17 दिन बाद देश लौटे राहुल गांधी, ये है सियासी एक्शन प्लान

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार की वकालत करते-करते नीतीश कुमार ने एनडीए के उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान कर दिया. 2019 में विपक्षी एकता की शुरुआती तैयारी ही दरक गई. बिहार में लालू और कांग्रेस के समर्थन से चल रही महागठबंधन की सरकार पर खतरा दिखने लगा.

17 दिन बाद देश लौटे राहुल गांधी, ये है सियासी एक्शन प्लान

इसी बीच नीतीश के रुख से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने नीतीश पर तीखा हमला किया तो दूसरी तरफ से नीतीश के प्रवक्ता केसी त्यागी ने जवाबी हमला बोल दिया. खुद नीतीश ने भी एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा दिया कि वो कांग्रेस के पिछलग्गू नहीं हैं. इसके बाद तो सवाल उठा कि क्या महागठबंधन के दिन पूरे हो गए?

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के नाम के ऐलान और उनके नामांकन के वक्त राहुल गांधी विदेश में थे. राहुल को ही नीतीश के साथ कांग्रेस के गठबंधन की मुख्य वजह माना जाता है. राहुल के करीबी मानते हैं कि 2019 में अगर विपक्ष के किसी और नेता को पीएम बनाने की बात आई तो राहुल की पहली पसंद नीतीश हो सकते हैं. इससे भी राहुल और नीतीश की आपसी समझ का अंदाजा लगाया जा सकता है.

इसीलिए विदेश से राहुल लौटे तो कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से अपने तेवर नरम कर लिए. दरअसल, सूत्रों के मुताबिक राहुल को ये भरोसा है कि राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश ने बिहार के राज्यपाल होने के नाते भले ही कोविंद का समर्थन किया हो लेकिन वो एनडीए में नहीं जाएंगे. साथ ही नीतीश ये कदम लालू पर चेक रखने के लिए भी उठाया है. इसके ज्यादा मायने नहीं निकालने चाहिए.

इसीलिए आधिकारिक रूप से कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने नीतीश के सवाल पर कहा कि राष्ट्रपति चुनाव वाला सवाल अब खत्म हो चुका है. खुद सोनिया भी कह चुकी हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में हर कोई अपनी पार्टी का स्टैंड ले सकता है. सोनिया ने कहा, “नीतीश जी के साथ बिहार में हमारा गठबंधन है और आगे भी मजबूती से रहेगा. सरकार मजबूती से चलती रहेगी. गठबंधन को कोई खतरा नहीं है. गौरतलब है कि सिंघवी ने सोनिया का नाम लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी एक संदेश दे दिया.”

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