटी की यात्रा को देखते हुए  यूकाडा (उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने बीती चार जून तक डेक्कन को हेली सेवा संचालन की अस्थायी अनुमति दी थी। लेकिन, टेंडर प्रक्रिया पूरी न होने के चलते पांच जून से हेली सेवा बंद कर दी गई।

ऐसे में हेमकुंड साहिब व  फूलों की घाटी जाने वाले श्रद्धालु व  पर्यटकों को भारी दिक्कतें हो रही थी।  उपजिलाधिकारी जोशीमठ योगेंद्र ङ्क्षसह ने बताया गया कि यात्रा को देखते हुए  डेक्कन कंपनी को अस्थायी अनुमति  दी गई है। ताकि यहां आए श्रद्धालु व पर्यटकों को किसी तरह की दिक्कत न हो। बताया कि स्थायी संचालन के लिए यूकाडा में टेंडर की प्रकिया गतिमान है।

हेली सेवा से गोविंदघाट से घांघरिया पहुंचने में महज दस मिनट लगते हैं। इसमें एक श्रद्धालु या पर्यटक को एक तरफ के 3130 रुपये भुगतान करने पड़ते हैं। जबकि, आने-जाने के लिए 6260 रुपये किराया निर्धारित है।

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