आषाढ़ की अमावस्या में करें यह काम, दूर होंगे कष्ट

हर माह पड़ने वाली अमावस का हिंदू धर्म में अलग महत्व है। इस दिन न केवल लोग व्रत करते हैं बल्कि पितरों को याद करके दान पुण्य करने से कष्ट दूर होते हैं। इसी तरह आषाढ़ की अमावस्या का भी अलग ही महत्व दिखता है। इसे हलहारिणी भी कहते हैं। आषाढ़ की अमावस को लेकर लोगों में दुविधा है। कुछ लोग इसे 28 को बता रहे हैं तो कुछ लोग 29 जून को। आइए जानते हैं।

कब है अमावस
आषाढ़ की अमावस्या के दिन कई तरह की पूजा होती है। किसान भी अपने खेती में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को पूजते हैं। साथ ही फसलों की बुआई का मौसम भी शुरू हो जाता है। सावन आने के साथ ही चावल की रोपाई का वक्त आ जाएगा। लेकिन इस बार यह किस तारीख को मनाया जाएगा। दरअसल, पंचांग की मानें तो इस बार मंगलवार यानी कि 28 जून को पड़ेगी लेकिन दान और स्नान 29 जून को होगा। उदया तिथि के अनुसार अमावस 28 को सुबह 5 बजकर 52 मिनट पर शुरू होकर 29 जून को सुबह 8 बजकर 21 मिनट तक है। इसी दिन स्नान और दान करें।

अमावस्या पर करें कार्य
इस दिन नदी में स्नान करना अच्छा होता है। सुबह भोर में ही उठ जाएं और स्नान करके सूर्य को अर्घ्य दें।  इस दिन पितरों को याद करते हुए दान जरूर करना चाहिए। इससे मोक्ष मिलता है और घर में सुख शांति बनी रहती है। पितृ रक्षा करते हैं। पैसे के लिए परेशान लोगों को आषाढ़ अमावस्या के दिन आटे की गोलियां सुबह-सुबह मछलियों को डालना चाहिए। इससे काफी हद तक परेशानियां कम होती हैं।

GB Singh

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