2017 के शानदार साल के बाद, 2018 में ये चुनौतियां कर रहीं है विराट का इंतजार

2017 के शानदार साल के बाद, 2018 में ये चुनौतियां कर रहीं है विराट का इंतजार

2017 का साल विराट कोहली के लिए सोने में सुगंध की तरह ही रहा. इस पूरे साल विराट का जलवा न केवल क्रिकेट के मैदान में बल्कि क्रिकेट के मैदान से बाहर भी रहा.2017 के शानदार साल के बाद, 2018 में ये चुनौतियां कर रहीं है विराट का इंतजार

धोनी, श्रीलंका, वानखेड़े स्टेडियम और वही विनिंग शॉट…

इस साल विराट के प्रोफेशनल जीवन में उन्हें भारतीय वनडे और टी-20 की भी कप्तानी मिली तो इसी साल विराट ने रिकॉर्ड्स बुक के कई रिकॉर्ड्स के आगे अपना नाम भी लिख दिया.

विराट इस साल वनडे क्रिकेट में शतकों के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच गए, कप्तान के रूप में टेस्ट क्रिकेट में 6 दोहरे शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने, क्रिकेट के तीनों प्रारूप में 50 से ज्यादा की औसत के साथ 2000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन भी बनाए.

विराट ने कप्तान के रूप में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए तीनों ही प्रारूपों में जीत का सिलसिला बनाए रखा. भारत ने इस साल आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को छोड़कर सभी वनडे सीरीज में जीत दर्ज की, तो टेस्ट क्रिकेट में 4 के 4 सीरीज जीतने में सफल रही. किसी क्रिकेटर से इससे बेहतर की उम्मीद नहीं की जा सकती.

हालांकि विराट के लिए मैदान से इत्तर भी चीजें उतनी ही बेहतरीन रही, विराट ने इस साल अनुष्का शर्मा के साथ जिंदगी की नई पारी की शुरुआत की तो साथ ही विराट भारत के सबसे बड़े ब्रांड बन कर भी उभरे. कहा जा सकता है कि यह पूरा साल ही विराट के लिए किसी स्वर्णिम काल की तरह रहा.

हालांकि साल 2018 कि शुरुआत ही विराट के लिए विराट चुनौतियां लेकर आने वाला है. 2017 की शुरुआत में भारत को दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जाना है, इस दौरे पर भारत 3 टेस्ट, 6 वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने वाली है.

भारतीय टीम आज तक साउथ अफ्रीका को उसके देश में कोई भी टेस्ट सीरीज हराने में असफल रही है. भारतीय टीम का का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2010-11 में रहा था जब धोनी के नेतृत्व में टीम ने तीन मैचों की सीरीज को 1-1 से ड्रॉ कराने में सफल रही थी. 

इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका की धरती पर भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा है, भारत ने अफ्रीका में खेले गए 17 टेस्ट मैचों में केवल दो में जीत दर्ज की है, जबकि 8 में उसे हार का सामना करना पड़ा है और 7 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं. ऐसे में आने वाले अफ्रीका दौरे पर विराट से उम्मीद होगी की वो साउथ अफ्रीका में जीत के सूखे को खत्म करें.

दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बाद 2018 में भारतीय टीम की परीक्षा इंग्लैंड के तेज पिचों पर भी होने वाली है. भारतीय टीम जुलाई से सितंबर तक इंग्लैंड का दौरा करेगी, इस दौरान टीम 5 टेस्ट, और 3-3 वनडे और टी-20 खेलने वाली है. भारतीय टीम का रिकॉर्ड इंग्लैंड में भी काफी खराब रहा है, भारतीय बल्लेबाज अक्सर इंग्लैंड की तेज पिचों पर संघर्ष करते दिखते है.

साल 2011 के इंग्लैंड दौरे पर तो भारत 4 टेस्ट, 4 वनडे और 1 टी-20 मिलाकर भी एक भी मैच नहीं जीत सकी थी, जबकि 2012-13 में टीम टेस्ट सीरीज हार कर वनडे सीरीज जीतने में सफल रही थी.

इंग्लैंड में भारत के टेस्ट रिकॉर्ड देखें, तो भारत ने 57 टेस्ट मैचों में केवल 6 में ही जीत दर्ज करने में सफल रही है, जबकि 30 में उसे हार का सामना करना पड़ा है. 2018 के अंत में भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने की भी संभावना है, वहां भी भारत अभी तक कोई टेस्ट सीरीज जीतने में सफल नहीं रही है.

ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाला साल विराट के लिए चुनौतियों भरा है, जिसमें उन्हें न केवल एक बल्लेबाज के रूप में बल्कि एक कप्तान के रूप में भी अपने आप को साबित करना होगा.

हालांकि इन चुनौतियों में विराट संभावनाएं भी है, अगर विराट इन दौरों पर बेहतर प्रदर्शन कर सकें तो यह उनके कद को एक बल्लेबाज और कप्तान के रूप में एक नए स्तर पर ले जाएगा.

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