18वें एशियाई खेलों के सबसे बड़े मुकाबले के लिए पीवी सिंधु तैयार हैं. गोल्ड मेडल मैच के लिए सिंधु का सामना दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीनी ताइपे की ताई जु यिंग से होगा. इस मुकाबले में सिंधु की जीत हो या हार, वो इतिहास रच देंगी. मुकाबला थोड़ी देर में शुरू होगा. एशियाड के बैडमिंटन इतिहास में इससे पहले तक कोई भी भारतीय पुरुष या महिला बैडमिंटन खिलाड़ी फाइनल तक नहीं पहुंच सका था. साइना नेहवाल ने इस बार भारत के लिए महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में हारकर कांस्य के रूप 9वां पदक जीता.अगर सिंधु इस मुकाबले को जीत लेती हैं, तो वह स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी होने का इतिहास रचेंगी. सिंधु अगर फाइनल मैच में हार भी जाती हैं, तो भी वह एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी होंगी. कब-कब एशियाई खेलों में पदक मिले हैं- 1. महिला सिंगल्स : कांस्य पदक- साइना नेहवाल को 2018 में (जकार्ता) 2. पुरुष सिंगल्स : कांस्य पदक- सैयद मोदी को 1982 में (दिल्ली) 3. पुरुष डबल्स : कांस्य पदक- लेरॉय और प्रदीप गांधे की जोड़ी को 1982 में (दिल्ली) 4. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1974 में (तेहरान) 5. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1982 में (दिल्ली) 6. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1986 में (सिओल) 7. महिला टीम: कांस्य पदक- 1982 (दिल्ली) 8. महिला टीम: कांस्य पदक- 2014 (इंचियोन) 9. मिक्स्ड डबल्स (लेरॉय और कंवल ठाकर सिंह)- कांस्य पदक- 1982 (दिल्ली) सिंधु और ताई जु यिंग के बीच महामुकाबले का इंतजार पूरा देश कर रहा है. हालांकि भारतीय खिलाड़ी की राह आसान नहीं होगी. वर्ल्ड नंबर-1 ताई जु यिंग के खिलाफ उन्होंने पिछले पांच मुकाबले गंवाए हैं. यिंग का सिंधु के खिलाफ 9-3 का रिकॉर्ड है.

Asian Games: जीत हो या हार, फाइनल में आज सिंधु रचेंगी इतिहास

18वें एशियाई खेलों के सबसे बड़े मुकाबले के लिए पीवी सिंधु तैयार हैं. गोल्ड मेडल मैच के लिए सिंधु का सामना दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीनी ताइपे की ताई जु यिंग से होगा. इस मुकाबले में सिंधु की जीत हो या हार, वो इतिहास रच देंगी. मुकाबला थोड़ी देर में शुरू होगा. एशियाड के बैडमिंटन इतिहास में इससे पहले तक कोई भी भारतीय पुरुष या महिला बैडमिंटन खिलाड़ी फाइनल तक नहीं पहुंच सका था.18वें एशियाई खेलों के सबसे बड़े मुकाबले के लिए पीवी सिंधु तैयार हैं. गोल्ड मेडल मैच के लिए सिंधु का सामना दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीनी ताइपे की ताई जु यिंग से होगा. इस मुकाबले में सिंधु की जीत हो या हार, वो इतिहास रच देंगी. मुकाबला थोड़ी देर में शुरू होगा. एशियाड के बैडमिंटन इतिहास में इससे पहले तक कोई भी भारतीय पुरुष या महिला बैडमिंटन खिलाड़ी फाइनल तक नहीं पहुंच सका था.  साइना नेहवाल ने इस बार भारत के लिए महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में हारकर कांस्य के रूप 9वां पदक जीता.अगर सिंधु इस मुकाबले को जीत लेती हैं, तो वह स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी होने का इतिहास रचेंगी. सिंधु अगर फाइनल मैच में हार भी जाती हैं, तो भी वह एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी होंगी.  कब-कब एशियाई खेलों में पदक मिले हैं-  1. महिला सिंगल्स : कांस्य पदक- साइना नेहवाल को 2018 में (जकार्ता)  2. पुरुष सिंगल्स : कांस्य पदक- सैयद मोदी को 1982 में (दिल्ली)  3. पुरुष डबल्स : कांस्य पदक- लेरॉय और प्रदीप गांधे की जोड़ी को 1982 में (दिल्ली)  4. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1974 में (तेहरान)  5. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1982 में (दिल्ली)  6. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1986 में (सिओल)  7. महिला टीम: कांस्य पदक- 1982 (दिल्ली)  8. महिला टीम: कांस्य पदक- 2014 (इंचियोन)  9. मिक्स्ड डबल्स (लेरॉय और कंवल ठाकर सिंह)- कांस्य पदक- 1982 (दिल्ली)  सिंधु और ताई जु यिंग के बीच महामुकाबले का इंतजार पूरा देश कर रहा है. हालांकि भारतीय खिलाड़ी की राह आसान नहीं होगी. वर्ल्ड नंबर-1 ताई जु यिंग के खिलाफ उन्होंने पिछले पांच मुकाबले गंवाए हैं. यिंग का सिंधु के खिलाफ 9-3 का रिकॉर्ड है.

साइना नेहवाल ने इस बार भारत के लिए महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में हारकर कांस्य के रूप 9वां पदक जीता.अगर सिंधु इस मुकाबले को जीत लेती हैं, तो वह स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी होने का इतिहास रचेंगी. सिंधु अगर फाइनल मैच में हार भी जाती हैं, तो भी वह एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी होंगी.

कब-कब एशियाई खेलों में पदक मिले हैं-

1. महिला सिंगल्स : कांस्य पदक- साइना नेहवाल को 2018 में (जकार्ता)

2. पुरुष सिंगल्स : कांस्य पदक- सैयद मोदी को 1982 में (दिल्ली)

3. पुरुष डबल्स : कांस्य पदक- लेरॉय और प्रदीप गांधे की जोड़ी को 1982 में (दिल्ली)

4. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1974 में (तेहरान)

5. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1982 में (दिल्ली)

6. पुरुष टीम : कांस्य पदक- 1986 में (सिओल)

7. महिला टीम: कांस्य पदक- 1982 (दिल्ली)

8. महिला टीम: कांस्य पदक- 2014 (इंचियोन)

9. मिक्स्ड डबल्स (लेरॉय और कंवल ठाकर सिंह)- कांस्य पदक- 1982 (दिल्ली)

सिंधु और ताई जु यिंग के बीच महामुकाबले का इंतजार पूरा देश कर रहा है. हालांकि भारतीय खिलाड़ी की राह आसान नहीं होगी. वर्ल्ड नंबर-1 ताई जु यिंग के खिलाफ उन्होंने पिछले पांच मुकाबले गंवाए हैं. यिंग का सिंधु के खिलाफ 9-3 का रिकॉर्ड है.

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