भारतीय क्रिकेट टीम इस समय लगातार बुलंदियों को छू रही है. भारतीय क्रिकेट टीम जहां इस समय वनडे की सबसे सफल टीम है. वहीं टेस्ट क्रिकेट में भी भारत का सिक्का चल रहा है. लेकिन भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक ऐसा दिन भी आया जब भारतीय टीम मात्र 42 रनों पर ही ढ़ेर हो गई थी. यह दिन था 24 जून 1974 का. यानी कि आज से ठीक 44 साल पहले का. भारत के लिए 24 जून 1974 का दिन सबसे बुरा और शर्मनाक दिन माना जाता है. गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम 1974 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स में टेस्ट मैच खेल रहे थी. इस दौरान 24 जून को भारतीय टीम ने अपने सभी विकेट मात्र 50 रन के भीतर 42 रनों पर ही खो दिए थे. भारतीय टीम का यह शर्मनाक हश्र मैच की दूसरी पारी में हुआ था. भारतीय टेस्ट इतिहास का यह अब तक का सबसे कम स्कोर है. इससे पहले और न ही इसके बाद में भारत का ऐसा हश्र कभी नहीं हुआ. भारतीय टीम इससे पहले 58 रनों पर ढ़ेर हुई थी. ख़ास बात यह है कि 58 रनों पर भारतीय टीम दो बार सिमट गई थी. पहली बार भारतीय टीम 58 रनों पर 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑल आउट हो गई थी. वहीं इसके बाद भारतीय टीम इसी स्कोर पर 5 साल बाद यानी कि 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में ढ़ेर हुई थी. जबकि भारत ने अपना न्यूनतम चौथा स्कोर 1996 में अफ्रीका के ख़िलाफ़ बनाया था. जहां भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के आगे 66 रनों पर ही घुटने टेक बैठी थी.

24 जून : भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे बुरा और शर्मनाक दिन

भारतीय क्रिकेट टीम इस समय लगातार बुलंदियों को छू रही है. भारतीय क्रिकेट टीम जहां इस समय वनडे की सबसे सफल टीम है. वहीं टेस्ट क्रिकेट में भी भारत का सिक्का चल रहा है. लेकिन भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक ऐसा दिन भी आया जब भारतीय टीम मात्र 42 रनों पर ही ढ़ेर हो गई थी. यह दिन था 24 जून 1974 का. यानी कि आज से ठीक 44 साल पहले का. भारत के लिए 24 जून 1974 का दिन सबसे बुरा और शर्मनाक दिन माना जाता है. भारतीय क्रिकेट टीम इस समय लगातार बुलंदियों को छू रही है. भारतीय क्रिकेट टीम जहां इस समय वनडे की सबसे सफल टीम है. वहीं टेस्ट क्रिकेट में भी भारत का सिक्का चल रहा है. लेकिन भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक ऐसा दिन भी आया जब भारतीय टीम मात्र 42 रनों पर ही ढ़ेर हो गई थी. यह दिन था 24 जून 1974 का. यानी कि आज से ठीक 44 साल पहले का. भारत के लिए 24 जून 1974 का दिन सबसे बुरा और शर्मनाक दिन माना जाता है.     गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम 1974 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स में टेस्ट मैच खेल रहे थी. इस दौरान 24 जून को भारतीय टीम ने अपने सभी विकेट मात्र 50 रन के भीतर 42 रनों पर ही खो दिए थे. भारतीय टीम का यह शर्मनाक हश्र मैच की दूसरी पारी में हुआ था. भारतीय टेस्ट इतिहास का यह अब तक का सबसे कम स्कोर है. इससे पहले और न ही इसके बाद में भारत का ऐसा हश्र कभी नहीं हुआ.     भारतीय टीम इससे पहले 58 रनों पर ढ़ेर हुई थी. ख़ास बात यह है कि 58 रनों पर भारतीय टीम दो बार सिमट गई थी. पहली बार भारतीय टीम 58 रनों पर 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑल आउट हो गई थी. वहीं इसके बाद भारतीय टीम इसी स्कोर पर 5 साल बाद यानी कि 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में ढ़ेर हुई थी. जबकि भारत ने अपना न्यूनतम चौथा स्कोर 1996 में अफ्रीका के ख़िलाफ़ बनाया था. जहां भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के आगे 66 रनों पर ही घुटने टेक बैठी थी.

गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम 1974 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स में टेस्ट मैच खेल रहे थी. इस दौरान 24 जून को भारतीय टीम ने अपने सभी विकेट मात्र 50 रन के भीतर 42 रनों पर ही खो दिए थे. भारतीय टीम का यह शर्मनाक हश्र मैच की दूसरी पारी में हुआ था. भारतीय टेस्ट इतिहास का यह अब तक का सबसे कम स्कोर है. इससे पहले और न ही इसके बाद में भारत का ऐसा हश्र कभी नहीं हुआ. 

भारतीय टीम इससे पहले 58 रनों पर ढ़ेर हुई थी. ख़ास बात यह है कि 58 रनों पर भारतीय टीम दो बार सिमट गई थी. पहली बार भारतीय टीम 58 रनों पर 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑल आउट हो गई थी. वहीं इसके बाद भारतीय टीम इसी स्कोर पर 5 साल बाद यानी कि 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में ढ़ेर हुई थी. जबकि भारत ने अपना न्यूनतम चौथा स्कोर 1996 में अफ्रीका के ख़िलाफ़ बनाया था. जहां भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के आगे 66 रनों पर ही घुटने टेक बैठी थी.

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