200 करोड़ की ठगी करने वाला गैंग एसटीएफ के हत्थे चढ़ा

लखनऊ : आनलाइन शापिंग करने वालों को लकी ड्रा और इनाम का झांसा देकर ठगी करने वाले तीन शातिर जालसाजों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने अब तक 200 करोड़ रुपये लोगों से ठगे हैं। आरोपियों के पास मोबाइल फोन, कम्प्यूटर, पासबुक, चेकबुक, दो कार और एक लाख लोगों के डाटा बरामद किये हैं।


एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि कुछ दिनों से इस बात की शिकायत मिल रही थी आनलाइन शापिंग करने वाले लोगों से लकी ड्रा और इनाम का झांसा देकर ठगी करने वाला एक गैंग सक्रिय है। यह गैंग लोगों से पेटीएम एकाउंट में रुपये मंगवाता था। इस शिकायत के बाद यूपी एसटीएफ की टीम ने छानबीन करते हुए सविलांस की मदद से ठगी के प्रयोग होने वाले मोबाइल नम्बरों की एनालिसिस व क्यूआर कोड की जांच की तो पतरा चला कि ठगी के यह गैंग दिल्ली से संचालित हो रहा है और इस गैंग का लीडर कानपुर देहात निवासी अरून कुमार है।

इसके बाद एसटीएफ ने नई दिल्ल के मयूर बिहार फेज-1 में छापेमारी करते हुए इस गैंग के लिए काम करने वाले बांदा जनपद निवासी चंद्र किशोर नाम के जालसाज को गिरफ्तार किया। उसकी मदद से एसटीएफ ने अरून कुमार पाल को अशोक नगर नियर चिल्ला गांव नई दिल्ली और नोएडा निवासी वीर सिंह को एटीएस बिडिंग जेवर के पास यमुना एक्सप्रेस-वे से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास 9 मोबाइल फोन, एक कम्प्यूटर, 10 एटीएम कार्ड, तीन चेकबुक, एक पैनकार्ड, एक वाईफाई राउटर, 2 कार और एक लाख लोगों के अनाधिकृत डाटा बरामद किया।

इस तरह करते थे ठगी
पूछताछ पर आरोपी वीर सिंह ने बताया कि वह वर्ष 2010 से मनीट्रांसफर का काम करता था। इस बीच उसकी मुलाकात वर्ष 2014 मे अरून पाल से हुई जो एमटीएस नेटवर्क कम्पनी की सिम व डोंगल बेचता था। अरून ने ही वीर सिंह मुलाकात प्रदीप से करायी जो वर्ष 2014 से ही आनलाइन शापिंग के नाम पर अलग अलग तरह से ठगी करने वाले काल सेंटर संचालित कर रहा था।

2-3 वर्ष में उन लोगों मे गहरी मित्रत्रा हो गयी और प्रदीप ने वर्ष 2018 अपने एक ठगी के काल सेंटर जो कि पी -44 मयूर बिहार दिल्ली में था उसको वीर सिंह , अरून कुमार पाल, कप्तान सिंह, सुधीर महतो को पार्टनर के रूप मे चलाने को दे दिया। जहा आरोपी नंदनराव पटेल द्वारा हैक कर दिये गये आनलाइन शापिंग कस्टमर के डेटा पर कालिंग कराकर प्राइमरी पेमेंट जीएसटी पेमेंट इनवाइस पेमेंट व सटेलमेंट पेमेंट के नाम पर ठगी करने लगे। इसके बाद एक कस्टमर ने कोटगेट जिला बीकानेर राजस्थान मे मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया जिसमे बीकानेर पुलिस ने दिसम्बर 2018 सेंटर के संचालकों सहित 20 कालरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार किया गया टेली कालर चंद किशोर ने बताया कि वह लोग अपने नाम बदल कर फ्लोर मैनेजर द्वारा दिये गये डेटा पर काल करके ठगी करते है।

1 प्राइमरी स्पीच – सर आपने जो आनलाइन शापिंग की थी उस समय हमारी कम्पनी के प्रमोशन के लिए गिफ्ट देने के लिए 10 लकी कस्टमर का नाम सेलेक्ट किया गया था उसमें आप का नाम सेलेक्ट हुआ है यदि आप हमारी साइट से कम से कम 3000 रुपये के प्रोडेक्ट को सेलेक्ट कर हमारे द्वारा दिये गये क्यूआर कोड पर पेमेंट करते  है तो आपको चार में से एक पहला एचपी या डेल का लैपटाप, दूसरा सोनी या ब्राबिया कम्पनी का एलईडी, तीसरा 18 कैरेट गोल्ड नेकलेस और चौथा आईफोन 6 मुफ्त दिया जायेगा।
अगर कस्टमर प्राइमरी पेमेंट कर दिया जाता हैं उसके
2. जीएसटी स्पीच – कांग्रेच्युलेशन सर आपने हमारी कम्पनी से जो 3000 रुपये की शापिंग की है उसके लिए आपको लैपटाप दिया जा रहा है जिसको लेने के लिए आपको लैपटाप की कीमत का जीएसटी 18 प्रतिशत देना  पडेगा।
अगर कस्टमर जीएसटी पेमेंट कर दिया जाता उसके बाद
3. इनवाइस स्पीच- सर आप का लैपटाप हमारी कम्पनी से आप को भेजा जा रहा है जिसके लिए आपको इनवाइस पेमेंट जीएसटी का आधा करना पड़ेगा जो आपके एकाउंट मे वापस आ जायेगा। अगर कस्टमर द्वारा इनवाइस पेमेंट कर दिया जाता है रुपये वापस कस्टमर के एकाउंट मे वापस नहीं जाता वो हमको काल करके पूछता है तो
4. सेटलमेंट स्पीच – सर यदि आप जितना एमाउंट आपका गया है वापस चाहते है तो हमारी कम्पनी के एकाउंट मे उसका आधा एमाउंट पेमेंट करना होगा जिससे आपका पूरा रुपये इंटेस्ट के साथ 20-25 दिन मे आप के  एकाउंट मे वापस आ जायेगा। इस तरह जालसाज लोगों से लाखों की ठगी को अंजाम देते थे।

एसएटीएफ का दावा है कि जालसाजों ने अब 200 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है और उनका नेटवर्क दिल्ली, गाजियाबाद, नेाएडा, एनसीआर में फैला हुआ है।

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