जानिए कैसे ? सांप को रस्सी बनाने दिया लखनऊ की क्राइम ब्रांच ने

लखनऊ : पुलिस के लिए एक कहावत कही जाती है कि अगर पुलिस अपने पर आ जाये तो रस्सी को सांप और सांप को रस्सी बना डाली है। पुलिस के लिए कही जाने वाली यह काहवत उस वक्त सच साबित हुई तो राजधानी की क्राइम ब्रांच और पारा थाने की पुलिस ने एक हत्यारोपी के साथ मिलकर चार युवक को सुपारी कीलर साबित कर दिया और चारों को फर्जी मामले में जेल भेज दिया। पुलिस के इस खेल का पता अधिकारियों को हुआ तो जांच करायी गयी। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो गये। अब इस मामले में एसएसपी ने दो सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया है, एक दरोगा की बर्खास्ती के लिए डीआईजी को लेटर भेजा है, पांच सिपाहियों को निलम्बित कर दिया गया है और चार दारोगा को लाइन हाजिर किया गया है। वहीं इन सभी पुलिस वालों के खिलाफ चार आपराधिक मामले भी थानों में दर्ज कराये गये हैं।
आपको बता दें कि बीते 10 जनवरी को पारा पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने मिलकर तमीम, अफजल, कामरान और अनवर नाम के चार युवकों को गिरफ्तार किया था। पुलिस व क्राइम ब्रांच ने बताया था कि चारों युवकों ने सआदतगंज निवासी श्रवण नाम के एक व्यक्ति से 30 लाख की सुपारी लेकर अकील नाम के एक व्यक्ति की हत्या की प्लानिंग कर रहे थे। पकड़े गये चारों युवकों के पास से 2 पिस्टल व एक तमंचा बरामद दिखाया गया था। क्राइम ब्रांच व पारा पुलिस के इस गुडवर्क पर पुलिस के अधिकारियों ने भी मोहर लगाते हुए 11 जनवरी को सभी आरोपियों को जेल भेज दिया था। इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब मीडिया में इस बात का खुलासा हुआ कि जिन चार लोगों को पुलिस ने जेल भेजा है, असल में न तो उन लोगों ने कोई सुपारी ली थी और न ही वह लोग अकील को मारने वाले थे।

तमीम व अफजल अकील को पहले से ही जानते हैं। पुलिस व क्राइम ब्रांच के इस खेल का पता चलने के बाद डीआईजी रेंज प्रवीण कुमार ने एसएसपी मंजिल सैनी को इस पूरे मामले में जांच करने के आदेश दिये। वहीं दूसरी तरह जेल में बंद तमीम, अफजाल व अन्य लोगों को 17 जनवरी को कोर्ट ने ं जमानत पर रिहा कर दिया। क्राइम ब्रांच और पारा पुलिस के इस खेल का पता चलने के बाद एसएसपी मंजिल सैनी ने एसपी पूर्वी शिवराम यादव को जांच का आदेश दिया। जांच की गयी तो क्राइम ब्रांच और हत्यारोपी अकील में सांठगांठ का राज खुल गया। पुलिस के अधिकारियों को पता चला कि अकील के कहने पर क्राइम ब्रांच और पारा पुलिस ने चार युवकों को फर्जी मामले में फंसा कर जेल भेज दिया था। अकील ने ऐसा इसलिए कराया था क्योंकि उसनके खिलाफ आयुष नाम के एक युवक की हत्या का आरोप है।

आयुष के पिता श्रवण साहू ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा रखी है और बेटे की हत्या की पैरवी कर रहे हैं। अकील ने चारो बेगुनाह युवकों पर सुपारी कीलर साबित कर दिया और श्रवण पर सुपारी देने का आरोप लगवा दिया। अकील व क्राइम ब्रांच के इस खेल का पता चलने के बाद गुरुवार को एसएसपी मंजिल सैनी ने दो सिपाहियों अनिल सिंह व धीरेन्द्र यादव को पुलिस की नौकरी से बर्खास्त कर दिया। वहीं क्राइम ब्रांच के दारोगा धीरेन्द्र शुक्ला की बर्खास्ती के लिए डीआईजी को पत्र लिखा है। इसके अलावा एसएसपपी ने क्राइम ब्रांच के पांच सिपाहियों को निलम्बित कर दिया है। वहीं क्राइम ब्रांच के दो दारोगाओं और पारा थाने के दो दारोगाओं को भी एसएसपी ने लाइन हाजिर कर दी है।
सभी के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज करायी गयीं
इस फर्जी गुडवर्क के मामले में जेल भेज गये युवकों के परिवार वालों ने ठाकुरगंज में दो, सआदतगंज में एक और हसनगंज कोतवाली में एक एफआईआर अकील, क्राइम ब्रांच व पारा थाने के पुलिस वालों के खिलाफ दर्ज करायी है।

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