UP Budget: योगी सरकार ने पेश किया 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये का बजट!

लखनऊ : देश की राजनीति में अहम रोल अदा करने वाले उत्तर प्रदेश का 2018-19 का बजट योगी सरकार ने पेश कर दिया है। इस बजट पिछले साले के मुकबाले काफी अधिक है। यूपी के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने सवा चार लाख करोड़ रुपये के बजट में युवाओं और किसानों के लिए कई घोषणाएं कर उन्हें लुभाने का प्रयास किया। साथ ही आधारभूत ढांचे के विकास के लिए करोड़ों रुपये आवंटित कर सरकार की विकासवादी छवि को पुख्ता करने की कोशिश की।


कुलल बजट
वर्ष 2018-19 के लिए कुल 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये का बजट पेश किया गया। यह 2017-2018 के बजट से 11.4 प्रतिशत अधिक है। बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपये की नई योजनाएं शुरू की गईं। हजारों करोड़ रुपये की नई योजनाएं शुरू करके प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले विकास को तवज्जो देने की कोशिश की है।

बुंदेलखंड को खास तवज्जो
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी सफलता दिलाने वाले बुंदेलखंड पर योगी सरकार मेहरबान दिखी। प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के विकास क लिए 650 करोड़ का इंतज़ाम किया गया है। प्रदेश के सबसे ज्यादा सूखा प्रभावित क्षेत्रों में शामिल बुंदेलखंड में प्रदेश सरकार इस वित्त वर्ष में 5 हजार तालाब खुदवाएगी ताकि पानी का संकट खत्म हो। इसके अलावा 131 करोड़ रुपये सोलर पंप के लिये दिए गए हैं।

किसानों के लिए बजट में काफी कुछ
योगी सरकार ने किसानों के लिए खजाना खोल दिया है। सरकार ने 100 करोड़ उवर्रक के अग्रिम भंडारण और किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋ ण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था। इसके अलावा सरयू नहर परियोजना के लिए एक हजार 614 करोड़ रुपये दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा है कि कृषि पशुधन और विकास पर फोकस करेगी। प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 31 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की व्यवस्था की गई है।

पशु स्वास्थ्य के लिए 100 करोड़
योगी सरकार ने प्रदेशस भर में पशुओं की सुरक्षा पर विशेष बल दिया है। इसके तहत राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। बता दें कि प्रदेश में 770 सचल पशु चिकित्सालय संचालित किये जा रहें हैं जिससे पशु आरोग्य और नस्ल में सुधार की अपेक्षा है। इसके लिये सरकार ने 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।

विकास पर जोर
प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं को गति देने के लिए बजट में 500 करोड़ प्रावधान किया है। इसके अलावा सड़क बनाने के लिए 11 हज़ार 343 करोड़ए पुल के लिए 1,817 करोड़ जारी किए गए हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिये 550 करोड़। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिये 1000 करोड़। आगरा.लखनऊ एक्सप्रेस वे के बचे हुए काम को पूरा करने के लिए 500 करोड़ दिए गए हैं।

मदरसे समेत शिक्षा व्यवस्था को सुधारने पर बल
प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इस वर्ष योगी सरकार करोड़ों रुपये खर्च करने जा रही है। बजट में कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक की शिक्षा मुफ्त करनेए मुफ्त किताबों के लिए 76 करोड़ रुपयेए माध्यमिक शिक्षा कल्याण के लिए 480 करोड़ रुपयेए उच्चतर शिक्षा अभियान के लिए 176 करोड़ रुपयेए कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चों के यूनिफॉर्म के लिए 40 करोड़ रुपये और मिड डे मील के लिए 2 हजार 48 करोड़ रुपये बजट में आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि मदरसों के आधुनिकीकरण पर सरकार 440 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

प्रदेश के 10 जिले बनेंगे स्मार्ट
राज्य सरकार ने केंद्र की मोदी सरकारी महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना को तेजी देने का फैसला किया है। इसके तहत लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, अलीगढ़, झाँसी, मुरादाबाद, बरेली तथा सहारनपुर के लिए स्मार्ट सिटी मिशन योजना के अन्तर्गत 1 हजार 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।

युवाओं के लिए रोजगार पर ध्यान
यूपी के बजट 2018.19 में युवाओं के लिए स्वरोजगार और प्रदेश में उद्योगों के लिए माहौल बनाने पर विशेष बल दिया गया है। इसके तहत 250 करोड़ के स्टार्टअप फण्डए दीन दयाल ग्रामोद्योग योजना के लिए 10 करोड़ए खादी मार्केटिंग के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा यूपी हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स ऐंड गारमेंट नीति 2017 हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश में बढ़ेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं
बजट में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिये 291 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस वर्ष 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। पीपीपी मोड पर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के फेज-3 के अन्तर्गत 4 मेडिकल कालेजों झांसी, गोरखपुर, इलाहाबाद तथा मेरठ में उच्चीकृत विभाग बनाये जा रहे हैं तथा 2 मेडिकल कॉलेजों कानपुर एवं आगरा में ऐसे विभाग बनाने के लिए कुल 126 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इस बार का बजट पिछली बार के बजट से 11.4 प्रतिशत ज्यादा है। वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट 3.84 लाख करोड़ का था।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2 हजार आठ सौ 73 करोड़ रुपये।
सर्व शिक्षा अभियान के लिए 18 हजार 167 करोड़ रुपये।
मिड डे मील के लिए 2 हजार 48 करोड़ रुपये।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान को 167 करोड़ रुपये।
महिला एवं बाल कल्याण के लिए 8 हजार 815 करोड़ रुपये।
फल वितरण के लिए 167 करोड़ रुपये।
सबला योजना के लिए 315 करोड़ रुपये।
वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के लिए 250 करोड़ रुपये का आवंटन।
सरयू नहर परियोजना को 1 हजार 614 करोड़ रुपये।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिए 650 करोड़ रुपये।
20 नए कृषि केंद्रों की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपये।
पुल निर्माण के लिए 1 हजार आठ सौ 17 करोड़ रुपये आवंटित।
गेहूं खरीद के लिए 5500 केंद्र खोले जाएंगे।
आतंकवाद से लडऩे के लिए हमने एटीएस को मजबूत किया।
5 लाख आवासों के आवंटन का लक्ष्य है।
अमृत योजना से सात शहरों को लाभ मिला।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के लिए 500 करोड़ रुपये दिए।
गांवों में खोले जाएंगे 100 आयुर्वेदिक अस्पताल।
गंगा सरयू नहर परियोजना को एक हजार 614 करोड़ रुपये का आवंटन।
पीएम मातृवंदना योजना के लिए 591 करोड़ रुपये।
यह योगी सरकार का दूसरा बजट है। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने पहला बजट 3.84 लाख करोड़ रुपये का पेश किया था।
दीनदयाल उपाध्याय मॉडल विद्यालय को 26 करोड़।
रामायण, कृष्ण, सूफी व बौद्घ सर्किट को 70 करोड़ रुपये।
कैलाश मानसरोवर भवन का होगा निर्माण।
माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 480 करोड़ रुपये।

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