एआईएडीएमके के दो धड़े ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) और ई पलानीस्वामी (ईपीएस) के विलय को लेकर चल रही रस्साकस्सी में एक अहम मोड़ सामने आया है। बता दें कि शुक्रवार की रात पन्नीरसेल्वम गुट ने पलानीस्वामी गुट के सामने विलय की बहुत बड़ी शर्त रख दी है।
पन्नीरसेल्वम धड़े की मांग है कि अगर पार्टी विलय चाहती है तो पन्नीरसेल्वम को राज्य का मुख्यमंत्री चुनना होगा। ओपीएस गुट ने कहा कि पन्नीरसेल्वम राज्य के लिए तीन बार मुख्यमंत्री चुने जा चुके हैं तो विलय के बाद उनके उप मुख्यमंत्री बनने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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कैंप में एक दूसरे गुटों पर बयानबाजी भी की जाती रही। वहीं, सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता मेमोरियल में विधायकों का धड़ा दोनों नेताओं के फैसले के इंतजार में था। लेकिन ईपीएस धड़े से ओपीएस की शर्त पर कोई जवाब नहीं आया।
शुक्रवार रात 9 बजे तक पूर्व मंत्री सी पोनियान ने ओपीएस के निवास से बाहर आकर बोला कि आज रात किसी भी फैसले का इंतजार करना बेकार है। वहीं, थोड़ी देर बाद ही सभी नेतागण ओपीएस के निवास स्थान से चले गए। जिनमें से रोयापेत्ताह, टीटीवी दिनाकरण कुछ विधायकों के साथ होटल में के लिए निकल पड़े।
ओपीएस कैंप के एक सदस्य ने बताया कि शुक्रवार रात को हुई चर्चा उप मुख्यमंत्री पद के इर्द गिर्द ही घूमती रही। बता दें कि ओपीएस गुट गृह और वित्त मंत्रालय भी अपने पास रखना चाहता है। लेकिन ईपीएस इस बात से सहमत नहीं हुआ।
जबकि ईपीएस पब्लिक वेलफेयर विभाग ओपीसी को देने के इच्छुक है। सूत्रों के मुताबिक, ईपीएस के कई वरिष्ठ नेता ओपीएस के पन्नीरसेल्वम को सीएम बनाए जाने के पक्ष में हैं। वहीं, इस अनबन से ईपीएस के बंटने की भी संभावना जताई जा रही है।