BJP नेता विजेंद्र गुप्ता बोले- दिल्ली के अफसर नहीं, केजरीवाल सरकार है हड़ताल पर

दिल्ली पेयजल की भारी किल्लत, बिजली कटौती सहित विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रही है। मगर दिल्ली में सियासी धरना चल रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सरकार के तीन प्रमुख मंत्री गत सोमवार से उपराज्यपाल निवास में धरने पर बैठे हैं, जबकि विपक्ष दिल्ली सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पर धरने पर बैठा है। सरकार आरोप लगा रही है कि नौकरशाही हड़ताल पर है और अधिकारी कह रहे हैं कि वे काम कर रहे हैं, कोई हड़ताल नहीं है। इन हालात को लेकर दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता वीके शुक्ला ने दिल्ली सचिवालय में अनशन कर रहे दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश:

1. आप अनशन क्यों कर रहे हैं?

– हम अनशन दिल्ली की जनता को बिजली और पानी दिलाने के लिए कर रहे हैं। दिल्ली में पानी के लिए हत्याएं हो रही हैं और केजरीवाल राजनिवास में तीन मंत्रियों को लेकर डेरा डाले हुए हैं। हमारा अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक केजरीवाल धरने का ड्रामा बंद कर जनता को बिजली-पानी की समस्या से निजात नहीं दिलाते हैं।

2. सीएम का कहना है कि अधिकारी हड़ताल पर हैं और वह एलजी से हड़ताल समाप्त कराने को लेकर धरने पर हैं?

– हड़ताल.. किसकी हड़ताल। मैं सचिवालय में अपने साथियों के साथ अनशन पर हूं और देख रहा हूं कि अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं। सभी कार्य हो रहे हैं। यहां के स्टाफ से बात करने पर पता चला है कि अधिकारी रात आठ बजे तक काम करते हैं। अवकाश के दिन भी अधिकारी सचिवालय आते हैं। मालूम हुआ कि मुख्य सचिव शनिवार को अवकाश होने पर भी ड्यूटी पर थे।

3. अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं तो कौन हड़ताल पर है?

– हड़ताल पर केजरीवाल सरकार है। मुख्यमंत्री और उनके सभी मंत्री सचिवालय नहीं आ रहे हैं। यहां पता चला कि मुख्यमंत्री सचिवालय ही नहीं आते हैं। वह फरवरी में केवल 19 तारीख को यहां आए। मार्च में नौ दिन और अप्रैल में आए ही नहीं। फिर मई में पांच दिन और जून में अभी तक नहीं आए हैं। अब आप ही बताइए हड़ताल पर कौन है?

4. सीएम का बयान छपा है कि 19 फरवरी को उनके निवास पर मुख्य सचिव के साथ मारपीट नहीं हुई थी। यह उनकी सरकार गिराने की साजिश थी?

– यह केजरीवाल का सरासर झूठ है। अब चार माह बाद केजरीवाल को याद आ रहा है कि कोई घटना नहीं हुई थी। उस समय रहे उनके ही सलाहकार ने मजिस्ट्रेट के सामने घटना होने का बयान दर्ज कराया था।

5. 19 फरवरी की कथित घटना के बाद से अधिकारी सीएम से माफी मांगने को कह रहे हैं व सुरक्षा की गारंटी मांग रहे हैं। आप सीएम की जगह होते तो क्या करते?

– पहली बात तो यह है कि हम होते तो ऐसी घटना ही नहीं होती। हमारा कल्चर ऐसा नहीं है, हम अधिकारियों का सम्मान करते हैं। यदि कुछ अनबन के कारण अधिकारियों के सम्मान को ठेस पहुंची होती तो हम अगले ही दिन माफी मांग लेते और अधिकारियों को सुरक्षा और उनकी गरिमा का ध्यान रखने की गारंटी देते।

6. दिल्ली में बिगड़ चुके हालात का समाधान क्या है?

– समाधान तो दिल्ली की जनता ही करेगी, जब अगले चुनाव में केजरीवाल को सत्ता से बाहर करेगी। मगर, अभी समाधान केजरीवाल के हाथ में है। उन्हें अधिकारियों को विश्वास में लेना चाहिए। उनसे माफी मांगनी चाहिए। उनकी गरिमा का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बगैर अधिकारियों के कोई भी सरकार ठीक से काम नहीं कर सकती है।

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