रेल मंत्रालय ने रेलवे से रिटायर हो चुके कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की अधिकतम उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी है. रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा रखने की स्कीम की वैधता 14 सितंबर 2018 से बढ़ाकर 1 दिसंबर 2019 कर दिया गया है. रेलवे कर्मचारियों की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने मंत्रालय के इस फैसले का विरोध किया है. फेडरेशन का कहना है जब देश में बड़ी तादाद में युवा लोग बेरोजगार होकर घूम रहे हैं. ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम में रखने की स्कीम कहां तक जायज है. रेलवे बोर्ड ने इस बारे में रेलवे की सभी डिवीजनों को पत्र लिखकर कहा है कि डिविजनल रेलवे मैनेजर रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने के लिए अधिकृत होंगे. रेलवे इस मामले को पब्लिसिटी देगी. इसकी जानकारी तमाम रेलवे की वेबसाइट पर डाली जाएगी. इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को सेफ्टी रिलेटेड रिटायरमेंट स्कीम के तहत कवर नहीं दिया जाना चाहिए. रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखने से पहले उनके सेफ्टी रिकॉर्ड को देखा जाना चाहिए. साथ ही साथ दूसरी ऑपरेशनल जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. पत्र में लिखा कि दोबारा नौकरी पर रखे गए रिटायर्ड रेलवे कर्मचारियों को उनकी अंतिम ली गई तनख्वाह से पेंशन को घटाकर मेहनताना दिया जाना चाहिए. ऐसे दोबारा रखे गए रिटायर्ड कर्मचारियों को तब तुरंत डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. जब उनकी जगह पर आरआरबी से सिलेक्टेड उम्मीदवार ज्वाइन कर लेंगे. गौरतलब है रेलवे में कर्मचारियों की कमी के चलते रिटायर कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखे जाने की स्कीम 16 अक्टूबर 2017 को लाई गई थी. इस स्कीम की वैधता 14 सितंबर 2018 तक थी. अब रेलवे बोर्ड ने रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की स्कीम को बढ़ाकर 1 दिसंबर 2019 तक कर दिया है. बड़े स्तर पर हो रेलवे कर्मचारियों की भर्ती रेलवे मेंस फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी शिवगोपाल मिश्रा ने 'आजतक' से खास बातचीत में कहा रेलवे को कर्मचारियों की भर्ती बड़े स्तर पर करनी चाहिए. रेलवे में हजारों की संख्या में पद खाली हैं. ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की स्कीम को बढ़ाया जाना यह दिखाता है कि देश के युवा को रोजगार ना देकर सरकारी अफसर अपने चाटुकार मातहतों को फायदा देना चाहते हैं. प्रभावित हो कामकाज का वातावरण उन्होंने कहा जिस तरह से रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की अधिकतम उम्र को 62 साल से बढ़ाकर 65 साल की गई है. वह बिल्कुल गलत है. क्योंकि रेलवे का काम ऐसा है, जिसमें पुलिस शारीरिक दक्षता और मानसिक चुस्ती चाहिए. रिटायर्ड रेलवे कर्मचारियों में इस तरीके की दक्षता नहीं रह जाती है. इससे आने वाले दिनों में रेलवे में दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं. साथ ही रेलवे में कामकाज का वातावरण भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है

65 साल तक काम कर सकेंगे रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी, रेलवे फेडरेशन ने किया विरोध

रेल मंत्रालय ने रेलवे से रिटायर हो चुके कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की अधिकतम उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी है. रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा रखने की स्कीम की वैधता 14 सितंबर 2018 से बढ़ाकर 1 दिसंबर 2019 कर दिया गया है.रेल मंत्रालय ने रेलवे से रिटायर हो चुके कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की अधिकतम उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी है. रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा रखने की स्कीम की वैधता 14 सितंबर 2018 से बढ़ाकर 1 दिसंबर 2019 कर दिया गया है.  रेलवे कर्मचारियों की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने मंत्रालय के इस फैसले का विरोध किया है. फेडरेशन का कहना है जब देश में बड़ी तादाद में युवा लोग बेरोजगार होकर घूम रहे हैं. ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम में रखने की स्कीम कहां तक जायज है.  रेलवे बोर्ड ने इस बारे में रेलवे की सभी डिवीजनों को पत्र लिखकर कहा है कि डिविजनल रेलवे मैनेजर रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने के लिए अधिकृत होंगे. रेलवे इस मामले को पब्लिसिटी देगी. इसकी जानकारी तमाम रेलवे की वेबसाइट पर डाली जाएगी. इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को सेफ्टी रिलेटेड रिटायरमेंट स्कीम के तहत कवर नहीं दिया जाना चाहिए. रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखने से पहले उनके सेफ्टी रिकॉर्ड को देखा जाना चाहिए. साथ ही साथ दूसरी ऑपरेशनल जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.  पत्र में लिखा कि दोबारा नौकरी पर रखे गए रिटायर्ड रेलवे कर्मचारियों को उनकी अंतिम ली गई तनख्वाह से पेंशन को घटाकर मेहनताना दिया जाना चाहिए. ऐसे दोबारा रखे गए रिटायर्ड कर्मचारियों को तब तुरंत डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. जब उनकी जगह पर आरआरबी से सिलेक्टेड उम्मीदवार ज्वाइन कर लेंगे.  गौरतलब है रेलवे में कर्मचारियों की कमी के चलते रिटायर कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखे जाने की स्कीम 16 अक्टूबर 2017 को लाई गई थी. इस स्कीम की वैधता 14 सितंबर 2018 तक थी. अब रेलवे बोर्ड ने रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की स्कीम को बढ़ाकर 1 दिसंबर 2019 तक कर दिया है.  बड़े स्तर पर हो रेलवे कर्मचारियों की भर्ती  रेलवे मेंस फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी शिवगोपाल मिश्रा ने 'आजतक' से खास बातचीत में कहा रेलवे को कर्मचारियों की भर्ती बड़े स्तर पर करनी चाहिए. रेलवे में हजारों की संख्या में पद खाली हैं. ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की स्कीम को बढ़ाया जाना यह दिखाता है कि देश के युवा को रोजगार ना देकर सरकारी अफसर अपने चाटुकार मातहतों को फायदा देना चाहते हैं.  प्रभावित हो कामकाज का वातावरण  उन्होंने कहा जिस तरह से रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की अधिकतम उम्र को 62 साल से बढ़ाकर 65 साल की गई है. वह बिल्कुल गलत है. क्योंकि रेलवे का काम ऐसा है, जिसमें पुलिस शारीरिक दक्षता और मानसिक चुस्ती चाहिए. रिटायर्ड रेलवे कर्मचारियों में इस तरीके की दक्षता नहीं रह जाती है. इससे आने वाले दिनों में रेलवे में दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं. साथ ही रेलवे में कामकाज का वातावरण भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है

रेलवे कर्मचारियों की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने मंत्रालय के इस फैसले का विरोध किया है. फेडरेशन का कहना है जब देश में बड़ी तादाद में युवा लोग बेरोजगार होकर घूम रहे हैं. ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम में रखने की स्कीम कहां तक जायज है.

रेलवे बोर्ड ने इस बारे में रेलवे की सभी डिवीजनों को पत्र लिखकर कहा है कि डिविजनल रेलवे मैनेजर रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने के लिए अधिकृत होंगे. रेलवे इस मामले को पब्लिसिटी देगी. इसकी जानकारी तमाम रेलवे की वेबसाइट पर डाली जाएगी. इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को सेफ्टी रिलेटेड रिटायरमेंट स्कीम के तहत कवर नहीं दिया जाना चाहिए. रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखने से पहले उनके सेफ्टी रिकॉर्ड को देखा जाना चाहिए. साथ ही साथ दूसरी ऑपरेशनल जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.

पत्र में लिखा कि दोबारा नौकरी पर रखे गए रिटायर्ड रेलवे कर्मचारियों को उनकी अंतिम ली गई तनख्वाह से पेंशन को घटाकर मेहनताना दिया जाना चाहिए. ऐसे दोबारा रखे गए रिटायर्ड कर्मचारियों को तब तुरंत डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. जब उनकी जगह पर आरआरबी से सिलेक्टेड उम्मीदवार ज्वाइन कर लेंगे.

गौरतलब है रेलवे में कर्मचारियों की कमी के चलते रिटायर कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखे जाने की स्कीम 16 अक्टूबर 2017 को लाई गई थी. इस स्कीम की वैधता 14 सितंबर 2018 तक थी. अब रेलवे बोर्ड ने रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की स्कीम को बढ़ाकर 1 दिसंबर 2019 तक कर दिया है.

बड़े स्तर पर हो रेलवे कर्मचारियों की भर्ती

रेलवे मेंस फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी शिवगोपाल मिश्रा ने ‘आजतक’ से खास बातचीत में कहा रेलवे को कर्मचारियों की भर्ती बड़े स्तर पर करनी चाहिए. रेलवे में हजारों की संख्या में पद खाली हैं. ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की स्कीम को बढ़ाया जाना यह दिखाता है कि देश के युवा को रोजगार ना देकर सरकारी अफसर अपने चाटुकार मातहतों को फायदा देना चाहते हैं.

प्रभावित हो कामकाज का वातावरण

उन्होंने कहा जिस तरह से रिटायर्ड कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने की अधिकतम उम्र को 62 साल से बढ़ाकर 65 साल की गई है. वह बिल्कुल गलत है. क्योंकि रेलवे का काम ऐसा है, जिसमें पुलिस शारीरिक दक्षता और मानसिक चुस्ती चाहिए. रिटायर्ड रेलवे कर्मचारियों में इस तरीके की दक्षता नहीं रह जाती है. इससे आने वाले दिनों में रेलवे में दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं. साथ ही रेलवे में कामकाज का वातावरण भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है

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