आलूकाण्ड: किसानों ने बल्कि सपाईयों ने फेंके थे सड़कों पर आलू, पुलिस ने किया खुलासा!

लखनऊ: विधानभवन, राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के सामने चंद रोज पहले विरोध स्वरूप आलू फेंके जाने की घटना ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया था। अब एक हफ्ते की लम्बी छानबीन के बाद हजरतगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच ने इस बात का खुलासा किया है कि इस घटना के पीछे समाजवादी पार्टी के नेताओं का हाथ था।

इस ममाले में पुलिस ने कन्नौज जनपद से एक सपा नेता के करीबी और एक चालक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एक डाला भी बरामद कर लिया है। इस घटना से जुड़े कई और लोगों के नाम भी सामने आयें हैं और पुलिस उनकी भूमिका के बारे में छानबीन कर रही है।

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि इस घटना के संबंध में हजरतगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम को छानबीन के लिए लगाया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सबसे पहले इन इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकाली। फुटेज की मदद से पुलिस को आलू गिरा रहे कुछ वाहन दिखे।

इन वाहनों के नम्बर को पुलिस ने किसी तरह हासिल किया तो पता चला कि वाहनों का तालूक कन्नौज जनपद से है। इसके बाद पुलिस ने नम्बर के आधार पर गाड़ी के मालिक के बारे में पता लगाया।

वहीं दूसरी तरह पुलिस ने सर्विलांस का जाल बिछाया तो कुछ नम्बर निकल कर सामने आये। इसके बाद इस आलू काण्ड के तार जब पूरी तरह कन्नौज से जुड़े पुलिस को दिखाई पड़े तो पुलिस की एक टीम कन्नौज भेजी गयी। इस मामले में राजधानी पुलिस ने बीती रात कन्नौज जनपद से अंकित चौहान और सुशील पासी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया। अंकित चौहान सपा नेता का करीब है, जबकि सुशील पासी गाड़ी का चालक है।

इन लोगों के नाम निकल कर सामने आये
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि अभी तक की गयी छानबीन और पूछताछ में समाजवादी पार्टी से जुड़े कई लोगों के नाम निकल कर सामने आये हैं। इस मामले में सबसे पहला नाम शिवेंद्र सिंह उर्फ कुकू चौहान का है जो नगर पंचायत का चुनाव लड़ा चुका है। वहीं दूसर नाम संदीप उर्फ विक्की यादव का है जिसने इस काम के लिए गाडिय़ां अरेंज की थी। वहीं तीसरा नाम दीपेंद्र सिंह सिंह चौहान का है जो शिवेन्द्र सिंह का सगा भाई है। पुलिस का कहना है कि इस पूरी घटना की साजिश में जिला पंचायत अध्यक्ष नीलू कटियार का पति संजू कटियार, ग्राम प्रधान प्रदीप सिंह उर्फ बंगाली और जय कुमार तिवारी उर्फ बड़े बऊवन ने रची थी। अब पुलिस इन लोगों की पूरी भूमिका के बारे में छानबीन कर रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

कोल्ड स्टोर से खरीदा गया था आलू
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि छानबीन के दौरान पुलिस को इस बात का पता चला है कि फेंकने के लिए प्रयोग किया गया आलू ठठिया के कोल्ड स्टोरेज से खरीदा गया था। इसके बाद कन्नौज के तिर्वा से आठ डाला में आलू भरकर लखनऊ लाए थे। इसके बाद आलू के वाहन और उनके साथ कुछ कार कन्नौज से लखनऊ के लिए चली थी। रात को लखनऊ पहुंचने के बाद यह सभी वाहन मॉल एवेन्यू में रूके थे। इसके बाद तड़के वीवीआईपी इलाके में आलू फेंकने की वारदात को अंजाम दिया गया।

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